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“…जो नेता झीरम में संदिग्ध, जिस पर EOW/ACB में केस उसे बस्तर से प्रत्याशी बनाया” कवासी के खिलाफ कांग्रेस में फूटा लेटर बम, कांग्रेस नेता ने लिखा राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र

रायपुर 26 मार्च 2024। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद अब पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ भी लेटर बम फूटा है। कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे को पत्र लिखकर बस्तर से प्रत्याशी बदलने की मांग की है। उन्होंने कवासी लखमा को बस्तर प्रत्याशी के तौर पर हटाने की मांग की है। शिवनारायण द्विवेदी वो कांग्रेस नेता हैं, जो झीरम नक्सली हमले में भी घायल हुए थे। उसी नक्सली हमले का हवाला देते हुए द्विवेदी ने कवासी लखमा को हटाने की मांग की है।

पत्र में शिवनारायण द्विवेदी ने कहा है कि झीरम हमले में कवासी लखमा की भूमिका संदिग्ध थी, इसके खिलाफ उन्होंने आरोप पत्र में भी जिक्र किया गया था। उन्होंने झीरम घटना के पीड़ित व प्रत्यक्षदर्शी के तौर पर इस मामले में शिकायत करते हुए कहा कि कवासी लखमा की जगह किसी स्थानीय को टिकट दिया जाना चाहिये। शिव नारायण द्विवेदी ने कहा कि कवासी लखमा सिर्फ झीऱम हमले में सवालों में नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ एसीबी ईओडब्ल्यू में भी शिकायत है कि शराब मामले में उन्हें हर महीने पैसे दिये जाते थे। इतने गंभीर आरोपों में घिरे होने के बावजूद कवासी लखमा को प्रत्याशी बनाना उचित नहीं है।

आपको बता दें कि इससे पहले भूपेश बघेल का भी तीखा विरोध हुई थी। भूपेश बघेल को भी राजनांदगांव से प्रत्याशी से हटाने की मांग हुई थी। वहीं पिछले दिनों राजनांदगांव में मंच से ही कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेंद्र दास का  गुस्सा फूटा था।  साथ ही पीसीसी डेलीगेट रामकुमार शुक्ला ने राजनांदगांव से भूपेश बघेल को बदलने की मांग की थी। कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने भी मल्लिकार्जुन खड़गे को कोषाध्यक्ष के खिलाफ पत्र लिखा था।

इधर, बस्तर लोकसभा प्रत्याशी कवासी लखमा  को लेकर कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी के पत्र पर सीएम विष्णुदेव साय ने भी तंज कसा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा छत्तीसगढ़ क्या बल्कि पूरा देश जानता है, झीरम कांड में उनकी किस तरह से गतिविधियां थी। अब कांग्रेस पार्टी पूरी बिखराव में है। कई लोग टिकट वापस कर रहे है तो कई लोग लड़ना नही चाह रहे है, अच्छे अच्छे लोग कांग्रेस छोड़ छोड़कर आज बीजेपी में आ रहे है, तो आप समझ सकते है कि कांग्रेस की क्या स्थिति है।

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