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योग दिवस पर मंत्री जी का वियोग: गृह जिले में चीफ गेस्ट बनने अफसरों की लगा दी क्लास, फिर भी नही हुआ काम तो माननीय ने कर दिया……..

@VIJAY KUMAR

रायपुर 24 जून 2023। 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे छत्तीसगढ में जोर-शोर से मना। 21 जून की सुबह से ही राजनेता से लेकर स्कूली बच्चें और आम लोग योगाभ्यास में लीन नजर आये। लेकिन इसी योग दिवस के दिन छत्तीसगढ़ के एक मंत्रीजी का वियोग सामने आया। जीं हां वियोग इस बात का…….

कि उन्हे उनके गृह जिले की बजाये पड़ोस के जिले में मुख्य अतिथि बना दिया गया। लिहाजा माननीय ने खुद के गृह जिले में मुख्य अतिथि बनाये जाने को लेकर नीचे से लेकर उपर तक अफसरों को खूब खरी-खोटी सुनाई दी। अब मंत्रीजी के इस व्यवहार को लेकर ब्यूरोक्रेंसी में तरह-तरह की चर्चाए हो रही हैं।

गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी मुहाने पर खड़े छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पार्टियां और राजनेता किसी भी मौके को अब छोड़ना नही चाहते। ऐसे में प्रदेश सरकार अपने गुड गवर्नेंस को लेकर जन-जन तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।

सभी प्रकार के आयोजनों के लिए बकायदा रूप रेखा तैयार कर मंत्री-विधायकों को जिम्मेदारी दी जा रही हैं, ताकि उनके जरिये सरकार की सफल कार्य योजना की जानकारी आम लोगों तक पहुंच सके। लेकिन सरकार में कुछ ऐसे भी माननीय हैं, जिन्हे सरकार की रणनीति से इतर अपनी राजनीति की फिक्र ज्यादा सताने लगी हैं।

जीं हां कुछ ऐसा ही मामला 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन सामने आया। इस विशेष दिन को प्रदेशभर में जोर-शोर से मनाने के लिए सरकार का विशेष निर्देश था। लिहाजा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कार्यक्रम के लिए जिलेवार मुख्य अतिथियों की सूची तैयार की गयी। लेकिन लिस्ट जारी होने से पहले ही प्रदेश के एक मंत्री ने इस सूची पर आपत्ति जता दी।

बताया जा रहा हैं कि मंत्रीजी को पड़ोस के जिले में चीफ गेस्ट बनाये जाने पर आपत्ति थी, लिहाजा माननीय ने खुद के गृह जिले में चीफ गेस्ट बनाने की बात अफसरों के सामने रख दी। चूकि लिस्ट फाइनल हो चुका था। मंत्री जी के गृह जिले के लिए किसी दूसरे का नाम फाइनल किया जा चुका था। ऐसे में लिस्ट में अचानक फेरबदल पर अफसरों ने असहमति जता दी। फिर क्या था मंत्री जी ने अफसरों की क्लास लगा दी और जमकर खरी-खोटी सुनाई।

मामला इतना बिगड़ा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन ना तो मंत्रीजी पड़ोस के जिले में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे…..और ना ही नाराज मंत्री के गृह जिले के लिए फाइनल अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। राजधानी में हुए इस पूरे घटनाक्रम की अब ब्यूरोक्रेसी में जमकर चर्चा हो रही हैं। चर्चा में ये भी बाते अब सामने आ रही हैं कि इन मंत्रीजी के विवादों में रहने के कारण ही उनके जिले के प्रभारी मंत्री जिले का दौरा तक करने से परहेज करते हैं।

बीते लंबे समय से प्रभारी मंत्री के नाम से कई बार प्रोटोकाॅल भी जारी हुए, लेकिन वे किसी ना किसी कारण से इस मंत्री के जिले में जाने और विवादित होने से बचते रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन चयनित मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में आने से ठीक पहले कन्नी काट ली थी।

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