अध्यातम

बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए जल्दी से कर लें ये काम, होंगी हर मनोकामना पूरी

राम भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मंगलवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. जिस व्यक्ति पर बजरंगबली की कृपा रहती है उसके कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन की राह आसान हो जाती है. हनुमान जी को अंजनीसुत, वायुपुत्र, श्रीरामदूत, रामभक्त, महाबली, मारुतिनंदन, पवनसुत, श्रीमान, रामदूत, अतुलितबलधाम, बजरंगबली भी कहा जाता है. आज हम आपको एक स्तोत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न हो कर संकटों को दूर कर देते हैं.

बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए जल्दी से कर लें ये काम, होंगी हर मनोकामना पूरी

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श्री हनुमान स्तोत्र

वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं। वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न॥

भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्।

सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं, समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥१॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न।

इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वानराऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः ॥ २॥

सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना, भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ।

कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ, विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम्॥३॥

सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः, कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम्।

प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः॥४॥

प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं, फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत्।

विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्, सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम्॥५॥

नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम्।

सुपुच्छगुच्छतुच्छलंकदाहकं सुनायकं विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम्॥६॥

रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम्।

विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम् सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम्॥७॥

नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः।

सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम्॥८॥

इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः।

प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा न शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह॥९॥

नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे। लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम् ॥ १०॥

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कैसे करें पाठ
मंगलवार के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर पूजा का संकल्प लें. साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें. लाल कपड़े पहनेंगे तो काफी शुभ रहेगा. इसके बाद हनुमान मंदिर जाएं या फिर घर पर ही हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और श्रद्धाभाव से हनुमान स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद हनुमान जी को उनका प्रिय भोग लगाएं. प्रार्थना करें कि आपके जीवन से कष्ट कम हो जाएं और सुख-समृद्धि के साथ जीवन चले. आप मंगलवार की शाम में भी मंदिर में जा कर पाठ कर सकते हैं.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. RGHNEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

 

 

 

 

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