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तेन्दूपत्ता संग्रहण में वृद्धि वनवासियों में लेकर आयी समृद्धि…छत्तीसगढ़ में 12 लाख संग्राहकों द्वारा 630 करोड़ रूपए का तेन्दूपत्ता संग्रहित..आदिवासियों की बड़ी उम्मीद है भूपेश सरकार

गत वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत से अधिक का तेन्दूपत्ता संग्रहण

वनमंत्री श्री अकबर के मार्गदर्शन में संग्राहकों को सतत् भुगतान

वनवासियों के लिए वरदान है भूपेश सरकार

“….इस बार तो खूब तेंदुपत्ता हुआ है…पैसा भी अच्छा मिलेगा, थोड़ा घर बनाना है….और थोड़ा बहुत पैसा बचाना भी है….”….बीजापुर के टेकामाटा का रायडू कोसा बहुत खुश है। दो बेटियां में एक की शादी हो गयी है, दूसरी अभी पांचवीं में पढ़ती है। “हरा सोना” ने इस बार रायडू के चेहरे की चमक काफी बढ़ा दी है। रायडू की ही तरह निकमा, लेकू भीमा, कुंजम कोसा भी खुश है। इस बंपर पूरे गांववालों ने मिलकर रिकार्ड तेंदुपत्ता का संग्रहण किया है। रायडू और उसके साथियों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान बताती है कि किस तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में बस्तर बदल रहा है। तेंदुपत्ता संग्रहण का समर्थन मूल्य बढ़ाना, नकद भुगतान जैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले ने किस तरह से आदिवासियों की जिंदगी बदली है, ये अब कुसी से छुप नहीं है।

मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन और राज्य सरकार की वनवासी उन्नमुखी योजना का ही नतीजा है कि इस साल बंपर तेंदुपत्ता का संगहण है। पिछले साल की तुलना में 21 फीसदी ज्यादा तेंदुपत्ता का संग्रहण होना इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि वनवासी पहले से कहीं ज्यादा समृद्ध और उन्नत बनेंगे।  इस साल छत्तीसगढ़ में वनवासियों ने तेंदुपत्ता का रिकार्ड संग्रहण किया है। 12 लाख संग्राहकों ने 630 करोड़ रूपये का तेंदुपत्ता संग्रहित किया है, जो पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब आदिवासियों के खाते में तेजी से संग्रहण की राशि का भुगतान किया जा रहा है। वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस साल कुल 15 लाख 78 हजार मानक बोरा तेंदुपत्ता का संग्रहण किया गया है, जबकि साल 2021 में ये आंकड़ा 13 लाख 6 हजार मानक तेंदूपत्ता का था। वहीं 2020 ये सिर्फ 9 लाख 73 हजार मानक बोरा ही था। ये आंकड़े बताने के लिए काफी है कि साल दर साल तेंदुपत्ता संग्रहण के प्रति आदिवासियों का रूझान बढ़ता जा रहा है। तेंदुपत्ता संग्रहण आदिवासियों के आर्थिक संबंल का एक बड़ा जरिया भी बनता जा रहा है।

इस साल राज्य सरकार तेंदुपत्ता संग्राहकों को कुल 630 करोड़ रूपये का वितरण किया जायेगा। राज्य लघु वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जगदलपुर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल बीजापुर में 52 हजार संग्राहकों द्वारा 32 करोड़ रूपए के 80 हजार 324 मानक बोरा, सुकमा में 44 हजार संग्राहकों द्वारा 40 करोड़ रूपए के एक लाख मानक बोरा, दंतेवाड़ा में 20 हजार 323 संग्राहकों द्वारा 8 करोड़ रूपए के 19 हजार 408 मानक बोरा तथा जगदलपुर में 43 हजार 178 संग्राहकों द्वारा 6.56 करोड़ रूपए के 16 हजार 396 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।

इसी तरह कांकेर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल दक्षिण कोण्डागांव में 33 हजार 843 संग्राहकों द्वारा 6.93 करोड़ रूपए के 17 हजार 332 मानक बोरा, केशकाल में 35 हजार संग्राहकों द्वारा 10.45 करोड़ रूपए के 26 हजार 118 मानक बोरा, नारायणपुर में 16 हजार 738 संग्राहकों द्वारा 9.61 करोड़ रूपए के 24 हजार मानक बोरा, पूर्व भानुप्रतापपुर में 32 हजार संग्राहकों द्वारा 38.48 करोड़ रूपए के 96 हजार 195 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 33 हजार संग्राहकों द्वारा 31.62 करोड़ रूपए के 79 हजार 058 मानक बोरा तथा कांकेर में 33 हजार 928 संग्राहकों द्वारा 14.82 करोड़ रूपए के 37 हजार 047 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।

