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PSC घोटाले पर मुख्यमंत्री बोले- शिकायत की होगी जांच, दोषी को बख्शा नहीं जायेगा

रायपुर 30 सितंबर 2023। पीएससी घोटाले को लेकर राज्य सरकार जांच करायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायत के आधार पर जांच होगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिकायत आने पर हर एक शिकायत की गंभीरता से जांच करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में दोषी कोई भी हो, सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के साथ, कोई भी उनकी मेहनत पर पानी नहीं फेर सकता। उन्होंने युवाओं से की अपील, किसी भी तरह के बहकावे में ना आए, अपनी तैयारी मेहनत और लगन से करते रहे।

आपको बता दें कि पीएससी घोटाले का गंभीर आरोप लगा है। कहा जा रहा है कि तत्कालीन पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई करीबी रिश्तेदार इस परीक्षा में चयनित हुए हैं, वहीं कुछ कांग्रेस के नेताओं के बच्चे भी सेलेक्ट हुए हैं। यही नहीं भाजपा ने कई बार प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य करकार पर निशाना साधा है। वहीं परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की कॉपियों के आधार पर मूल्यांकन को लेकर भी सवाल ख़ड़े किये थे।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) को लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पीएससी की परीक्षा देने वाले किसी भी एक अभ्यर्थी ने अब तक शिकायत नहीं की है। यदि किसी तरह की कोई भी शिकायत आती है या किसी अभ्यर्थी द्वारा एक भी शिकायत की जाती है तो हम हर शिकायत की गंभीरता से जांच करेंगे। किसी का अधिकार छीनने का किसी को भी हक नहीं है। जब आप योग्य हैं, आप परीक्षा दे रहे हैं, आप पात्रता रखते हैं तो उसका लाभ आपको निश्चित रूप से मिलना चाहिए। यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच करेंगे और यदि कोई दोषी है तो उस पर जरूर कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ हूं। उन्होंने युवा साथियों से अपील करते हुए कहा कि युवा साथी किसी भी तरह के बहकावे में ना आए, अपनी तैयारी मेहनत और लगन से करते रहे। पीएससी की परीक्षा के रिजल्ट आए कई दिन हो गए हैं, अब तक किसी भी अभ्यर्थी द्वारा किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी अधिकारी का पुत्र-पुत्री होने में कोई दोष नहीं है, परीक्षा में सारे अभ्यर्थी समान रूप से शामिल होते हैं और उसी तर्ज पर सफलता पाते हैं। लेकिन यदि इसका अनुचित लाभ उठाया जाता है तो यह गलत है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों द्वारा तरह-तरह के अभ्यावेदन/शिकायत दिए जाते हैं जैसे कि शैक्षणिक अर्हता आयु मे छूट, आरक्षण रोस्टर, लिंग/जन्मतिथि परिवर्तन आवेदनों को भरने में विभिन्न प्रकार की त्रुटि. अनुक्रमांक, केन्द्र, परीक्षा की तिथि आगे-पीछे करने आदि प्राप्त सभी अभ्यावेदनों/शिकायतों पर आयोग द्वारा तत्काल संज्ञान में लिया जाकर निराकरण किया जाता है तथा अभ्यावेदनों/शिकायतों पर आवश्यक कार्यवाही निर्धारित समय में की जाती है जिससे कि अभ्यर्थियों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। वर्ष भर परीक्षाओं को निर्बाध रूप से संपन्न कराने की कार्यवाही लगातार करते रहने एवं अभ्यर्थियों के आवेदनों को समय पर निराकरण करने में आयोग द्वारा पूर्ण पारदर्शिता बरती जाती है। इसके उपरांत अभ्यर्थियों एवं कतिपय लोगों के द्वारा भ्रामक जानकारी देकर आयोग को आक्षेप लगाया गया है कि ये परीक्षा में बैठे हैं, साक्षात्कार में भी उपस्थित हुए हैं. परन्तु उनके उत्तीर्ण होने की घोषणा में दूसरे का नाम जारी कर दिया गया है। उक्त प्रकरण की जांच करने पर शिकायत तथ्यहीन व निराधार पायी गई तथा संबंधित अभ्यर्थी के विरूद्ध आयोग द्वारा एफ.आई.आर दर्ज कराया गया।

