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शाबाश रायपुर पुलिस : 10 सदस्यीय टीम, 1000 CCTV की पड़ताल और 10 दिनों के इन्वेस्टिगेशन के बाद देहरादून से रायपुर पुलिस छुड़ा लायी मासूम को… पिता को मिली खबर तो पुलिस अफसरों के सामने बच्चे का फोटो चूमते बिलख पड़ा..50 हजार में …

रायपुर 20 मार्च 2022। कहां थे तू इतना दिन….जल्दी आ ना…..इसको जल्दी ले आओ ना साहब…देखने का बहुत मन करता है इसको… साहब ले आओ ना……..10 सदस्यीय टीम….1000 CCTV की पड़ताल और 10 दिनों के इन्वेस्टिगेशन के बाद 3 साल के मासूम की सकुशल रिहाई की खबर उसके माता-पिता को लगी…तो अधिकारियों और मीडियाकर्मियों के सामने ही पिता कुछ इसी अंदाज में बिलख-बिलख कर रोने लगा। कभी मोबाइल पर फोटो को चूमता तो कभी अधिकारियों को देखकर रोते-रोते हाथ जोड़ लेता। बेटे के इंतजार में एक बाप के इस दर्द को देख खुद SSP प्रशांत अग्रवाल, ASP अभिषेक महेश्वरी और तारकेश्वर पटेल भी भावुक थे।

दरअसल 3 मार्च को 3 साल के मासूम की रायपुर के राजेंद्र नगर इलाके से अपहरण हो गया था। पुलिस ने काफी जद्दोजहल और लंबे चले इन्वेसिगेशन कर आखिरकार बच्चे को बरामद कर लिया। 10 दिन बाद रायपुर पुलिस ने देहरादून से बच्चे को बरामद किया है। आज रायपुर SSP प्रशांत अग्रवाल, ASP अभिषेक महेश्वरी और तारकेश्वर पटेल की मौजूदगी में रायपुर पुलिस ने दो अपहर्ताओं की गिरफ्तारी और बच्चे की सकुशल बरामदगी की सूचना मीडिया को दी। इधर, रायपुर आईजी ने इस शानदार कामयाबी पर रायपुर पुलिस की पीठ थपथपायी और उनके लिए नकद इनाम की घोषणा की है।

बजरंग सोनवानी ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 9 मार्च को उसके 3 साल के बेटे सुभाष का राजेन्द्र नगर स्थित बूढ़ी माई मंदिर के पास रोड़ किनारे झोपडी से अपहरण कर लिया है। अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 153/22 धारा 363 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया। SSP के निर्देश पर अलग-अलग टीम तैयार की गयी और इन्वेस्टिगेशन शुरू किया गया। CCTV फुटेज की पड़ताल में घटना स्थल पर एक दोपहिया वाहन में संदिग्ध का फुटेज मिला, जिसके रूट को फॉलो करते हुए 1,000 से भी अधिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों की जांच की गयी। सीसीटीवी और अन्य टेक्निक का इस्तेमाल कर पुलिस ने ये जानकारी जुटा ली कि अपहर्ताओं की उपस्थिति उत्तराखण्ड़ के देहरादून में है। आरोपी की उपस्थिति देहरादून में होना पाये जाने पर एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के प्रभारी निरीक्षक गिरीश तिवारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम को देहरादून रवाना किया गया। टीम के सदस्य देहरादून पहुंचकर आरोपी की पतासाजी करना प्रारंभ किये। टीम के सदस्यों द्वारा स्थानीय पुलिस व स्थानीय लोगों को बिना भनक लगे अपने कार्य को अंजाम दिया जाने लगा तथा लगातार 2 दिनों तक देहरादून में कैम्प करते हुए अंततः प्रकरण के मुख्य आरोपी ईरफान अहमद को गिरफ्तार कर अपहृत मासूम सुभाष सोनवानी को सकुशल बरामद किया गया।

