शिक्षक/कर्मचारी

प्रमोद कीर्ति के वेतन विवाद में नया ट्विस्ट…..निशाने पर आये ब्लॉक अध्यक्ष बोले- “ये दूसरे संगठन की कारिस्तानी…. मैंने BEO को कहा था वेतन मेरा मत बनाईये”…. मानहानि का ठोकूंगा मुकदमा, RTI भी लगाया…. सबूत के तौर पर पत्र और हड़ताल के दौर की तस्वीर भी भेजी

 बिलासपुर 31 दिसंबर 2021। फेडरेशन के ब्लाक अध्यक्ष प्रमोद कीर्ति के वेतन भुगतान मामले में अब नया ट्विस्ट आ गया है। हड़ताल में रहने के बावजूद दिसंबर का वेतन जारी होने पर प्रदेश भर के सहायक शिक्षकों की नाराजगी झेल रहे प्रमोद ने प्रेस बयान जारी कर इसे साजिश करार दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि..

“साजिश के तहत उनका वेतन जारी कर उन्हें सार्वजनिक तौर पर जलील कराया गया है”

अपने प्रेस बयान में प्रमोद कीर्ति ने बीईओ को भी आड़े हाथों लिया है। प्रमोद ने कहा है कि हड़ताल में रहने के दौरान ही BEO ने उन्हें कॉल कर वेतन भुगतान के संदर्भ में पूछा था, जिसके बाद उन्होंने साफ कहा था कि उनका वेतन ना बनाया जाये। प्रमोद कीर्ति ने कहा है कि …

“मेरी बीईओ सर जी से दिसम्बर माह की वेतन संबंधी बात हुई थी,तो सर बोले कि हम डीईओ सर जी के आदेशानुसार की वेतन रोकना है तो दिसम्बर का रोक रहे है…..मुझे व्यक्तिगत पूछे कि आप मेरे CAC है तो आपका वेतन का क्या करूँ,तो मैं व्यक्तिगत रूप से बीईओ सर जी बोला कि क्या बात करते सर,आप मेरा वेतन रोक दीजिये…….अब इसके बाद सीधा 30 दिसम्बर शाम को मुझे वेतन बनने की जानकारी हुई,तब आज अपनी कार्यकारिणी के साथ बीईओ ऑफिस गए थे,पूछने पर की वेतन कैसे जारी हुआ तो वे बता नही पाए,तब हमनें सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है”

दरअसल सहायक शिक्षक 11 दिसंबर से हड़ताल पर थे। 28 दिसंबर तक चले आंदोलन के दौरान राज्य सरकार ने सख्ती करते हुए हड़ताली शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। जाहिर है बिना DPI के निर्देश के वेतन भुगतान हड़ताली शिक्षकों नहीं होना था, लेकिन खबर ये आयी कि मस्तूरी के ब्लाक अध्यक्ष प्रमोद कीर्ति का दिसंबर माह के वेतन जारी कर दिया गया, जबकि उसी ब्लाक के 870 हड़ताली सहायक शिक्षक अभी भी वेतन की बाट जोह रहे हैं। इस खबर के वायरल होते ही प्रदेश भर के सहायक शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा।

हालांकि इस मामले में खुद प्रमोद कीर्ति सामने आये और उन्होंने NW न्यूज से कहा कि उनका वेतन साजिश के तहत जारी किया गया है, ताकि मैं सहायक शिक्षकों की नजर में जलील किया जा सकू, ये काम विरोधी गुट के लोगों का है, जो नहीं चाहते थे कि हड़ताल कामयाब हो या फिर सहायक शिक्षकों में एकजुटता रहे।

उन्होंने साजिश के तहत अधिकारियों के साथ सेटिंग कर मेरा वेतन बनवाया, ताकि मैं सार्वजनिक तौर पर अपने सहायक शिक्षक साथियों के सामने जलील हो सकूं। उन्होंने कहा कि

“मैं हमेशा से आंदोलन में था, मीडिया के कई कवरेज के दौरान मैं रायपुर में मेरी उपस्थिति सबूत के तौर पर मौजूद है। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं हड़ताल में था और मैंने ये नहीं कहा कि मेरा वेतन बनना चाहिये, मैंने खुद BEO को कहा था कि मेरा वेतन मत बनाईये, क्योंकि मैं हड़ताल में हूं, अगर बनाना है तो सबका बनाईये, लेकिन किसी एक संगठन विशेष के बहकावे में आकर मेरे साथ साजिश किया गया। मैं आपके जरिये उन्हें चेतावनी देता हूं कि मैंने वेतन बनाने के लिए बीईओ को बोला है, ये साबित करें, नहीं तो मैं मानहानि का मुकदमा करूंगा, वैसे मेंने एक RTI लगायी है, ताकि मेरे वेतन बनाने का आधार मैं जान सकूं”

