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नहीं कर पाएंगे अब मांगलिक कार्य ,इस तारख से लगने जा रहे खरमास , जानें खरमास के नियम और विधि विधान

नई दिल्ली 14 दिसंबर 2023 हिंदू शास्त्रों में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को शुभ मुहूर्त में करने की परंपरा है. बता दें कि देवउत्थान एकादशी से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हुई थी और 15 दिसंबर के बाद इस पर रोक लगने वाली है. दरअसल, बता दें कि 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत होने वाली है और 14 जनवरी तक खरमास माह रहेगा. सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास की शुरुआत होती है. जानें इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

बता दें कि खरमास के दौरान शादी-विवाह, मुंडन, छेदन, वधू प्रवेश, षोडश महादान, शिशु संस्कार, आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. पूरे एक माह तक इन कार्यों पर रोक रहने के बाद मकर संक्रांति के दिन से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. जानें कब से कब है खरमास 2023.
खरमास में क्‍यों नहीं होते मांगलिक कार्य
ज्‍योतिष के जानकारों के अनुसार, सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो वह अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं और उनका प्रभाव कम हो जाता है। यही वजह है कि इस वक्‍त कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। यह भी माना जाता है कि खरमास के दौरान गुरु का बल भी कमजोर हो जाता है और शुभ कार्य के वक्‍त सूर्य और गुरु दोनों का ही शुभ स्थिति में होना जरूरी है इस वजह से खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

खरमास में क्‍या न करें
खरमास के दौरान विवाह, सगाई या फिर शादी से जुड़ा कोई भी कार्य करना मना होता है। कहा जाता है कि खरमास में शादी या सगाई करने वाले दंपतियों को कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है और उन्‍हें वैवाहिक सुख नहीं मिलता है।

खरमास में नए घर में प्रवेश भी नहीं किया जाता है। ऐसा करने से दोष लगता है और घर में रहने वाले लोगों का जीवन तनाव में कटता है।

खरमास में किसी प्रकार के नए व्‍यापार का आरंभ भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता के रास्‍ते में बाधा आती है और आपको नए कार्य में काफी संघर्ष करना पड़ता है।

खरमास में मुंडन, जनेऊ या फिर कोई अन्‍य संस्‍कार करना भी अच्‍छा नहीं माना जाता है। खरमास में व्‍यक्ति को ध्‍यान लगाकर भगवान की पूजा करनी चाहिए और सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

खरमास में क्‍या करना चाहिए
खरमास में रोजाना सुबह उठकर सूर्य की पूजा करनी चाहिए और सूर्य को अर्घ्‍य देना चाहिए।

खरमास में जप, तप, दान आदि करने से आपके जीवन से सभी प्रकार के कष्‍ट समाप्‍त होते हैं और आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

खरमास में गाय, गुरु, ब्राह्मण और संन्‍यासियों की सेवा करनी चाहिए। इस महीने पवित्र नदियों में स्‍नान करने का विशेष महत्‍व होता है। ऐसा करने से आपको पुण्‍य की प्राप्ति होती है।

खरमास में किसी पवित्र तीर्थस्‍थान की यात्रा करने से आपको विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है और आपको बैकुंठ लोक में स्‍थान प्राप्‍त होता है।

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