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NW न्यूज 24 स्पेशल : स्वाबलंबन को लेकर CM भूपेश की नयी सोच… रीपा केंद्रों के ग्रामीण उद्यमी होंगे नये तकनीक से लैश.. बार्क की मदद से मिलेगी तकनीकी दक्षता

रायपुर, 24 फरवरी 2023। भूपेश सरकार ने चार साल के कार्यकाल में आत्म निर्भरता की दिशा में कई कदम उठाये हैं। उसी कड़ी में अब ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को भी नयी उड़ान देने की कोशिश भूपेश सरकार ने की है। छत्तीसगढ़ सरकार अब गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों यानि रीपा में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) मुम्बई के सहयोग से ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित करने जा रही है। इसके तहत सभी रीपा सेंटरों में ग्रामीण तकनीक का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण देने के लिए ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों में 72 से ज्यादा ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यम तकनीक का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा।

बार्क द्वारा  यहां मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएंगे। बार्क के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और रीपा में ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों की स्थापना में सहयोग दिए जाने की सहमति दी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के 300 गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 300 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है।

रीपा ला रहा है आर्थिक संबल

कई रीपा का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां विभिन्न ग्रामीण उद्यम संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों में युवाओं को विभिन्न रोजगार-व्यवसाय का प्रशिक्षण, फल सब्ज्यिों और लघु वनोपजों के विभिन्न उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई योजना आयोग की बैठक में रीपा में ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों की स्थापना तथा गोबर से विद्युत उत्पादन की आधुनिकतम तकनीक व इकाईयों के विस्तार को लेकर सार्थक चर्चा हुई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित किया जाएगा।

रीपा को मिली केंद्र की भी सराहना

बैठक में बार्क के अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण तकनीकी केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जुड़ने का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन केन्द्रों में फल-सब्जी और वनोपजों से विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने की विधि एवं अन्य विधाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुषमा ताईषेते ने राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन और खाद्य विकिरण तकनीक के संबंध में राज्य की दूरदृष्टि और राज्य की पहल की सराहना की। उन्होंने राज्य में स्थापित सभी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापना में सहयोग का आश्वासन दिया। बार्क के वैज्ञानिकों डॉ. एस. गौतम, डॉ. एस.टी. मेहेत्रे ने खाद्य पदार्थो के लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के संबंध में आधुनिक विकरण तकनीक की जानकारी दी।

 छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा वर्मी कंपोस्ट उत्पादक राज्य

गोठानों में गोबर से बिजली उत्पादन हो रहा है। वहीं छत्तीसगढ़, देश में सबसे बड़ा वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक राज्य है। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा के मुताबिक राज्य में खाद्य विकिरण तकनीक की संभावनाओं और इससे आजीविका सृजन की काफी संभावना है। उन्होंने राज्य में महुआ, इमली, टमाटर आदि व लघु वनोपजों तथा अन्य उत्पादों को सुरक्षित रखने एवं उसकी उपयोगिता को लेकर बार्क से तकनीक सहयोग की अपेक्षा जतायी।

महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना क्या है?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर 2022 गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना (RIPA CG) का शुभारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे। इसके पश्चात क्रमशः सभी जिलों में रीपा का डेवलपमेंट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज गांधी जयंती का दिन है इसीलिए हम महात्मा गांधी का स्वप्न स्वावलंबी ग्राम स्वराज सिद्ध करने जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत गांव में बने गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।  Mahatma Gandhi Rural Industrial Park (RIPA) Yojana के अंतर्गत गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में रहते परिवारों की आय में वृद्धि हो पाएगी साथ ही साथ उन्हें अपनी आय में वृद्धि करने के लिए नए स्त्रोत मिल पाएंगे। इस योजना के कारण गांव के लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो पाएंगे। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को अपने गांव में ही आय का विकल्प उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि ग्रामीण गरीब परिवारों के लोग अपनी आय में वृद्धि कर पाए। इसलिए Rural Industrial Park Yojana Chhattisgarh के अंतर्गत पहले चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे। यह राज्य के सभी विकास खंडों में दो रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि इस योजना के कारण राज्य का हर एक गांव आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हो पाएगा।

आर्थिक रूप से सक्षम महिलाओं से होने वाला सामाजिक परिवर्तन

नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी के तहत जिले में निर्मित गौठानों में महिला स्व.सहायता समूह द्वारा विभिन्न आजीविका संवर्धन और हितग्राही मूलक आर्थिक गतिविधियों से आत्म निर्भर बनती छत्तीसगढ़ की महिलाएं बहुत जल्दी ही देश और दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करने वाली हैं. एक महिला का आर्थिक रूप से सक्षम होना और मानसिक रूप से चैतन्य होने का असर समाज पर क्या पड़ता है ये छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में जाकर देखा जा सकता है. सम्पन्नता का झुकाव शिक्षा, स्वच्छता और मानसिक स्वतंत्रता की ओर होता है. आज छत्तीसगढ़ के विकासित होतें गांव में इसकी भी झलक देखी जा सकती है. ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गौठानों ने आर्थिक संपन्नता का एक नया रंग भर दिया है. ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का रास्ता गौठानों ने बखूबी दिखाया है. गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, गोबर का दीया, गोबर का गमला, अगरबत्ती, साबुन निर्माण सहित अन्य आजीविका गतिविधियां संचालित की जा रही है. आसपास के ग्रामीण बाजारों मे समूह की महिलाओं ने अपनी अच्छी पकड़ मजबूत की है.

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