शिक्षक/कर्मचारी

स्टाइपेंड नियम पर टूट रहा है नव नियुक्त शिक्षकों का सब्र : नियमित सर्व शिक्षक फेडरेशन मोर्चा खोलने की तैयारी में… सुशांत बोले- जब विज्ञापन में कटौती का नहीं था जिक्र, तो हमारे वेतन पर कैंची क्यों ?

रायपुर 30 अक्टूबर 2022। स्टाइपेंट नियम की वजह से हर महीने हजारों रूपये का नुकसान उठा रहे नवनियुक्ति शिक्षकों का सब्र अब टूटता जा रहा है। लगातार मांगों पर सरकार की अनदेखी से आक्रोशित नवनियुक्त 15480 शिक्षक अब मोर्चा खोलने की तैयारी में है। छत्तीसगढ़ प्रदेश नियमित सर्व शिक्षक फेडरेशन की तरफ से इस संदर्भ में लगातार मांगें बुलंद की जा रही है कि विज्ञापन में निर्धारित शर्तों के अनुरूप सरकार वेतन और भत्तों का भुगतान किया जा रहा है।

प्रांताध्यक्ष सुशांत धराई ने बताया कि मौजूदा वक्त में 14580 नव नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति हुई है जिसमे शिक्षकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय क्रमश: 70, 80 एवं 90 प्रतिशत भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चौथे साल से पूर्ण वेतन का भुगतान सरकार कर रही है, लेकिन जब विज्ञापन जारी किया गया था, तो उस दौरान ऐसा कोई प्रावधान का जिक्र नहीं था। सुशांत धराई ने कहा कि सरकार के इस फैसले से नियुक्त शिक्षकों को हर माह हजारों रूपये का नुकसान हो रहा है।

वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश नियमित सर्व शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय सचिव शम्मी पुरशेठ ने मंत्री उमेश पटेल जी से मिलकर नव चयनित 14580 शिक्षक जिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं उस से अवगत कराया और बताया कि इसके पूर्व सभी शासकीय नौकरियों में परिवीक्षा अवधि दो वर्ष की होती थी एवं पूर्ण वेतन दिया जाता था तथा हमारे साथ अन्यान्य हो रहा है। इसपर मंत्री ने जल्द मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराने एवं जल्द निराकरण करने की बात कही।।

कार्यकारी अद्यक्ष परवेज़ अली एवं अनिरुध्द साहू ने बताया कि फेडरेशन आने वाले नवंबर महीने में प्रदेश के सभी विधायक ,मंत्री,संसदीय सचिवों से मिलकर अपनी बात को उनके माध्यम से मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाएंगे एवं तब तक नही रुकेंगे जब तक परिवीक्षा अवधि दो वर्ष एवं स्टाइपेंड मुक्त न हो जाएं। उनसे आग्रह किया जाएगा कि स्टाइपेंड को पूर्ण रूप से हटाया जाए एवं परिवीक्षा अवधि दो वर्ष किया जाए।

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