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CG POLITICS: कसडोल की कशमकश, भाजपा और कांग्रेस को एक-दूसरे की लिस्ट का इंतजार

रायपुर 20 अक्टूबर 2023। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही जिस सीट पर अभी तक उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, वो कसडोल विधानसभा है। यहां से कांग्रेस की शकुंतला साहू विधायक हैं। कसडोल की कशमकश लंबी होती नजर आ रही है। यहां कांग्रेस ने दूसरी सूची में भी उम्मीदवार नहीं उतारा। शायद कांग्रेस को भी इंतजार है कि बीजेपी के प्रत्याशी का चेहरा पहले देख लिया जाए। क्योंकि विधायक शकुंतला साहू को मुख्यमंत्री का करीबी बताया जाता है। शकुंतला ने अपनी टिकट के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। ध्यान रहे कि कसडोल में 2018 में हुए चुनाव में गौरीशंकर अग्रवाल को शकुंतला साहू से 48418 वोटों से शिकस्त मिली थी। भाजपा ने अपने पुराने दिग्गज चाहे वे पिछला चुनाव हारे हुए हों, इस बार मैदान में उतार दिया है। एकमात्र गौरीशंकर अग्रवाल वेटिंग में हैं। इसलिए कि बीजेपी जानती है कि मौजूदा कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू लगातार पांच साल तक किसी न किसी विवाद में रही। कांग्रेस के कथित सर्वे में भी उनकी स्थिति अच्छी नहीं रही। पार्टी कार्यकर्ता उनसे नाराज चल रहे हैं। लिहाजा बीजेपी ये देख रही थी कि अगर शकुंतला साहू रिपीट हुई, तो वे भी गौरीशंकर अग्रवाल को रिपीट कर दें।

कौन है शकुंतला साहू ?
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल विधानसभा से पहली बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुनी गई हैं शकुंतला साहू। 2020 में संसदीय सचिव बनाया गया। भाजपा के कद्दावर नेता और विधानसभा अध्यक्ष रह चुके गौरीशंकर अग्रवाल को हराने की वजह से वो सुर्खियों में आ गईं। पलारी के पास रसौटा गांव में जन्मी शकुंतला साहू ने राजनीति शास्त्र व समाजशास्त्र में एमए किया है। उन्होंने तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल के साथ पूरे प्रदेश की पदयात्रा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन्हें अपनी बेटी मानते हैं।

हमेशा विवादों में रहीं शकुंतला

पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू किसी न किसी विवाद को लेकर सुर्खियों में रहीं। कहलाती हैं। एक बार महासमुंद जिले में साहू समाज के युवक युवती परिचय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शकुंतला साहू को अपनी मुंहबोली बेटी बताते हुए कहा था कि मेरी बेटी विधायक शकुंतला साहू के लिए भी दूल्हे की तलाश है। इसके बाद उन्हें लेकर कई विवाद सामने आए। कसडोल में ही क्षेत्रीय जनता के द्वारा विरोध करने पर वो मंच से ही भड़क गईं और जनता को जमकर अपशब्द के थे। बाद में उन्होंने माफी भी मांगी। जिसका वीडियो जमकर वायरल हुआ। पलारी के ग्राम छेरकापुर में विकासखंड स्तरीय छत्तीसगढ़ी ओलंपिक के दौरान कबड्डी खेलते हुए वो मुंह के बल गिर गईं थीं और इसका वीडियो भी जमकर वायरल हुआ था। आईपीएस अंकिता शर्मा के साथ भिड़ंत की वजह से विधायक शकुंतला साहू तब सुर्खियों में आईं। महिला अफसर के साथ बहस की उनकी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई।

शकुंतला के खिलाफ रिकॉर्ड दावेदार

कसडोल से मौजूदा विधायक शकुंतला साहू ने तो इस सीट से टिकट के लिए दावेदारी की ही। उनके समर्थकों में से अधिकांश लोगों ने स्वयं दावेदारी कर दी थी। जिला स्तर पर जब आवेदन जमा हुए तो लोगों के ये देखकर होश उड़ गए कि अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ इतने लोगों ने दावेदारी की है? हालांकि प्रदेश स्तर पर पहुंचते-पहुंचते ये आवेदन खारिज होते चले गए। लेकिन शुरुआती दौर के ही कार्यकर्ताओं की लिस्ट बताती है कि शकुंतला साहू का पार्टी के भीतर ही विरोध कितना है। तब दावेदारों में से जिला प्रभारी महामंत्री गोपी साहू, तेलघानी बोर्ड सदस्य रोहित कुमार साहू, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक राजकमल सिंघानिया, मनोज पाण्डेय,अमर मिश्रा, अजय ताम्रकार, अनुराग पाण्डेय, मानस पाण्डेय, मनीष कुमार मिश्रा,नरेन्द्र कुमार साहू, पदमेश्वरी साहू, भूपेन्द्र विक्रांत साहू, राजेश कुमार साहू, रामचंद्र पटेल, परमेश्वर यदु, अश्वनी वर्मा, मोहन लाल बंजारे, लोकेश कन्नौजे, खिलेन्द्र वर्मा, सुकालू राम यदु, अमृतलाल साहू, प्रवीण कुमार धुरंधर, नीलू चंदन साहू, विमल साहू, पुष्पा मोहन बंजार, आशा चन्द्राकर, प्रीतलाल कुर्रे, योगेन्द्र विमल देवांगन, गणेश शंकर जायसवाल, वामन कुमार टिकरिहा, प्रेमलता बंजारे, ललिता यदु, झब्बूलाल साहू, माखन अनंत, अंजली साहू, देवीलाल बार्वे, ऋत्विक मिश्रा, हरिशंकर जायसवाल, ऋषिराज सिंघानिया, गोरेलाल साहू, गायत्री कैवत्र्य, लखन लाल यादव, हिस्सा राम पैंकरा, योगेश कुमार साहू, हजारीलाल साहू, कुलेश्वर निषाद और प्रभात कुमार दुबे ने कसडोल विधानसभा से टिकट मांगी थी।

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