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CG- IPS जी.पी.सिंह को हाईकोर्ट से आज भी नही मिली राहत, 2 घंटे बहस के बाद कोर्ट ने सुरक्षित रखा आदेश, FIR निरस्त करने …..

बिलासपुर 16 नवंबर 2021। राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे IPS जीपी सिंह को हाईकोर्ट से आज भी राहत नही मिल पाई है। आज हाईकोर्ट में इस मामले पर दो घंटे तक बहस चली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि जीपी सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में नई याचिका पेश करते हुए आपराधिक प्रकरण निरस्त किए जाने और निर्णय आने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि एफआईआर से पूर्व शासन ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। आज हुए इस मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में हुई।

जहां इस याचिका पर कोर्ट ने निर्णय न लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है।आईपीएस जी.पी.सिंह की याचिका अधिवक्ता आशुतोष पांडेय के माध्यम से हाईकोर्ट में पेश की गई थी। याचिका में जीपी सिंह के वकील ने दलील दी थी कि धारा 17 (क) के तहत एफआईआर से पहले सामान्य प्रशासन विभाग और केंद्रीय कार्मिक विभाग से अनुमति लेना जरूरी है, लेकिन दोनों जगह से अनुमति नहीं ली गई। उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत केंद्रीय कार्मिक विभाग व गृह मंत्रालय से जानकारी लेने पर पता चला कि कार्रवाई करने के पहले प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। इसी के आधार पर वकील ने याचिका में एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई थी, साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर मामले की सुनवाई होते तक एफआई आर पर स्टे देने की भी मांग की गई।

गौरतलब है कि पूर्व में भी हाईकार्ट से राहत नही मिलने पर जीपी सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को हाईकोर्ट स्थनांतरित कर दिया था। इस बीच जी.पी. सिंह के अधिवक्ता ने याचिका को वापस ले लिया। यही वजह है कि इस बार उनकी तरफ से दोबारा धारा 482 के तहत याचिका दायर कर आपराधिक प्रकरण को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की है। जिस पर आज हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

NW न्यूज़ से चर्चा में अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने बताया कि आज मंगलवार को IPS जी.पी.सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई में साक्ष्यों के आधार पर FIR को निरस्त करने की मांग करते हुए फैसला आने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर अपना पक्ष रखा गया। दोनी पक्षो की दलील सुनने के बाद कोर्ट में निर्णय सुरक्षित रख लिया है, जल्द ही इस मामले पर कोर्ट का निर्णय आने की उम्मीद है।

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