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स्टेट टॉपर Exclusive : पार्टी, मस्ती, मूवी वाले यंगस्टर के सारे शौक पूरे करते हुए आस्था बनी स्टेट टॉपर…. पहली बार में प्री भी क्लियर नहीं, दूसरी बार में जनपद CEO और अब बनी डिप्टी कलेक्टर….परीक्षा के ठीक पहले हो गयी थी कोरोना पॉजेटिव

राजनांदगांव 30 अक्टूबर 2021। ….ये टॉपर थोड़ा हटके है ! वो पार्टी करती है…दोस्तों संग घूमती है…खूब सारी फोटो खिंचवाती है…. मूवी देखती है, व्हाट्सएप-इंटरनेट सब चलाती है….वो तब भी, जब परीक्षा सर पर हो। इस टॉपर का सक्सेस श्लोगन है “’टेंशन बिल्कुल नहीं लेने का”…….जी हां इस निराले अंदाज वाली टॉपर का नाम है आस्था बोरकर। PSC की स्टेट टॉपर आस्था की कामयाबी बेहद ही करिश्माई है।

2018 की PSC  में प्री भी नहीं क्लियर कर पायी आस्था ने 2019 PSC में 125 वीं रैंक पायी और फिर 2020 PSC की स्टेट टॉपर बन गयी। ये दीवाली आस्था के लिए डबल बोनाज़ा लेकर आया है। 2019 PSC  में जनपद CEO के पद का जश्न अभी ठीक से मना भी नहीं पायी थी कि 2020 की स्टेट टॉपर की खबर ने खुशियों को लाजवाब कर दिया।

पिता इंजीनियर और मां गृहणी हैं

राजनांदगांव की रहने वाली आस्था के पिता सेक्शन इंजीनियर हैं और मध्यप्रदेश में पदस्थ हैं। मां गृहणी है और एक बड़ी बहन साथ ही राजनांदगांव में रहती है। दिग्विजय कॉलेज राजनांदगांव से 2016 में पहले ग्रेजुएशन और फिर 2018 में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली आस्था ने PSC की पूरी तैयारी राजनांदगांव में ही रहते हुए की। आस्था बताती है कि वो तो ग्रेजुएशन के तुरंत बाद ही PSC की परीक्षा देना चाहती थी, लेकिन वो उस वक्त “अंडर एज” थी। लिहाजा उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की, ताकि आगे की पढ़ाई भी हो जाये और वो PSC की परीक्षा के लिए एलिजिबल भी हो जाये।

2019 PSC में मिली थी जनपद सीईओ की पोस्ट

पिछले महीने ही PSC  2019 का परिणाम आया था। इस परीक्षा में आस्था को प्रदेश में 125वीं रैंक मिली थी। उन्हें इस रैंक के आधार पर जनपद CEO का पद मिला था। हालांकि ये बात दीगर है कि अभी 2019 PSC के सफल कंडीडेट का सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन भी नहीं हुआ है और उससे पहले ही 2020 PSC का रिजल्ट आ गया, जिसमें उन्हें डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट मिल गयी। आस्था बताती है कि पिछली बार की कमियों को 2020 की पीएससी में मैंने दूर किया और परिणाम आप सबके सामने हैं। आस्था ने कहा कि उनहोंने इंटरव्यू में पूरा फोकस किया था। 2019 के इंटरव्यू में आस्था को 75 नंबर मिले थे, जबकि 2020 में उसने शानदार प्रदर्शन करते हुए 125 अंक हासिल किये।

परीक्षा के ठीक पहले हो गयी थी कोरोना पॉजेटिव

आस्था के लिए शिखर तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। पहले 2020 पीएससी की मेंस परीक्षा जून में प्रस्तावित थी, लेकिन ठीक उससे पहले मई में आस्था कोरोना पीड़ित हो गयी और 15 दिन के लिए बीमार पड़ गयी। कोरोना से उबरने के बाद भी उन्हें रिकवर होने में वक्त लगा, बावजूद अपनी तैयारियों को आस्था ने नहीं छोड़ा। इसी बीच जून की मेंस परीक्षा जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गयी, जिसकी वजह से उन्हें तैयारियों का थोड़ा वक्त मिल गया और फिर कल आये परिणाण में आस्था प्रदेश में सबसे अव्वल आयी।

योग करती है, फोटो खिंचवाने, पार्टी और फ्रेंडशिप का भी है शौक

आस्था का शौक और पैशन दूसरे टॉपरों के मिथक को तोड़ने वाला है। वो उन टॉपरों से भी अलग है जो घंटों-घंटों पढ़ाई करते हैं। तैयारी में 18 घंटा देते हैं, दोस्तों, पार्टी, इंटरनेट से खुद को दूर कर लेते हैं….आस्था की पढ़ाई सिर्फ 8 घंटे की होती थी। वो बताती है कि उसे योग करना बहुत ही पसंद है, हर दिन वो योग करती है, इसके अलावे फोटो खिंचवाना उसे खूब पसंद है, दोस्तों संग मस्ती, मूवी…मतलब वो सब कुछ करती है जो उस उम्र में यंगस्टर करते हैं।

आस्था की सीख- सिर्फ टाइम मैनेजमेंट सीखो, बाकी सब खुद हो जायेगा

आस्था से जब NW न्यूज ने सवाल पूछा कि दूसरे टॉपरों की तरह आप भी 16-18 घंटे पढ़ती होगी, जवाब में तेज हंसी के साथ आस्था बोलती है, बिल्कुल भी नहीं। मेरी पढ़ाई सिर्फ 8 घंटे की होती थी। मैने पढ़ाई के दौरान कुछ भी सेक्रेफाई नहीं किया। ना पार्टियां छोड़ी, ना मूवी और ना दोस्तों संग घूमना। मेरी यही सीख है कि सिर्फ टाइम मैनेजमेंट सीखो, बाकी सब खुद हो जायेगा। मेरी तरह अभ्यर्थी बिल्कुल भी टेंशन ना लें, वो ये बिल्कुल ना सोचें, कि ये कैसे होगा। बस वक्त का ख्याल रखे, उनका सही प्रबंधन करें, सब बेहतर होता चला जायेगा।

इंटरव्यू में पूछा गया- कांफिडेंट हैं कि डिप्टी कलेक्टर बनेंगी ?

आस्था बताती है कि उनका इंटरव्यू तो ज्यादा फोकस उनके सब्जेक्ट पर ही था, लेकिन कुछ दिलचस्प सवाल भी हुए। मुझे पूछा गया कि – आप क्या कांफिडेंट हैं कि आप डिप्टी कलेक्टर बनेगी। जवाब में आस्था ने पूरी दृढ़ता से कहा कि- बिल्कुल में बनूंगी। उसी तरह बस्तर से छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, हिंदी साहित्य जैसे विषयों पर ही सवाल पूछे गये। पूर्व परीक्षा में जनपद सीईओ के पद पर चयनित होने की वजह से उनसे जनपद सीईओ को लेकर भी सवाल पूछा गया।

 

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