ब्यूरोक्रेट्स

राज्य सरकार की रिट अपील खारिज: व्याख्याता/शिक्षकों के इस मामले पर हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

रायपुर 16 सितंबर 2023। व्याख्याता/शिक्षकों के एरियर्स पर 10% इटरेस्ट देने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की रिट अपील खारिज कर दी है। शिक्षकों व व्याख्याताओं की हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 4 अक्टूबर 2021 को हाईकोर्ट ने 4 माह के भीतर एरियर्स भुगतान का आदेश दिया था। साथ ही ये भी कहा था कि अगर भुगतान में देरी होती है तो पात्रता दिनांक से 10 प्रतिशत ब्याज का भी भुगतान संबंधित शिक्षकों व व्याख्याताओं को करना होगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभाग ने एरियर्स का भुगतान तो किया, लेकिन तय मियाद 4 माह के बजाय एरियर्स देने में 2 साल का वक्त लगा दिया।

मामला कोरिया का है, जहां पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर्स पर 10 प्रतिशत ब्याज देने की एकलपीठ के आदेश के विरूद्ध राज्य शासन की रिट अपील को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता अविनेष कुमार नामदेव, अलोक कुमार बारा, विजेंद्र सिंह, संध्या किरण, ज्योति सिना कुजूर, मनोरमा कुजूर एवं लाला सिंह व्याख्याता (एल0बी0)/शिक्षक(एल0बी0) कोरिया जिला में कार्यरत थे। पूर्व में वो जिला पंचायत कोरिया के कर्मचारी थे एवं उसके पश्चात् शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ था।

शासन के परिपत्र के अनुसार उन्हें 8 वर्ष पूर्ण होने पर पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया गया, किंतु एरियर्स राशि नहीं दी गयी। जिसके बाद सभी ने उच्च न्यायालय में अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एरियर्स एवं ब्याज के लिए याचिका लगाई। सुनवाई के पश्चात उच्च न्यायालय ने दिनांक 4 अक्टूबर 2021 को आदेश दिया कि 4 माह के अंदर एरियर्स का भुगतान करें अन्यथा पात्रता दिनांक से भुगतान दिनांक तक 10 प्रतिशत ब्याज याचिकाकर्ता को देना होगा।

हाईोकोर्ट के आदेश के बाद भी 4 माह में भुगतान नहीं किया गया। एरियर्स देने में विभाग ने 2 साल का वक्त लगा दिया। वो भी बिना ब्याज के। साथ ही राज्य सरकार ने एकलपीठ के आदेश के विरूद्व युगलपीठ के समक्ष एक रिट अपील प्रस्तुत किया और बताया कि राशि आबंटन में विलंब होने के कारण एवं अंर्तविभागीय प्रक्रिया में समय लगने के कारण राशि देने में विलंब हुआ। अतः वह कारण न्यायोचित हैं एवं याचिकाकर्ता ब्याज पाने के हकदार नहीं है। जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि यह उनके वेतन का ही राशि है एवं साल 2020 से एरियर्स की पात्रता है, जिसे न्यायालयीन आदेश के बाद भी दो वर्ष के बाद दिया गया हैं। जिस पर याचिकाकर्ताओं को ब्याज पाने की पात्रता है।

याचिकाकर्ता के वकील अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ अन्य कर्मचारी है जिन्हें ब्याज की राशि मिल चुकी है। किंतु याचिकाकर्ता के प्रकरण में अपील की गयी है। सुनवाई के पश्चात् मुख्य न्यायाधीष एवं एनके चंद्रवंशी की युगलपीठ ने निर्णित किया कि एकलपीठ द्वारा चार माह के अंदर एरियर्स भुगतान के निर्देश के बाद भी दो साल बाद पुनरीक्षित वेतनमान का एरियर्स दिया गया एवं कुछ अन्य कर्मचारियों को ब्याज भी दिया गया। अतः शिक्षकगण को ब्याज देने का आदेश उचित हैं। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में राज्य शासन के अपील को खारिज कर दिया।

Back to top button