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लोकसभा चुनाव 2024 : CM की कुर्सी गंवाने के बाद भूपेश बघेल की आज बड़ी चुनावी परीक्षा, क्या BJP के गढ़ में कांग्रेस लगा पायेगी सेंध !

रायपुर 26 अप्रैल 2024। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान जारी है। आज देशभर के 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी पारी का इंतजार करते देखे जा सकते है। वहीं छत्तीसगढ़ की तीन लोकसभा सीट में आज मतदान किया जा रहा है। बात करे छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीट राजनांदगांव की तो यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साख दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ रहे भूपेश बघेल के लिए यह बड़ी चुनावी परीक्षा है। लिहाजा राजनांदगांव लोकसभा सीट क्षेत्र की 18 लाख से अधिक मतदाता आज अपने सांसद के लिए मतदान कर रहे है।

लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान सुबह से ही जारी है। देश के 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर गौर करे तो छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट के साथ ही केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल है। केरल के वायनाड से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मथुरा से हेमा मालिनी और राजनांदगांव से भूपेश बघेल की किस्मत का फैसला आज जनता जर्नादन करेगी। बात छत्तीसगढ़ की करे तो राजनांदगांव लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चुनावी मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गयी है। बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 2007 में जीत दर्ज की थी। लेकिन साल 2009 से अब तक यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद राजनांदगांव में पहली बार लोकसभा चुनाव साल 2004 में हुआ था। तब पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने भाजपा से इस सीट पर जीत दर्ज की थी।

लेकिन साल 2007 में हुए उप चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के देवव्रत सिंह से एक बार हार का सामना करना पड़ा था। लिहाजा बीजेपी का अभेद किला बन चुके राजनांदगांव सीट को भेदने के लिए कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी रण में उतारा है। अपने उग्र और आक्रामक तेवर से एक अलग पहचान बनाने वाले भूपेश बघेल के लिए यह बड़ी चुनावी परीक्षा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार और मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद भूपेश बघेल के राजनांदगांव सीट से चुनावी ताल ठोकने के बाद इस सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है। बीजेपी ने इस सीट से एक बार फिर संतोष पांडेय को अपना कैंडिडेट बनाया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में संतोष पांडेय ने कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू को एक लाख से अधिक मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। ऐसे में बीजेपी के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए इस बार कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े चेहरे पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर दांव खेला है।

इसलिए इस सीट पर मुकाबला रोचक होने के साथ ही दोनों पार्टियों के लिए टेंशन भरा है।  राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की बात करे तो यहां की आधी आबादी आज भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आते हैै। इस लोकसभा में आने वाले मोहला-मानपुर और महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में कभी कभार नक्सली वारदात करते रहते हैं। यही कारण है कि शहर की अपेक्षा गांवों में विकास की रफ्तार काफी सुस्त रही। इस क्षेत्र में आज भी पेयजल, पक्की सड़क, बिजली और शिक्षा समेत मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनता मतदान करती है। ऐसे में एक बार फिर बीजेपी से संतोष पांडेय और कांग्रेस पार्टी से पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की जनता किसके सर पर जीत का ताज पहनाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। लेकिन इस सीट पर चल रहे मतदान की रफ्तार को देखकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पार्टी के नेता अपनी जीत को लेकर लगातार दंभ भर रहे है।

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