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कर्मचारियों की खबर : छत्तीसगढ में भी क्या अनियमित व संविदाकर्मी होंगे नियमित…मंत्री और कांग्रेस पार्टी की तरफ से आये ट्वीट ने नियमितिकरण की दिशा में दिये संकेत

रायपुर 28 अक्टूबर 2022। राजस्थान और उड़ीसा की तर्ज पर छत्तीसगढ में भी अनियमित कर्मचारियों को भूपेश सरकार जल्द तोहफा दे सकती है। यूं तो इसकी सुगबुगाहट लंबे समय से चल रही थी, लेकिन अब जिस तरह से संकेत मिल रहे हैं, उससे एक बात स्पष्ट है कि जल्द ही सरकार नियमित करने की दिशा में बढ़ सकती है। 30 सितंबर को ही सरकार ने सभी विभागों को पत्र लिखकर अनियमित व अनुबंधित कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। आंकड़े मिलने के बाद इस प्रक्रिया में और भी तेजी आ सकती है। हालांकि वित्त विभाग अभी वित्तीय भार का पूरा आकलन नहीं कर पाया है लेकिन अनुमान है कि प्रदेश सरकार के 45 हजार अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण में 700-800 करोड़ रुपए खर्च आ सकता है।

इधर कांग्रेस ने अपने आफिसियल ट्वीटर पर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर लिखा है…

पूरा करेंगे एक और वादा, अनियमित और संविदा कर्मियों को नियमित करने की तैयारियां शुरू।

वहीं छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने भी एक ट्वीट कर लिखा है…

https://twitter.com/amarjeetcg/status/1585568664291803136

हालांकि राज्य सरकार की तरफ से अनियमित और संविदाकर्मियों को नियमित करने के मामले को लेकर कई बार जानकारी मंगायी गयी है। कई बार ये मामला विधानसभा में भी उठा था, लेकिन इस बार जिस तरह से कांग्रेस पार्टी की तरफ से ट्वीट किया गया और कैबिनेट मंत्री ने ट्वीट कर नियमितिकरण के संकेत दिये हैं, उससे एक बात तो साफ है कि जल्द ही अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण की सौगात मिल सकती है। हालांकि अधिकारिक जानकारी इस संदर्भ में नहीं मिल पायी है।

राजस्थान और उड़ीसा में नियमितिकरण
राजस्थान और उड़ीसा सरकार ने हाल ही में अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया है। छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस ने चुनावी घोषणा-पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। अशोक गहलोत सरकार ने दिवाली के पहले यह सौगात दी है। राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने चुनाव 2018 के घोषणा-पत्र में राज्य के अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख किया था।वहीं 11 दिसंबर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी। वहीं 16 सितंबर 2022 को कर्मचारी संगठनों की मांगों पर परीक्षण के लिए प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में एक और कमेटी बनी।

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