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VIDEO: …और दिवगंत शिक्षाकर्मियों की विधवायें बनी काली… खप्पर और दीया जलाकर निकली सड़कों पर… रास्ते में पुलिस ने रोका..

रायपुर 8 नवंबर 2022। शिक्षाकर्मियों की विधवाओं का आंदोलन जारी है। आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिक्षाकर्मियों की विधवाओं ने काली का रूप लेकर राजधानी की सड़क पर उग्र प्रदर्शन किया। काला टीका और सफेद साड़ी पहनी विधवायें घड़ी चौक आना चाह रही थी, लेकिन सभी प्रदर्शनकारी महिलाओं को स्प्रेशाला मैदान पर ही रोक लिया गया।

अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही विधवाओं ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए विधवा महिलाओं ने खप्पर रैली निकाली गयी। खप्पर औऱ दीये जलाकर विधवा महिलाओं बुढा तालाब से सीएम हाउस तक रैली निकाली गयी।आपको बता दें कि 20 दिन से विधवा महिलाएं अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर रायपुर बूढ़ा तलाब धरना स्थल पर डटी हुई हैं।

2018 से पहले दो तरह के शिक्षकों का वर्ग था कार्यरत: छत्तीसगढ़ में साल 2018 से पहले स्कूलों में दो तरह के शिक्षक कार्यरत थे. पहले ऐसे शिक्षक थे जो स्कूल शिक्षा विभाग में नियमित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे. दूसरे पंचायत और नगरीय निकायों में नियुक्त हुए शिक्षाकर्मी थे. ऐसे शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति रेगुलर नहीं थी वह पैरा शिक्षक के वर्ग में आते थे. इन्हें राज्यकर्मी का भी दर्जा प्राप्त नहीं था. ऐसे शिक्षाकर्मी की मृत्यु के बाद सामान्य सरकारी कर्मचारी की तरह इन्हें अनुकंपा नियुक्ति का पात्र नहीं समझा जाता था. ना ही इसका कोई प्रावधान था. ऐसे में सरकार ऐसे केसों में मृतकों के परिजनों को नियुक्ति नहीं दे पा रही थी।

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