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नये CDS अनिल चौहान को आतंकियों के सफाये में माना जाता है एक्सपर्ट….जानिये कौन हैं नये चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जो आतंकी मूवमेंट की प्लानिंग को खुद लीड करते हैं…

नयी दिल्ली 28 सितंबर 2022। भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान (Anil Chauhan) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में नियुक्त किया है। ये भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। इससे पहले जनरल बिपिन रावत इस पद पर तैनात थे, जिनकी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।  बिपिन रावत पहले व्यक्ति थे जिन्हें इस पद के लिए चुना गया था। केंद्र सरकार ने जून में गजट नोटिफिकेशन जारी कर देश के अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पद पर नियुक्ति के लिए तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के नियमों में बड़ा बदलाव किया था। बता दें कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे में हुए निधन के बाद से यह पद रिक्त था।

डिफेंस मिनिस्टरी ने सीडीएस पद के लिए योग्य अधिकारियों के दायरे को विस्‍तृत करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ अन्य शीर्ष अफसर सीडीएस पद के लिए योग्य होंगे। डिफेंस मिनिस्टरी की ओर से जारी नोटिफिकेशन में एक और अहम बदलाव यह किया था कि हाल ही में रिटायर सेना प्रमुख और उप-प्रमुख भी इस पद के लिए योग्य होंगे। हालांकि, इसके लिए आयु सीमा 62 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ था. साल 1981 में उन्होंने भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स को ज्वॉइन किया. वह नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़कवासला और इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून के एल्युमनी रहे. सेना में 40 साल के सेवाकाल के दौरान जब वो मेजर जनरल रैंक पर थे, तब उन्होंने नॉर्दन कमान के बारामुला सेक्टर में इन्फ्रेंट्री डिविजन को संभाला था. बाद में जब वो लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) बने तो पूर्वोत्तर में एक कॉर्प को लीड किया. बाद में वो ईस्टर्न कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहे. सितंबर 2019 में ये पद अपनाने के बाद जब वो पिछले साल मई 2021 में रिटायर हुए, इसी पद पर बने रहे. लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को उनके आतंकवाद के सफाए के लिए किए गए काम के लिए जाना जाता है. जब वो जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड थे, तो सेना के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस को प्लान करने में उनकी अहम भूमिका रही।

. इसका अच्छा खासा अनुभव लेकर वो पूर्वोत्तर के इलाके में जब पहुंचे तो वहां भी उन्होंने उग्रवाद के सफाए में अहम भूमिका निभाई. इस दौरान सेना में उनकी अलग-अलग कमान, स्टाफ इत्यादि जगहों पर हुई नियुक्तियों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत बनाया. इसके अलावा उन्होंने अंगोला में यूनाइटेड नेशंस के मिशन में अपनी सेवाएं दी हैं. 31 मई 2021 को अपनी रिटायरमेंट के बाद भी वो देश की सुरक्षा और रणनीति को तय करने का काम करते रहे. उन्होंने डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन का प्रभार भी संभाला है. सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान (रिटायर्ड) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है. देश का नया सीडीएस बनने के साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति से संबंधित तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए इसी साल गजट अधिसूचना जारी की थी. इसके मुताबिक केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर सैन्य अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाने को अनुमति दे दी थी.

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