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हाईकोर्ट : प्रमोशन प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का निर्देश, गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक व वरिष्ठ प्राध्यापक की पदोन्नति हाई कोर्ट के अंतिम आदेश से रहेगी बाधित

बिलासपुर 31 जुलाई 2023। एस. के. लांझियाना,डॉ. के. पी. नामदेव,डॉ. नीली रोज बेक सह प्राध्यापक और डॉ.अल्पना राम एवं डॉ. सन्मति कुमार जैन प्राध्यापक के पद पर गुरु घासीदास विश्ववविद्यालय बिलासपुर में कार्यरत है।रजिस्ट्रार (कार्यवाहक) गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने आदेश दिनांक 12.01.2023 के तहत को 9000 एवं 10000 ग्रेड पे के एजीपी का लाभ 08.12.2022 साक्षात्कार के तिथि से दिया गया ।

उपरोक्त आदेश से क्षुब्द होकर एस. के. लांझियाना,डॉ. के. पी. नामदेव,डॉ. नीली रोज बेक सह प्राध्यापक और डॉ.अल्पना राम एवं डॉ. सन्मति कुमार जैन प्राध्यापक ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं घनश्याम कश्यप के माध्यम से रिट याचिका दायर की गई जिसमे याचिकाकर्ता का तर्क है किविश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद् के विनियमन के अनुसार,सहायक प्राध्यापक जिन्होंने 5 साल की सेवा पूरी कर ली है,वे 7000 ग्रेड पे के एजीपी के लिए पांच साल पूर्ण करने के तिथि से पात्र होंगे,और 7000 ग्रेड पे पर पांच वर्ष पूर्ण करने पर वह 8000 ग्रेड पे के एजीपी के लिए पांच साल पूर्ण करने के तिथि से पात्र होंगे,और 8000 ग्रेड पे पर तीन वर्ष पूर्ण करने पर 9000 ग्रेड पे के एजीपी के लिए तीन वर्ष पूर्ण करने के तिथि से पात्र होंगे और सह प्राध्यापक पद के लिए नामित किया जाएगा। प्राध्यापक,और सह प्राध्यापक के एजीपी में 3 साल की सेवा पूरी करने पर 10000 ग्रेड पे के एजीपी में प्रोफेसर के रूप में नियुक्त और नामित होने के पात्र होंगे।

याचिकाकर्ता को रजिस्ट्रार गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने उपरोक्त ग्रेड पे का लाभ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद् के विनियमन के विपरीत दिया गया हैयाचिकाकर्ता जिस ग्रेड पे के लिए वर्ष 2017 में पात्र थे उसका लाभ उन्हें वर्ष 2022 से दिया गया है।

याचिकाकर्ता के बाद नियुक्त हुवे सह प्राध्यापक डॉ. हरीश रजक,डॉ. रविशंकर पांडे और डॉ. सुनील जैन जो कि कनिष्ट है,रजिस्ट्रार गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने डॉ. हरीश रजक,डॉ. रविशंकर पांडे और डॉ. सुनील जैन को उस तिथि/वर्ष से 9000 ग्रेड पे का एजीपी का लाभ दिया है,जिस दिन उन्होंने तीन साल की सेवा 8000 ग्रेड पे पूरी की है। लेकिन याचिकाकर्ता के मामले में प्रतिवादी ने 9000 ग्रेड पे का एजीपी आठ साल की सेवा पूरी करने के तिथि से दिया गया है,जो मनमाना और भेदभावपूर्ण है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

याचिका की सुनवाई दिनांक 04.07.2023 को माननीय न्यायाधीश श्री पी. सैम कोशी की एकलपीठ में हुई,माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका में सुनवाई के बाद प्राध्यापक एवं वरिष्ठ प्राध्यापक की पदोन्नति प्रक्रिया हाई कोर्ट के अंतिम आदेश से बाधितरखने का आदेश पारित किया एवंरजिस्ट्रार,गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब फाइल करने का निर्देश दिया।

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