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JNU में दिया धरना तो लगेगा 20 हजार का जुर्माना,छात्रों को भरना होगा भारी-भरकम जुर्माना..

नई दिल्ली 12 दिसंबर 2023| आपने अक्सर सुना होगा कि दिल्ली जवाहलाल नेहरु विश्वविद्यालय में छात्र धरना दे रहे हैं। वहां जबरदस्त नारेबाजी हो रही है। किसी मुद्दे को लेकर छात्र सड़कों पर उतर आये हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं। लेकिन अब ऐसा करना छात्रों को भारी पड़ेगा। अब ऐसा करने पर छात्रों के ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा।

JNU प्रशासन की ओर से जारी किए गए नए आदेश के मुताबिक, कैंपस के अंदर धरना प्रदर्शन करने पर 20 हजार रुपये और राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसे लेकर JNU के छात्रों में नाराजगी है क्योंकि कई बार छात्रों के मुद्दों को लेकर कैंपस के अंदर धरना-प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता था. अब छात्रों को आशंका है कि वाजिब मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर भी उनके खिलाफ भारी जुर्माना लगा दिया जाएगा.

गाली देने पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना
इसके साथ ही नए नियमों के अनुसार किसी छात्र पर शारीरिक हिंसा, किसी दूसरे छात्र, कर्मचारी या संकाय सदस्य को गाली देने और पीटने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा। वहीं अब शैक्षणिक भवनों के साथ जहां कक्षाएं संचालित होती हैं, वहां 100 मीटर के भीतर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने किसी भी प्रकार के अपमानजनक धार्मिक, सांप्रदायिक, जातिवादी या राष्ट्र-विरोधी टिप्पणियों वाले पोस्टर या पंफ्लेट को छापने, प्रसारित करने या चिपकाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

नए नियमों के अनुसार, अगर कोई छात्र ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उस पर या तो 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, दो महीने के लिए छात्रावास से बेदखल कर दिया जाएगा या निष्कासित कर दिया जाएगा। वहीं ऐसे छात्रों को पढ़ाई के लिए सेमेस्टर में पंजीकरण करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे मामलों को अब विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसके अलावा इस पूरे मामले की जानकारी छात्रों के माता-पिता या अभिभावक को भी बताया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कैंपस के अंदर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने वालों पर 10 हजार के जुर्माने का ABVP भी समर्थन करता है लेकिन अगर कोई संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करना चाहता है तो उसे इजाजत दी जाए. बता दें कि इसी साल मार्च के महीने में भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था लेकिन छात्रों के जोरदार प्रदर्शन के बाद इसे वापस लेना पड़ा था.

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