दुर्ग वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल राजनांदगांव में 49 हजार 402 संग्राहकों द्वारा 29.25 करोड़ रूपए के 73 हजार 133 मानक बोरा, खैरागढ़ में 27 हजार 552 संग्राहकों द्वारा 14.82 करोड़ रूपए के 37 हजार 053 मानक बोरा, बालोद में 22 हजार 315 संग्राहकों द्वारा 9.09 करोड़ रूपए के 22 हजार 719 मानक बोरा तथा कवर्धा में 31 हजार संग्राहकों द्वारा 16.67 करोड़ रूपए के 41 हजार 666 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। रायपुर वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल धमतरी में 27 हजार 568 संग्राहकों द्वारा 10.26 करोड़ रूपए के 25 हजार 666 मानक बोरा, गरियाबंद में 64 हजार 503 संग्राहकों द्वारा 33.10 करोड़ रूपए के 82 हजार 759 मानक बोरा, महासमुंद में 35 हजार 712 संग्राहकों द्वारा 33.42 करोड़ रूपए के 83 हजार 559 मानक बोरा तथा बलौदाबाजार में 20 हजार 792 संग्राहकों द्वारा 7.32 करोड़ रूपए के 22 हजार 320 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।

बिलासपुर वनवृत्त के अंतर्गत अब तक वनमंडल बिलासपुर में 29 हजार 779 संग्राहकों द्वारा 12.06 करोड़ रूपए के 30 हजार 159 मानक बोरा, मरवाही में 30 हजार 458 संग्राहकों द्वारा 8.80 करोड़ रूपए के 22 हजार 700 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 10 हजार 106 संग्राहकों द्वारा 3.23 करोड़ रूपए के 8 हजार 098 मानक बोरा, रायगढ़ में 39 हजार 422 संग्राहकों द्वारा 22.09 करोड़ रूपए के 55 हजार 230 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 46 हजार 063 संग्राहकों द्वारा 32.94 करोड़ रूपए के 82 हजार 351 मानक बोरा, कोरबा में 35 हजार 445 संग्राहकों द्वारा 21.03 करोड़ रूपए के 52 हजार 597 मानक बोरा तथा कटघोरा में 66 हजार संग्राहकों द्वारा 29.57 करोड़ रूपए के 73 हजार 929 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।

इसी तरह सरगुजा वनवृत्त के अंतर्गत वनमंडल जशपुर में 36 हजार 187 संग्राहकों द्वारा 13.06 करोड़ रूपए के 32 हजार 664 मानक बोरा, मनेन्द्रगढ़ में 30 हजार 504 संग्राहकों द्वारा 17.96 करोड़ रूपए के 44 हजार 912 मानक बोरा, कोरिया में 25 हजार 305 संग्राहकों द्वारा 13.42 करोड़ रूपए के 33 हजार 553 मानक बोरा, सरगुजा में 40 हजार 771 संग्राहकों द्वारा 14.05 करोड़ रूपए के 35 हजार 145 मानक बोरा, बलरामपुर में 98 हजार 560 संग्राहकों द्वारा 56.71 करोड़ रूपए के एक लाख 41 हजार 767 तथा सूरजपुर में 54 हजार 355 संग्राहकों द्वारा 29.68 करोड़ रूपए के 74 हजार 212 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया है।

नकद भुगतान हो रहा तेंदुपत्ता संग्राहकों को

सरकार ने समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी कर वनवासियों के लिए तेंदुपत्ता संग्रहण को मुनाफा का काम तो बनाया ही, उन्हें घर बैठे नकद पैसे दिलाने की भी व्यवस्था की। दरअसल पहले की सरकार में वनवासियों को समर्थन मूल्य के भुगतान बैंकों के जरिये करने का नियम बनाया था, जिसकी वजह से वनवासियों को 50-80 किलोमीटर का पहाड़ी पार कर दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ता था। कई बार तो बैंकों में पैसे नहीं होने की वजह से दो-दो, तीन-तीन बार उन्हें पैसों के लिए भटकना पड़ता था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस परेशानी को समझा और सहृदयता से वनवासियों के पक्ष में निर्णय लेते हुए वनवासियों को तेंदुपत्ता संग्रहण राशि का नकद भुगतान का निर्देश दिया। सुकमा, बीजापुर सहित कई जिलों में आज संग्रहणकर्ताओं को नकद भुगतान हो रहा है। सुकमा एवं बीजापुर जिले के समस्त तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से किए जाने के लिए सहमति प्रदान की गई है। इसमें नकद भुगतान के लिए तेंदूपत्ता संग्राहक की पात्रता के संबंध में भली-भांति जांच व संग्राहकों की संतुष्टि पर कलेक्टर अनुमति देंगे। साथ ही प्रत्येक प्रकरण का नकद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा, और यह नकद भुगतान की कार्रवाई जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण व नियंत्रण में संपन्न होगा।

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