पूछताछ में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ईरफान अहमद ने बताया कि देहरादून निवासी सलीम अहमद की तीन पुत्रियां थीं तथा सलीम अहमद की पत्नी को डॉक्टर ने अगला बच्चा नहीं हो पाना बताया था, परंतु सलीम अहमद एक लड़का चाहता था। जिस हेतु उसने अपने परिचितों से कह रखा था कि जो भी उसको लड़का लाकर देगा उसका वह जितना पैसा मांगेगा देगा। ईरफान अहमद सलीम का रिश्ते में साला लगता था जिसे पैसे की आवश्यकता होने पर उसने अपनी पत्नी शबाना परवीन व साथी शेरखान उर्फ गुड्डू निवासी रविग्राम तेलीबांधा रायपुर के साथ मिलकर रायपुर से किसी छोटे बच्चे की अपहरण करने की योजना बना डालीं। योजना के अनुसार तीनों रायपुर शहर में घुम – घुम कर बच्चे की तलाश करने लगे, इसी दौरान तीनों ने थाना सिविल लाईन क्षेत्रांतर्गत बूढ़ी माई मंदिर के पास झोपड़ी बनाकर रहने वाले लोगों के बच्चे को टारगेट किया तथा कुछ दिनों तक लगातार उस स्थान पर जाकर उस बच्चे को चुने जिसका अपहरण करना था तथा दिनांक घटना को मौका पाकर रात्रि में आरोपी ईरफान अहमद एवं शेरखान उर्फ गुड्डू मोटर सायकल में जाकर सोते हालत में मासूम सुभाष सोनवानी का अपहरण कर लिये।

अपहरण पश्चात् आरोपियों ने बच्चे को ईरफान अहमद के निवास मंदिर हसौद ले गये। योजना के अनुसार ईरफान अहमद ने पूर्व से ही अपना, अपनी पत्नि व पुत्री का ट्रेन में सहारनपुर व देहरादून जाने का टिकट बुक करा लिया था तथा आरोपी ईरफान अहमद, अपनी पत्नि व पुत्री के साथ अपहृत सुभाष सोनवानी को टेªेन से लेकर उ.प्र. के सहारनपुर गया जहां उसने अपहृत को आरोपी सलीम के सुपुर्द किया तथा सलीम से 50,000/- रूपये लिया इसके पश्चात् ईरफान अहमद अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया तथा आरोपी सलीम भी अपहृत को लेकर देहरादून चला गया।

प्रकरण में मुख्य आरोपी ईरफान अहमद तथा सलीम अहमद को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से घटना से संबंधित नगदी 5,000/- रूपये, 02 नग मोबाईल फोन, घटना के दौरान आरोपी ईरफान अहमद द्वारा पहने गये शर्ट व टोपी तथा ट्रेन का टिकट जप्त कर आरोपियों के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही की जा रहीं है।

आरोपी शेरखान उर्फ गुड्डू घटना कारित करने पश्चात् रायपुर में ही रूक गया था जो वर्तमान में अपने परिवार सहित रायपुर से कहीं अन्यत्र फरार है, जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। इसके साथ ही घटना में संलिप्त जो भी नाम सामने आएंगे उनकी भी पतासाजी कर गिरफ्तारी की जाएगी।आरोपी ईरफान अहमद मुख्यतः देहरादून का निवासी है जो विगत 20 – 25 वर्षो से रायपुर के श्याम नगर तेलीबांधा में किराए के मकान में निवासरत था जो घटना कारित करने के उद्देश्य से वर्तमान में मंदिर हसौद में किराए के मकान में रह रहा था तथा घटना का मास्टर माइंड व मुख्य आरोपी है। आरोपी वर्ष 2019 में थाना पंडरी, डी.डी. नगर, न्यू राजेन्द्र नगर, कबीर नगर एवं आमानाका से धारा 457, 380 भादवि. के प्रकरण में जेल निरूद्ध रह चुका है जिसके कब्जे से उक्त प्रकरणों में सोने, चांदी के जेवरात एवं नगदी रकम सहित कुल लगभग 20 लाख रूपये का मशरूका जप्त किया गया था। इसके साथ ही आरोपी देहरादून (उत्तराखण्ड) में भी चोरी के प्रकरण में जेल निरूद्ध रह चुका है।

 

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