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एक करोड़ का इनामी नक्सली किशन दा पत्नी के साथ गिरफ्तार……. वर्षों से थी तलाश, 5 स्तरीय सुरक्षा घेरा में रहता था किशन दा….जानिए किस तरह हुई गिरफ्तार

सरायकेला/रायपुर 13 नवंबर 2021। छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों का मोस्ट वांटेड नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा  को पत्नी शीला मरांडी के साथ पुलिस ने उस वक़्त गिरफ्तार किया, जब वो इलाज कराने के लिए जा रहा था।  ये गिरफ्तारी शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे गिरफ्तार कर लिया. दोनों ही माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं. प्रशांत बोस को देश में नक्सलियों का सबसे बड़ा विचारक माना जाता है. इनका काम एक से दूसरे राज्य में घूमकर माओवादियों की विचारधारा को बढ़ाना है. इनकी गिरफ्तारी सरायकेला के चांडिल कांड्रा चौका मार्ग पर टोल गेट के पास हुई. एक वरीय अधिकारी ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.प्रशांत की पत्नी शीला मरांडी भी केन्द्रीय कमेटी सदस्य थी जिसे लगभग डेढ़ दशक पूर्व पुलिस ने ओड़िशा से गिरफ्तार किया था।

 

प्रशांत बोस (74 वर्ष) और उनकी पत्नी शीला (57 वर्ष) वाहन से गिरिडीह के पारसनाथ से वापस आ रहे थे. इसी क्रम में कांड्रा गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास पहुंच कर चालक टोल देने के लिए रुका. इसी दौरान सादे लिबास में पहले से तैयार पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया. इन्हें पश्चिम बंगाल इलाज के लिए जाना था. इनके अलावा वाहन से एक महिला और एक चालक को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है.

बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव थे. इनके जिम्मे झारखंड-बिहार की स्पेशल एरिया कमेटी, पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड, पश्चिम बंगाल स्टेट कमेटी, छत्तीसगढ़ स्पेशल कमेटी और असम स्टेट स्पेशल कमेटी थी. इनकी गिरफ्तारी के लिए छह स्काॅर्पियो से पुलिस के अफसर और जवान सिविल ड्रेस में गये थे. गिरफ्तारी के बाद उन्हें रांची लाकर गुप्त स्थान पर पुलिस के वरीय अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.

तीन-चार माह से की जा रही थी निगरानी :

बोस की गतिविधि पर तीन-चार माह से खुफिया एजेंसियां पैनी नजर रखे हुए थी. बोस की गिरफ्तारी के वक्त खुफिया टीम भी मौजूद थी. श्री बोस पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के जादवपुर गांव के निवासी हैं. इनकी पत्नी शीला मरांडी धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र के नावाटांड़ गांव की निवासी हैं. बोस पर झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने भी इनाम रखा हुआ है. हालांकि इनकी पत्नी शीला मरांडी पर झारखंड में कोई केस नहीं है, वहीं प्रशांत पर सैंकड़ों केस है.

अब भी एक करोड़ के तीन इनामी हैं संगठन में

प्रशांत बोस के बाद झारखंड में माओवादी संगठन में मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सुनिर्मल नंबर दो हैं. बोस के पकड़े जाने के बाद मिसिर बेसरा संगठन में नंबर एक हो गये हैं. मिसिर बेसरा के बाद असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर और अनल दा उर्फ तूफान पतिराम मांझी हैं. इन तीनों पर भी एक-एक करोड़ रुपये का इनाम है. मिसिर बेसरा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य हैं, जबकि असीम मंडल और अनल दा सेंट्रल कमेटी मेंबर हैं.

5 स्तरीय सुरक्षा घेरा में रहता था किशन दा

प्रशांत बोस का सुरक्षा घेरा पांच स्तरीय था। अत्याधुनिक हथियारों से लैस नक्सली चमन उर्फ लंबू के नेतृत्व में सुरक्षा थी। जहां उसका ठिकाना होता था उसके पांच किलोमीटर परिधि क्षेत्र को लैंड माइंन से पाट दिया जाता था ताकि पुलिस लंबी लडा़ई के बाद भी उस तक पहुंच नहीं सके। प्रशांत बोस पिछले पांच दशक से झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में संगठन विस्तार, पुलिस पर बड़े हमले और अमानवीय घटनाओं में शामिल रहा है। प्रशांत बोस को माओवादियों ने पिछले एक दशक से झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिला का सबसे सुरक्षित माना जाने वाला सारंडा, कोल्हान एवं पोड़ाहाट के जंगलों में स्थान बदल-बदल कर अपने सुरक्षित ठिकाने पर रखा था। सारंडा में प्रशांत बोस की सुरक्षा की जिम्मेदारी कुख्यात नक्सली चमन उर्फ लंबू उर्फ करमचंद के हाथों में थी।

 

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