प्रमोद का ये दावा है कि उन्होंने ऐसी कोई बात कही ही नहीं। अब कौन सच्चा है और कौन झूठा, लेकिन इऩ सब के बीच ये बात तो पक्की है कि शिक्षकों के संगठनों की बीच की लड़ाई अब आरोप-प्रत्यारोप से परे एक दूसरे की टांग-खिंचाई तक जा पहुंची है।

इधर इस मामले को लेकर फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने भी तीखी नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि जब से फेडरेशन खड़ा हुआ है, तभी से कुछ कतिपय नेताओं के आंखों में सहायक शिक्षकों की एकजुटता खटक रही है। उन्होंने कहा कि

ये भी फूट डालने की एक चाल है। आंदोलन रहते जब कुछ दूसरे संगठन वाले कामयाब नहीं हुए तो अब नये सिरे से हथकंडा अपनाकर सहायक शिक्षकों में फूट डालने का काम कर रहे हैं। हम आश्वस्त करते हैं कि सहायक शिक्षकों के विश्वास के साथ हम कभी भी खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। मैं संगठन के हर पदाधिकारी की तरफ से खुद जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि अगर वेतन बनेगा तो सबका बनेगा, कोई भी हमारा बदाधिकारी चुपचाप इस तरह से कभी कोई काम नहीं करेगा, जिससे सहायक शिक्षकों का और फेडरेशन का सर नीचा हो। हम सहायक शिक्षकों लिए लड़ते रहेंगे”

 

प्रमोद कीर्ति का लिखित बयान (जस का तस)

साथियों मैं प्रमोद कीर्ति अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन ब्लॉक ईकाई मस्तूरी जो कि पिछले 11 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन आंदोलन में रहा,और 12 तारीख शाम से रायपुर पहुंच कर पूरे 28 दिसम्बर रात तक डटे रहा हूँ,मस्तूरी के मेरे पूरे सहायक शिक्षक साथीगण शत प्रतिशत हड़ताल में शामिल रहें, हड़ताल वापसी के बाद मुझे ज्ञात हुआ कि मेरा वेतन बनाया गया है,आज 31 दिसम्बर को जब मैं बीईओ ऑफिस कार्यकारिणी टीम के साथ गया क्योंकि मेरे बहुत से कार्यकारिणी सदस्यों का भी वेतन षणयंत्र पूर्वक जारी किया गया गया और इस बाबत पूछने पर वो जवाब नही दे पाए,फिर वास्तस्थिति जानने के लिए हमारे द्वारा RTI दायर किया गया है,अन्य संघ जो यहां कार्यरत है उनकी स्थिति यहां पर शून्यता की ओर है क्योंकि वे सहायक शिक्षकों में इस बार जो एकता हुई है उसको पचा नही पा रहे है,हड़ताल अवधि के दौरान भी हमारी एकता को तोड़ने का हर संभव प्रयास किया गया,और वे जब अपने मंसूबे में कामयाब नही हुए तो सीधा ब्लॉक अध्यक्ष को टारगेट करते हुए षणयंत्र पूर्वक वेतन बनाया गया है,हड़ताल अवधि के दौरान मेरी हमारे बीईओ सर जी से दिसम्बर माह की वेतन संबंधी बात हुई थी,तो सर बोले कि हम डीईओ सर जी के आदेशानुसार की वेतन रोकना है तो दिसम्बर का रोक रहे है…..मुझे व्यक्तिगत पूछे कि आप मेरे CAC है तो आपका वेतन का क्या करूँ,तो मैं व्यक्तिगत रूप से बीईओ सर जी बोला कि क्या बात करते सर,आप मेरा वेतन रोक दीजिये…….अब इसके बाद सीधा 30 दिसम्बर शाम को मुझे वेतन बनने की जानकारी हुई,तब आज अपनी कार्यकारिणी के साथ बीईओ ऑफिस गए थे,पूछने पर की वेतन कैसे जारी हुआ तो वे बता नही पाए,तब हमनें सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है,आगे क्या जानकारी दिया जाता है पता चलेगा….मैं प्रमोद कीर्ति इतना ही कहना चाहूंगा पूरी तरह से मुझे षणयंत्र करके मेरा नाम खराब कर फ़ेडरेशन को तोड़ने के मंसूबे से ये काम किया गया है,उनको सहायक शिक्षक संवर्ग की एकता पच नही रही है,मेरा एक एक साथी मेरा जिला ब्लॉक और प्रांतीय टीम अवगत है कि मैं 18 दिनों से रायपुर में अडिग रहकर डटे रहा हूँ,साँच को आंच नही,मेरे विरोधियों का कार्य है,अपनी हरकतों से बाज आये अन्यथा मानहानि का दावा करने को मजबूर होना पड़ेगा….!!

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