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प्रमोशन ब्रेकिंग : हिंदी/संस्कृत शिक्षक पदों पर काउंसिलिंग को लेकर दुर्ग JD को जारी हुआ अवमानना नोटिस, लिखा- “पदोन्नति व काउंसिलिंग आदेश तुरंत रद्द करें” पढ़िये नोटिस

रायपुर 19 अप्रैल 2023। दुर्ग संभाग में हिंदी शिक्षक के पद पर प्रमोशन अटक सकता है। दरअसल हिंदी और संस्कृत विषय के दोनों पदों को जोड़कर पदोन्नति का आदेश जारी किया गया था। जिसके लिए 20 अप्रैल को काउंसिलिंग भी होनी थी। लेकिन इस मामले में पूर्व से ही हाईकोर्ट में याचिका दायर है, जिस पर कोर्ट ने स्टे दे रखा है। कोर्ट के स्टे के बावजूद दुर्ग संयुक्त संचालक ने हिंदी-संस्कृत विषय में संयुक्त रूप से 372 पदों पर प्रमोशन का आदेश जारी कर दिया। मामला पूर्व से ही हाईकोर्ट में हैं और कोर्ट ने इस पर स्टे दे रखा है, लिहाजा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने दुर्ग संयुक्त संचालक को अवमानना का नोटिस भेजा है।

नोटिस में याचिकाकर्ता का हवाला देते हुए कहा गया है कि पूर्व में हिंदी और संस्कृत संयुक्त रुप से जोड़कर पूर्व में 286 पद (ई संवर्ग के लिए 231 एवं टी संवर्ग के लिए 55 पदों) के लिए जारी किया गया था, जिसे बाद में संशोधित कर 372 कर दिया गया है। कोर्ट में पूर्व में ही याचिका दायर कर कहा गया था कि हिंदी और संस्कृत दो अलग-अलग विषय हैं, इसलिए उनमें एक साथ पदोन्नति नहीं दी जा सकती। दोनों विषय के लिए अलग-अलग सेटअप जारी करना जरूरी है। इसके बाद ही प्रमोशन की प्रक्रिया की जा सकती थी। इस मामले में दायर याचिका पर 22 फरवरी को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्टे लगा दिया था। जब तक हिंदी और संस्कृत के अलग-अलग पद जारी नहीं किये जाते तब तक प्रमोशन नहीं दिया जा सकता था।

नोटिस में अधिवक्ता ने कहा है कि स्थगन आदेश की अवहेलना करते हुए हिन्दी शिक्षकों के पद पर पदोन्नति आदेश जारी किया गया है, जो माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के विपरीत है क्योंकि अभी यह स्पष्ट रूप से अधिसूचित नहीं की गयी कि हिन्दी के और संस्कृत के अलग अलग कितने पद हैं।यह कि हिन्दी पद में प्रमोशन देने से संस्कृत का पद प्रभावित होगा क्योंकि दोनों के पृथक पृथक पद अधिसूचित नहीं किये गये है एवं इस प्रकार संस्कृत पद पर रोक लगाने से स्थगन आदेश की अवहेलना होगी।

यह कि, आपके द्वारा की गयी हिन्दी / संस्कृत की संयुक्त पद संरचना ही याचिका में चुनौती दी गयी है, जिसे स्वीकार करते हुए ही स्थगन आदेश जारी किया गया है आप जब तक न्यायालय स्थगन आदेश नहीं हटाती तब तक प्रमोशन आदेश हिन्दी के लिए ही जारी नहीं किया जा सकता है क्योंकि वह संस्कृत के पदों को भी प्रभावित करेगी क्योंकि दोनों की संयुक्त पद संरचना को अलग अलग जारी कर पृथक पृथक दोनों के लिए कितना पद है इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गयी है एवं इस प्रकार आज की तिथि में दोनों विषय कीसंयुक्त सूची है यदि पदोन्नति किया जाता है तो वह न्यायालय के स्थगन आदेश की विरूद्ध होगी एवं धारा 12 न्यायालय अधिनियम अवमानना के तहत दंडनीय है।

अतः आपको सूचित किया जाता है कि तत्काल आपके द्वारा जारी हिन्दी शिक्षक पद के लिए किये गये जारी पदोन्नति आदेश दिनांक 06.04.2023 को निरस्त करें एवं 20 तारीख को होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाये अन्यथा मेरा पक्षकारगण आपके विरूद्ध धारा 12 न्यायालय अवमानना अधिनियम के तहत् अवमानना की कार्यवाही करेंगे जिस पर संपूर्ण जवाब आप लोग स्वयं होंगे।

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