शिक्षक/कर्मचारी

CG- बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले हेड मास्टर को DEO ने किया सस्पेंड, शो कॉज नोटिस जारी होने के बाद भी जारी था कार्य में लापरवाही

कोरबा 4 अप्रैल 2022 । कोरबा में सरकारी स्कूल के बच्चों की शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त रखने के बजाये बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले हेड मास्टर को DEO ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। DEO की इस कार्रवाई के बाद जहां शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, वही बताया जा रहा है कि निलंबित हेड मास्टर को पहले भी कार्य में लापरवाही को लेकर शो कॉज नोटिस जारी किया गया था, लेकिन प्रधान पाठक की मनमानी लगातार जारी रहने पर डीईओं ने निलंबन की कार्रवाई की है।

पूरा घटनाक्रम कोरबा जिला के करतला विकासखंड का है। बताया जा रहा है कि करतला विकासखंड में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला सलिहाभांठा में प्रधान पाठक के पद पर अमृतलाल बघेल की पदस्थापना थी। प्रधान पाठक के देर से विद्यालय आने और अध्यापन कार्य न कराकर जल्दी घर चले जाने की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भारद्वाज को मिल रही थी। प्रधान पाठक की इस मनमानी का खामियाजा स्कूल के बच्चों को भुगतना पड़ रहा था। स्कूल की एक अन्य शिक्षिका के प्रशिक्षण में चले जाने के कारण स्कूल में अध्यापन कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गया था। लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षाधिकारी जी.पी.भाद्वाज ने मामले की जांच का आदेश BEO संदीप पांडे को दिया गया।

जांच में शिकायत सही मिलने पर आज DEO ने शिक्षा व्यवस्था में गंभीर लापरवाही बरतने वाले शासकीय प्राथमिक शाला सलिहाभांठा के प्रधान पाठक अमृतलाल बघेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। DEO जी.पी.भारद्वाज ने साफ कर दिया है कि कोरोना काल के बाद स्कूलों का संचालन फिर से शुरू हुआ है। ऐसे में यदि कोई भी शिक्षक या फिर प्रधान पाठक बच्चों की पढ़ाई को लेकर मनमानी करता है, तो इस कभी भी बर्दाश्त नही किया जायेगा।

DEO ने बताया कि निलंबित प्रधान पाठक अमृतलाल को पहले भी कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होने अपने आचरण में सुधार नही किया। लिहाजा बच्चों के अध्यापन कार्य के साथ खिलवाड़ करने वाले प्रधान पाठक पर निलंबन की कार्रवाई की गयी है। कोरबा DEO की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। DEO की वार्निंग ने स्कूलों में अध्यापन कार्य के नाम पर खानापूर्ति कर जल्दी घर भागने वाले शिक्षकों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है।

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