नौंवी अनुसूची में शामिल कराये बगैर नहीं है 76% आरक्षण की राह आसान… मुख्यमंत्री बोले- सभी विधायक साथ चलें प्रधानमंत्री के पास
रायपुर 3 दिसंबर 2022। राज्य सरकार ने आरक्षण बिल को तो मंजूरी सदन में दे दी है, लेकिन नये आरक्षण कानून की राह आसान नहीं है। ये मामला कानूनी पेंच मं उलझ सकता है। लिहाजा राज्य सरकार इसे नौवी अनुसूची में शामिल कराने की तैयारी में है। विधेयक पास होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी पार्टी के विधायकों से अपील की, कि वो नौवी अनुसूची में इसे शामिल कराने के लिए प्रधानमंत्री के पास चलें। मुख्यमंत्री ने आरक्षण विधेयक पास होने के बाद ट्वीट कियाहै..
छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक और शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक पारित हुआ है। इन दोनों विधेयकों में आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का अनुपात तय हुआ है। सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी प्रस्ताव है। इसको मिलाकर छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण हो जाएगा।
राज्य सरकार ने इस विधेयक में पहली बार जिला कॉडर के पदों पर आरक्षण का निर्धारण कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, जिलों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अनुसूचित जाति और जनजाति को संबंधित जिले में उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण मिलेगा। वहीं सामान्य वर्ग के गरीबों को अलग-अलग जिलों में 4 से 10% तक आरक्षण मिलेगा। अभी तक जिला कॉडर का आरक्षण एक शासनादेश के जरिये दिया जाता रहा है। उच्च न्यायालय ने 19 सितम्बर के आदेश में यह आरक्षण अवैध बताकर सरगुजा संभाग के जिलों में खारिज कर दिया था। अब नई व्यवस्था की वजह से किसी-किसी जिले में आरक्षण की सीमा 88% तक हो जाएगी।