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सहायक शिक्षकों के निशाने पर प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ?….व्हाट्सएप ग्रुप में शर्मनाक व भद्दी टिप्पणी…..NW ने पूछा, तो बोले- गलत लगा तो मैं माफी मांगता हूं, …..उधर प्रमुख सचिव के निजी फेसबुक पर भी टिप्पणी के लिए उकसाने की कोशिश… कौन है इसके पीछे, पढ़िये पोस्ट ?

रायपुर 25 दिसंबर 2021। सहायक शिक्षकों के आंदोलन को भटकाने का प्रयास तो नहीं हो रहा है ?… क्या सरकार और फेडरेशन के संवाद को खत्म करने की कोशिश तो नहीं हो रही है?… ये सवाल इसलिए क्योंकि सहायक शिक्षकों का एक खेमा अब सीधे तौर पर प्रमुख सचिव पर व्यक्तिगत रूप से टिप्पणी कर रहा है। कुछ आपत्तीजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। लिहाजा ये माना जा सकता है कि अब सहायक शिक्षक फेडरेशन से इतर भी एक खेमा सक्रिय है जो बातचीत की कड़ी को बर्बाद करना चाहता है।

इससे पहले  छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षकों की हड़ताल का 15वें दिन भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। दूसरे दौर की वार्ता भी शुक्रवार को बेनतीजा रही है। दो दौर की वार्ता विफल होने के साथ ही सहायक शिक्षकों का आंदोलन भी अब बेपटरी होता दिख रहा है। सहायक शिक्षकों की तरफ से अब शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला पर टिप्पणी की जा रही है। आलोक शुक्ला के खिलाफ ना सिर्फ शर्मनाक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा, बल्कि आलोक शुक्ला के फेसबुक वाल पर जाकर भी इस तरह की भद्दी टिप्पणी करने के लिए मैसेज वायरल किये जा रहे हैं।

कल देर शाम जब दूसरे दौर की वार्ता विफल हुई तो उसके बाद फेडरेशन के पूर्व पदाधिकारी जाकेश साहू ने एक आपत्तिजनक व्हाट्सएप पोस्ट कई ग्रुपों में डाली, जिसका स्क्रीन शॉट जमकर वायरल हो रहा है। उस पोस्ट में आलोक शुक्ला के बारे में जिस तरह की बातें लिखी गयी है, उसे लेकर शिक्षकों की तरफ से ही कड़ी नाराजगी जतायी जा रही है।

इस पोस्ट के वायरल होने पर जब NW न्यूज ने जाकेश साहू से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने साथियों के बीच ये बातें कही थी, जिसे गलत तरीके से वायरल किया जा रहा है। जाकेश ने कहा कि

“कल जब दूसरे दौर की वार्ता विफल हुई तो मैंने अपने साथियों के लिए बातें लिखी थी। मैंने अपने साथियों से कहा कि आलोक शुक्ला रिटायर हो गये हैं, रिटायर आदमी से बात करने का कोई मतलब नहीं है। प्रतिनिधिमंडल के लोग जाते हैं और फिर उसी तरह से वापस आ जातेहैं तो मैंने अपने साथियों के लिए कहा था, कि ठीकठाक लोगों से बात करो। आलोक शुक्ला के पास जाने पर बार-बार वो कमेटी की बात करते हैं। इसलिए मैंने ये लिखा था। मेरा कोई गलत मकसद नहीं था, अगर मेरी बातों से कुछ तकलीफ हुई है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं”

आपकोे बता दें कि पहले दौर की वार्ता जब से टूटी है, तभी से आलोक शुक्ला पर निजी तौर पर सहायक शिक्षक अटैक कर रहे हैं। आलोक शुक्ला के फेसबुक वाल पर अनर्गल बातें लिखी जा रही है। NW न्यूज के पास वो स्क्रीन शॉट भी मौजूद हैं, जिसमें ये कहा जा रहा कि कहीं सहायक शिक्षकों को आलोक शुक्ला के वाल पर पोस्ट करना चाहिये।

ऐसे में अब ये आरोप लगने लगा है कि कहीं सहायक शिक्षकों का आंदोलन भटकाने का प्रयास तो नहीं हो रहा है। कहीं सहायक शिक्षकों और सरकार के बीच संवाद को तोड़ने की कोशिश तो नहीं हो रहा है। क्योंकि सरकार की आलोचना करते-करते अब सहायक शिक्षकों का एक खेमा सीधे तौर पर प्रमुख सचिव पर निजी तौर पर हमला करने लगा है।

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