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JOB ALERT : इन सेक्टरों में नौकरियों की भरमार ऐसे कर सकते है अप्लाई

नई दिल्ली 2 मई 2023 भारत में अगले पांच वर्षों में लगभग जॉब मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) द्वारा सोमवार को जारी “फ्यूचर ऑफ जॉब्स” नाम की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( AI), मशीन लर्निंग (Machine Learning) और डेटा सेगमेंट के बढ़ते चलन के कारण भारतीय जॉब मार्केट में नौकरियों में करीब 22 प्रतिशत बदलाव देखने को मिल सकता है

न्यू ट्रेंड के कारण ग्लोबल जॉब मार्केट में 2027 तक नौकरियों में 23 प्रतिशत बदलाव आएगा. इस दौरान नौकरियों में वृद्धि की दर 10.2 प्रतिशत और गिरावट की दर 12.3 प्रतिशत हो सकती है.इसके साथ ही रिपोर्ट में पता चला है साल 2027 तक दुनिया भर में 69 मिलियन यानी 6.90 करोड़ नई जॉब्स क्रिएट होंगी जबकि 83 मिलियन (8.30 करोड़) नौकरियां खत्म होने की उम्मीद है. इस तरह देखा जाए तो करीब 14 मिलियन (1.40 करोड़) नौकरियों में कटौती होगी. यह मौजूदा जॉब्स के 2 फीसदी के बराबर है.

इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जॉब मार्केट में जिन वजहों से उथल-पुथल जारी रहेगा, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( AI), मशीन लर्निंग और डेटा सेगमेंट का सबसे बड़ा योगदान होगा. दुनिया भर की जॉब मार्केट में साल 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (38 प्रतिशत), डाटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट्स (33 प्रतिशत) और डेटा एंट्री क्लर्क (32 प्रतिशत) की नौकरियां पैदा होने का अनुमान है.

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WEF की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू ट्रेंड के कारण ग्लोबल जॉब मार्केट में 2027 तक नौकरियों में 23 प्रतिशत बदलाव आएगा. इस दौरान नौकरियों में वृद्धि की दर 10.2 प्रतिशत और गिरावट की दर 12.3 प्रतिशत हो सकती है.इसके साथ ही रिपोर्ट में पता चला है साल 2027 तक दुनिया भर में 69 मिलियन यानी 6.90 करोड़ नई जॉब्स क्रिएट होंगी जबकि 83 मिलियन (8.30 करोड़) नौकरियां खत्म होने की उम्मीद है. इस तरह देखा जाए तो करीब 14 मिलियन (1.40 करोड़) नौकरियों में कटौती होगी. यह मौजूदा जॉब्स के 2 फीसदी के बराबर है.

इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जॉब मार्केट में जिन वजहों से उथल-पुथल जारी रहेगा, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( AI), मशीन लर्निंग और डेटा सेगमेंट का सबसे बड़ा योगदान होगा. दुनिया भर की जॉब मार्केट में साल 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (38 प्रतिशत), डाटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट्स (33 प्रतिशत) और डेटा एंट्री क्लर्क (32 प्रतिशत) की नौकरियां पैदा होने का अनुमान है.

हालांकि, नौकरियों में सबसे बड़ा फायदा एग्रीकल्चर और एजुकेशन इंडस्ट्री से आएगा. रिपोर्ट में पाया गया कि एजुकेशन इंडस्ट्री में नौकरियों में लगभग10 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे वोकेशनल एजुकेशन टीचर और यूनिवर्सिटी और हायर एजुकेशन के लिए 3 मिलियन अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी, वहीं, एग्रीकल्चर प्रोफेशनल जिसमें खास तौर पर एग्रीकल्चरल इक्यूपमेंट ऑपरेटरों, ग्रेडर और सॉर्टर्स के लिए नौकरियों में 15-30 प्रतिशत की वृद्धि देखने की उम्मीद है, जिससे अतिरिक्त 40 लाख नौकरियां बढ़ेंगी.

इसके विपरीत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई में नौकरियों के बढ़ने से कुछ सेक्टर में नौकरियों कम होंगी. इनमें अकाउंटेंट एंड ऑडिटर (5 प्रतिशत), ऑपरेशन मैनेजर (14 प्रतिशत) और फैक्टरी वर्कर 18 प्रतिशत) में सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.

इस सर्वे रिपोर्ट को दुनिया के 27 इंडस्ट्री ग्रुप और 45 इकोनॉमिक रीजन में 11 मिलियन से अधिक लोगों को नौकरियां देने वाली 803 कंपनियों के डेटा के आधार पर तैयार किया गया है.

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