हेडलाइन

रीयूनियन में मिला अपनों का साथ, “नए इरादे और संकल्पों के साथ जश्न”

यदुमणि सिदार

लेखक- चाँपा जाँजगीर में SDOP हैं

बीते हुए लम्हे भी गजब के होते है, जो अपनी ताजगी का अहसास हमेशा कराते रहते है। इस पर भी जब अपनों का साथ हो वे करीब हो तो फिर कहना ही क्या। सब इंस्पेक्टर 1998 बैच के रीयूनियन के दौरान ऐसा ही हुआ। काफी समय से कोर कमेटी इसकी तैयारी कर रही थी। होटल वी डब्ल्यू कैनियन, रायपुर को हमने चुना इस खास मौके के लिये। 31 मार्च और 1 अप्रैल 2023 के दिन समर्पित रहे उन साथियों को जिन्होंने 1 अप्रैल 1998 को पुलिस प्रशिक्षण के लिए जेएन पी ए सागर (मध्यप्रदेश )को जॉइन किया था। इसमे सब इंस्पेक्टर, सूबेदार और टेक्निकल भर्ती के युवा शामिल थे। पुलिस की सेवा में 25 वर्ष पूरे होने पर एक दूसरे से गले लगाकर मेलजोल, संवाद और सुखदुख साझा करना रीयूनियन का मुख्य उद्देश्य था। 98% ,सैकडो की संख्या में भागीदारी ने इसे सफल बनाया।

स्वागत है अतिथि आपका छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यह आयोजन हो रहा था, ऐसे में जरूरी था कि यहां की परंपरा के तहत अतिथियों का स्वागत सत्कार हो जो विभिन्न क्षेत्रों से जहां पधारे थे। विमानतल पर उनकी धमाकेदार अगवानी करने के साथ आयोजन स्थल तक छत्तीसगढी नाचा के साथ प्रवेश कराया गया। इससे संदेश गया कि ना केवल आयोजन खासे बल्कि अतिथि भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। आयोजन स्थल पर इनका शानदार स्वागत किया गया दिलचस्प बात ये थी कि सात समुन्दर पार सूडान में विशेष रूप से भारत का प्रतिनित्व कर सेवा दे रही बैच मेट निधि श्रीवास्तव भी शामिल होने पहुँची ! होटल वीडब्ल्यू कैनियन के प्रेक्षागृह में अतिथियों के आगमन की खुशी देखने लायक रही। वर्षों बाद पुराने समय के साथियों से मिलना बेहद दिलचस्प रहा। परिचय सत्र में सभी ने बारी-बारी से अपने बारे में जानकारी दी और कार्यक्षेत्र से जुड़े अनुभव को साझा किया।

शेड्यूल निर्धारण ॥- रियूनियन के इस आयोजन के लिए शेड्यूल निर्धारित किए गए और इसे प्रशिक्षण कार्यक्रम की तर्ज पर रखा गया। फिजिकल ट्रेनिंग, परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम इसी के अंतर्गत शामिल किए गए। कुल 6 प्लाटून बनाये गए, जिसमे सदस्य भागीदार रहे। सभी गतिविधियों में उत्साह के साथ प्रदर्शन ने साबित किया कि अरसा गुजरने पर भी बचपना कायम है।

दिखा गजब का हुनर ॥- – वर्दी वाली पुलिस मल्टीटेलेंटेड भी होती है, एक बार यह भी दिखा, रायपुर में। पूरे 25 वर्ष बाद एक साथ, एक जगह हल्के फुल्के मूड में मिलने का अवसर मिला तो संकोच छूटा, शर्म हटी और भीतर की प्रतिभा आई सामने। डांस, सिंगिंग, ग़ज़ल, शेरो शायरी, मिमिक्री से लेकर बहुत कुछ। यानी अद्भुत, अप्रतिम, अद्वितीय। ऐसे में तालियों की गड़गड़ाहट तो स्वाभाविक ही थी।

ड्रेस कोड ॥—- दो दिन तक चले सत्र के लिए ड्रेस कोड भी रखा गया था। इसमे पुरुषों के लिए कोट पेंट टाई, धोती कुर्ता, लोअर टी शर्ट, तो महिलाओं के लिए भी कैटेगरी तय की गई। दोनों ने ही इस स्टेंडर्ड पर काम किया और हर किसी को सम्मोहित किया।

मनोरंजन का पिटारा ॥—बचपन के संगी साथी एक जगह पर हो और खेलकूद ना हो, ऐसा तो संभव नही। इसलिए रायपुर की जमीन का भरपूर उपयोग किया गया। गुब्बारे में हवा भरना, सिर पर पानी लेकर जाना ,कूदना फाँदना जैसे कई खेलों ने परेशान किया तो गुदगुदाने पर भी मजबूर किया। सभी ने इसका जमकर आनंद लिया।

बिछड़ों को किया याद ॥—अपने साथी रहे लोगों को पुलिस भूल नही पाती। बीते वर्षों में हमारे कई साथी कर्तव्य के दौरान शहीद हो गए अथवा अन्य कारण से उन्होंने पृथ्वी लोक से विदा ली। ऐसे सभी स्मृतिशेष को यहां याद किया गया। उनके नाम से टीम बनाई गई। उनके पराक्रम को याद किया गया।

सहेजी गई यादें ॥—— पारिवारिक वातावरण में आयोजित हमारे विशेष कार्यक्रम ने सभी को महसूस करा दिया कि अपनों का साथ बड़ी चीज होती है। इसलिए 2 दिन कब, कैसे बीत गए, पता ही नही चला। इस यादगार पड़ावों को चिरस्थाई बनाये रखने के लिए सभी की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी भी कराई गई। और समग्र कार्यक्रम को ड्रोन कैमरे से भी शूट किया गया ताकि ये पल हमे बार बार एक दूसरे की याद दिलाते रहे।

सफलता के आधार ॥—छत्तीसगढ़ में रीयूनियन के लिए बहुत पहले कोर कमेटी ने विचार कर लिया था लगातार संवाद, संपर्क, उत्प्रेरनापर कार्य हुआ। विशाल, सुरेश, विभोर, ज्योति, कमलेश, बसंत, प्रीतम, उमा, आशा दीदी ,सत्या,ऋतुराज ,एलेक्स ,किरो ,123 एवं साथियों की अत्यंत सक्रियता से आयोजन निर्विवाद रूप से सफल हुआ, अविस्मरणीय बना। इन पंक्तियों के साथ –

पैदा ना हो जमी पे
नया आसमां कोई
दिल कांपता है
आपकी रफ्तार देखकर।

इस पूरे कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के 1998 बैच के पुलिस अधिकारियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। इनमें छत्तीसगढ़ से सुरेश धु्रव, विशाल, विभोर सिंह, सत्यप्रकाश, एलेक्सियस टोप्पो, हेमप्रकाश नायक,पूर्णिमा लामा, प्रतिभा मरकाम,यशश्वरी एरेवार, अलेक्जेंडर किरो, इसी तरह मध्यप्रदेश से ज्योति शर्मा, कमलेश शर्मा, बसंत श्रीवास्तव, आशा दीदी, हरिओम गुप्ता, जितेंद्र पाठक, उमा, राखी और प्रीतम सिंह की विशेष भूमिका रही।

                                    

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