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NW स्टोरी- छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना,कोरोना ने किया बेसहारा तो अभिभावक बने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ‘महतारी’ की तरह ‘दुलार’ देकर बच्चों को शिक्षित कर रही सरकार

  • कोरोना ने किया बेसहारा तो अभिभावक बने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ‘महतारी’ की तरह ‘दुलार’ देकर बच्चों को शिक्षित कर रही सरकार

रायपुर 15 जून 2023 कोरोना की महामारी ने न जाने कितने परिवार तबाह कर दिए. आर्थिक तौर पर परिवारों की कमर तो टूटी ही, बहुतायत में बच्चों के सिर से उनके अभिभावकों का साया भी उठ गया. ऐसे वक्त में देशभर में कोई मसीहा बन के उभरा तो वो हैं छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना संक्रमण में बेसहारा बच्चों के लिए सिर्फ सहारा नहीं बने बल्कि उनके अभिभावक बन गए. ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया, या बच्चों के जीवन यापन की जिम्मेदारी उठाने वाले ऐसे परिवार जिनमें माता-पिता की मृत्यु हो गई हो उनकी सुध लोकहित को सर्वोपरी मानकर सनवेदनशीलता के साथ काम करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ली. छत्तीसगढ़ सरकार के नेतृत्वकर्ता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना महामारी में बेसहारा हुए बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना‘ लॉन्च किया. जिसके तहत कोरोना महामारी में जिन बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया है, उन्हें शासन नि:शुल्क स्कूली शिक्षा का लाभ दे रही है. साथ ही पात्र छात्रों को हर महीने स्कॉलरशिप भी दी जा रही है. इस योजना की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2021-22 में हुई.

महतारी दुलार योजना का उद्देश्य-

छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का मुख्य उद्देश्य है कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों को पढा-लिखाकर उनका भविष्य निर्माण करना. जिसके तहत ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कोरोना की वजह से माता या पिता अथवा दोनों की मौत हो गई हो, उनके घर में कमाने वाले व्यस्क सदस्य नहीं होने के कारण अगर भरण-पोषण की समस्या से जूझ रहे हैं तो उन बच्चों को नि:शुल्क स्कूली शिक्षा दी जा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई वाली छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना के कारण अनाथ या निराश्रित बच्चों के लिए महातारी दुलार योजना के तहत निजी स्कूलों या सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रही है. इसके तहत कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को 500 रुपये प्रतिमहीने छात्रवृत्ति या वजीफा राशि प्रदान की जा रही है. वहीं कक्षा 9 से 12 तक के प्रत्येक बच्चे को 1000 रुपये प्रति महीने की राशि दी जा रही है. छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का एक उद्देश्य कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना भी है

योजना की ये है खासियत-

कोरोना में बेसहारा हुए बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश में प्राथमिकता दी जा रही है. उनसे कोई फीस भी नहीं ली जा रही है. छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली पेंशन की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है. प्रदेश के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर कॉलेज तक निशुल्क शिक्षा भी इस योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही है. शासकीय और प्राइवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवत्ति के लिए पात्र होते हैं. इस योजना का लाभ वह सभी बच्चे उठा पाएंगे जिनके माता-पिता या फिर अभिभावक की मृत्यु साल 2021 तक कोरोना से हुई है

इंगलिश मीडियम स्कूल में प्राथमिकता-

छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के अंतर्गत बेसहारा हुए ऐसे बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ना चाहते थे, उन्हें वहां आवेदन करने पर प्राथमिकता से प्रवेश दिया गया है. उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जा रही है. पात्र बच्चों को प्रदेश के शासकीय स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है

महतारी दुलार योजना के तहत स्कालरशिप-

इस योजना के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक प्रतिमाह पांच सौ रूपये, वहीं कक्षा नवमी से बारहवीं तक प्रतिमाह एक हजार रूपये की छात्रवृत्ति शासन द्वारा दी जा रही है

योजना के लिए पात्रता-

घर में कमाने वाले माता या पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई हो

माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई हो

माता- पिता का निधन पूर्व में हो गया था और उनके वैध अभिभावक की कोरोना से मौत हुई हो

कोरोना से मौत 2021 तक की अवधि में हुई हो

छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज-

आवेदक का आधार कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
राशन पत्रिका
आधार कार्ड
शिक्षा दस्तावेज
माता-पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र (डॉक्टर द्वारा सत्यापित)

छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना आवेदन करने की प्रक्रिया-

इसके लिए जिला मुख्यालय, ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर, और नगर-निगम में या समाज कल्याण विभाग में आवेदन किया जाता है. जहां आवेदन फॉर्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना होता है. छात्र स्वयं या अभिभावक द्वारा अपने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले जिला शिक्षा अधिकारी के ऑफिस जाना होता है. वहां से इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करना होता है. इसके बाद आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारी जैसे कि नाम, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होता है. संपूर्ण जानकारी दर्ज करने के बाद अपने सभी दस्तावेज अटैच करने होते हैं. सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच करने के बाद इस आवेदन पत्र को जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा करना होता है. इस तरह छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना ऑफलाइन आवेदन किया जाता है……

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