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शिक्षक को कोर्ट ने सुनायी सजा : फर्जी सर्टिफिकेट मामले में 5 साल जेल और 10 हजार जुर्माना…. नौकरी पाने लगाया था ऐसा जुगाड़, कि पोल खुलने पर विभाग भी रह गया था दंग…. पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा था गुरूजी को

धमतरी 13 अप्रैल 2022। फर्जी शिक्षाकर्मी को कोर्ट ने 5 साल कैद और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। शिक्षाकर्मी का नाम चंद्रकांत साहू है। 2007 में चंद्रकांत की नियुक्ति प्राथमिक शाला परस्ट्टी में हुई थी। भर्ती के वक्त शिक्षाकर्मी ने फर्जी खेल और अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। इस मामले में मगरलोड थाने में कृष्ण कुमार साहू नाम के व्यक्ति ने इसकी शिकायत की थी। इस मामले में करीब 15 साल बाद आरोपी शिक्षाकर्मी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 5 साल सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है।

कमाल की बात .ये है कि जब इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी शिक्षक चंद्रकांत साहू को गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची थी, तो आरोपी शिक्षक ने भागने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस की टीम ने आरोपी को दौड़ाकर पकड़ा था। आरोपी शिक्षक रायपुर के राजिम का रहने वाला है। शिकायत चंद्रकांत साहू के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी ने शिक्षाकर्मी चंद्रकांत साहू को दोषी पाते हुए पांच साल की कैद के साथ-साथ 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है।

न्यायालय में पेश किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी केएल चरयाणी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद शिक्षक साहू को दोषी मानते हुए पांच वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जांच में जो जानकारी सामने आयी है, उसके मुताबिकशिक्षक ने खेल व अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। दोनों फर्जी थे। जिस स्कूल से पढ़ाने व खेलने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, उस स्कूल प्रबंधन लिखकर दिया था कि आरोपित ने न तो यहां पढ़ाया है न खेल खेला है। आरोपित ने अपने प्रमाण पत्र में एक पूर्व सांसद का मुख्य अतिथि में नाम का उल्लेख भी किया है।

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