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PSC Topper Interview : भैया कलेक्टर … भाभी SP… और अब छोटा भाई PSC टॉप कर बना डिप्टी कलेक्टर, ना फेसबुक, ना व्हाट्सएप, 5-6 महीने की मेहनत में शुभम देव ऐसे बने PSC टॉपर

रायपुर 7 सितंबर 2023। भैया कलेक्टर…भाभी एसपी और अब छोटा भाई डिप्टी कलेक्टर! PSC 2022 में मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के भाई शुभम देव सेकंड टॉपर रहे हैं। हालांकि पुरुषों के वर्ग में वो टॉपर हैं, जबकि ओवरऑल मेरिट लिस्ट में देखा जाये, तो उनकी रैंक सेकंड टॉपर है। अंबिकापुर के रहने वाले शुभम का ये छत्तीसगढ़ PSC में पहला प्रयास था, जिसमें उन्होंने शानदार सफलता हासिल की। IIT कानपुर से बीटेक करने वाले शुभभ इससे पहले UPSC में भी कई बार मेंस और इंटरव्यू दे चुके हैं। ये बात अलग है कि उन्हें कामयाबी का अभी इंतजार है। कमाल की बात ये है कि PSC में टॉपर बनने के लिए शुभम ने ज्यादा दिनों तक तैयारी नही की। शुभम कहते हैं कि UPSC के एग्जाम के बाद थोडा़ टाइम था, तो मैंने 5-6 महीने की तैयारी में PSC दी, अच्छा रैंक आ गया, तो अच्छा लग रहा है।

nwnews24.com से बात करते हुए टॉपर शुभम देव ने कहा कि PSC की कामयाबी खुशी देने वाली है, लेकिन मेरा लक्ष्य तो UPSC है। 2017 में बीटेक के बाद से ही UPSC की तैयारी में जुटे शुभम को UPSC में शुरुआती प्रयास में कामयाबी नहीं मिली। वो बताते हैं कि 2018-2019 के पहले दो प्रयास में तो उनका प्रीलिम्स भी नहीं निकला, लेकिन 2020 में प्री, मेंस और फिर उसके बाद इंटरव्यू तक पहुंचे। लेकिन इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद भी उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया। उसके बाद फिर 2021-2022 में उन्होंने मेंस लिखा, अब फिर 15 सितंबर से उनका मेंस होने वाला है।

ये पूछे जाने पर कि क्या आपको टॉपर बनने की उम्मीद थी, जवाब में शुभम कहते हैं मैं मानता हूं कि ढ़ाई सिलेबस देखकर होती है, रैंक देखकर नहीं होती। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, आप अगर लगे रहते हैं, नाकामी को सबक के तौर पर सीखने का आपमें जज्बा है, तो फिर आपको असफलता और मजबूत बनाती जाती है। उन्होंने कहा कि उनका करियर उतार चढ़ाव से भरा रहा। 2017 से 2023 तक के सफर में कुछ नाकामी से मन उदास जरूर होता था, लेकिन UPSC हो या PSC ये आपका वक्त लेता है। आपको लगे रहना होता है। और लगे रहने पर रिजल्ट भी आता है।

nwnews24.com ने जब शुभभ देव से ये पूछा कि UPSC-PSC के लिए त्याग कितना जरूरी होता है? तो उनका जवाब था, कि ये हर व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। पर समर्पण और निष्ठा बेहद जरूरी है, आपको अपने लक्ष्य का पीछा करना होता है और कामयाबी उसी के बूते ही मिल पाती है। शुभम से जब nwnews24.com ने एक तस्वीर भेजने की गुजारिश की, तो मालूम चला कि वो ना तो फेसबुक पर हैं और ना ही व्हाट्सएप पर। यही नहीं उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी चेंज कर लिया है, ताकि उनकी दुनिया सिर्फ और सिर्फ किताबों और लक्ष्य तक ही सिमटी रहे। शुभम ने बताया कि उन्होंने डेढ साल पहले WhatsApp चलाना बंद कर दिया था, जबकि Facebook पर तो वो पिछले 6 साल से नहीं है। हालांकि इसे वो त्याग नहीं कहते हैं। छत्तीसगढ़ में काम करने की चाहत बयां करते हुए शुभम कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में बतौर अधिकारी काम करने की काफी संभावना है। बहुत अच्छा प्रदेश है, बहुत तेजी से विकास कर रहा है। उस विकास में वो अपना भी योगदान देना चाहते हैं। भले ही वो IAS बनकर हो या फिर डिप्टी कलेक्टर बनकर ।

छोटे भाई की कामयाबी पर IAS राहुल देव ने कहा…

छोटे भाई की इस शानदार सफलता पर IAS राहुल देव भी काफी गदगद हैं। nwnews24.com से बात करते हुए कलेक्टर राहुल देव ने अपने भाई की सफलता को कुछ इस तरह से बयां किया। उन्होंने कहा कि …

शुभम की कामयाबी एक बड़ी कामयाबी है, हम सबके लिए बहुत ही गर्व की बात है। मेरे और उसके बीच बस सवा साल का अंतर है। वो काफी होनहार और शांत स्वभाव का है। मैं तो उसे अपने से भी ज्यादा ब्रिलिएंट मानता हूं। मेरा सपना था कि मैं IIT कानपुर जाऊं, लेकिन मैं नहीं जा पाया, उसने IIT कानपुर से बीटेक किया। 10वीं-12वीं दोनों में उसने मेरे से ज्यादा नंबर लाये। मैथ्स तो उसका कमाल का था। एक भाई के तौर पर उसकी कामयाबी मेरे लिए तो बहुत बड़ी खुशी है। उसका सपना IAS का है, मैं तो चाहूंगा कि उसका वो सपना पूरा हो, 15 से UPSC का मेंस होना है, मुझे लगता है वो इस बार जरूर कामयाब होगा। उसके जैसा त्याग मैंने किसी में नहीं देखा, ना व्हाट्सएप, ना फेसबुक, फोन नंबर भी उसने चेंज कर लिया था। ये सफलता उसके समर्पण और निष्ठा की है।

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