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VIDEO : “आरक्षण बिल पर सोचे-समझे बिना साइन नहीं करूंगी”… राज्यपाल अनुसूईया उईके बोली- सिर्फ आदिवासी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने सत्र बुलाने को कहा था.. लेकिन अब..

धमतरी। छत्तीसगढ़ में आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर में और देरी हो सकती है। राज्यपाल अनुसूईया उईके ने दो टूक कहा है कि जब तक वो नीतिगत रूप से आरक्षण को लेकर किये गये प्रावधान पर संतुष्ट नहीं होगी, तब तक वो हस्ताक्षर नहीं करेगी। धमतरी पहुंची राज्यपाल अनुसूईया उईके ने रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिना सोचे समझे वो बिल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि बिल पर सरकार के साथ चर्चा, उनकी तैयारी और रोस्टरों को ध्यान में रखकर ही बिल पर हस्ताक्षर करेंगी।

राज्य सरकार ने इस दौरान बड़ी बातें बताते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से सिर्फ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बढ़ाने के लिए सत्र बुलाने को कहा था। लेकिन अब वो आरक्षण को 58 को बढ़ाकर 76 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे में अब वो सभी पहलुओं को देखकर और विचार करके ही फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि ये आरक्षण कानून कोर्ट में जायेगा, ऐसे में ये जरूरी है कि हर फैसला सोच समझकर किया जाये।

राज्यपाल ने कहा कि अगर आज उन्होंने हस्ताक्षर या और पता चला कोर्ट में मामला चला गया, तो फिर पुरानी जैसी स्थिति बन जायेगी। इसलिए राज्य सरकार के आंकड़ों और कानूनी प्रावधानों पर वो विचार कर रही है। राज्यपाल ने कहा कि अगर आदिवासी आरक्षण 20 से बढ़ाकर 32 किया जाता, तो वो तुरंत हस्ताक्षर कर देती, लेकिन सभी वर्ग का बढ़ा है। स्वर्ण वर्ग ने भी ज्ञापन दिया है और कहा है कि उनका आरक्षण 10 प्रतिशत नहीं किया गया है, इसलिए वो हस्ताक्षर ना करें।

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