इसी प्रकार एक अन्य अभ्यर्थी के द्वारा अधिक अंक प्राप्त होने के उपरांत भी साक्षात्कार में नहीं बुलाने संबंधी अभ्यावेदन/शिकायत आयोग कार्यालय को प्राप्त हुआ था, प्राप्त अभ्यावेदन/शिकायत का परीक्षण करने पर अभ्यावेदन/शिकायत गलत पाया गया। अभ्यर्थी को आयोग के परीक्षा संबंधी समस्त नियमों के अनुरूप अनर्ह किया गया है और इस बाबत अभ्यर्थी को सूचित भी किया गया है। आयोग को पिछले एक वर्ष में विभिन्न अभ्यावेदको से लगभग कुल 95 अभ्यावेदन/शिकायत प्राप्त हुए, जिनमें से 76 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है तथा शेष 19 प्रकरणों पर प्रक्रिया चल रही है। इस प्रकार कोई भी अभ्यावेदन/शिकायत आयोग में शेष नहीं है। उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट हो रहा है कि आयोग प्राप्त अभ्यावेदनो/शिकायतों पर विचार कर की गई कार्यवाही से अभ्यावेदकों को अवगत कराता है।

अभ्यर्थी अधिकृत ई-मेल पर कर सकते हैं शिकायत

यदि किसी भी अभ्यर्थी को आयोग में अभ्यावेदन/शिकायत प्रस्तुत करना हो तो आयोग के अधिकृत ई-मेल आई डी [email protected] एवं आयोग कार्यालय छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, नार्थ ब्लॉक सेक्टर-19, अटल नगर नया रायपुर के शिकायत प्रकोष्ठ (विधि अनुभाग) में सीधे अभ्यावेदन/शिकायत प्रस्तुत कर सकते है, जिनका नियमानुसार निराकरण कराया जाकर संबंधितों को सूचित करने की कार्यवाही की जावेगी।

171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी

CGPSC परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था. भर्ती के लिए कुल पद थे 171. परीक्षा का प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद आई मेंस एग्जाम की बारी. 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मेंस परीक्षा कराई गई. जिसमें कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए. इनको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. जिसके बाद 11 मई 2023 को परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ. 170 अभ्यर्थियों का इसमें फाइनल सिलेक्शन हुआ.

PSC चेयरमैन के करीबियों का सिलेक्शन हुआ

अब इस भर्ती परीक्षा में कथित घोटाले की बात सामने आई है. 18 लोगों की लिस्ट जारी की गई है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि मेरिट लिस्ट में PSC चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों का सिलेक्शन हुआ है. प्रदेश के पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती पर रोक लगाने की बात कही है.

इस मामले में भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने याचिका हाईकोर्ट में लगायी है। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा है कि इस मामले में PSC के चेयरमैन को पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया है. चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच के सवाल का जवाब देते हुए एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि चेयरमैन का पद एक संवैधानिक पद है, इस कारण उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया है.

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि PSC सहित दूसरी संस्था में अधिकारी के बच्चों का चयन होना स्वाभाविक है. लेकिन, PSC के चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन होना कुछ सवाल खड़े करता है. कोर्ट ने मामले की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में चयनित अभ्यर्थियों ने बताया कि भर्ती परीक्षा में पांच नियुक्तियां हो चुकी हैं. ऐसे में रोक लगाना सही नहीं है. इस पर कोर्ट ने पांच अभ्यर्थियों को छोड़कर बाकी लिस्ट की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. ये भी सामने आया है कि जिस नितेश सिंह को PSC चेयरमैन टामन सिंह का बेटा बताया जा रहा था, वो सरपंच रहे राजेश नाम के शख्स का बेटा है. इसके साथ ही प्रज्ञा नायक नाम की अभ्यर्थी की तरफ से भी मामले में हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत किया गया है.

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