सावन के महीने में कर लें इस पेड़ की पूजा, भोलेनाथ की कृपा से बनी रहेगी तिजोरी!

हिन्दू धर्म में प्लांट्स का काफी ही ज्यादा महत्व होता है. हिन्दू धर्म में कई पौधों का पूजन किया जाता है. महिलाएं सुबह उठकर तुलसी के पौधे में जल देती हैं.

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इस समय सावन का महीना चल रहा है, ऐसे में भगवान शिव को खुश करने के लिए आप बरगद के पेड़ की कर सकते हैं, भोलेनाथ को बरगद के पेड़ काफी ही ज्यादा प्रिय होता है. ऐसी मान्यता है कि, बरगद के पेड़ में त्रिदेव का वास होता है.

सावन के महीने में कर लें इस पेड़ की पूजा, भोलेनाथ की कृपा से बनी रहेगी तिजोरी!

ऐसे में इस पेड़ की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी तकलीफों से छुटकारा मिल जाता है. इसके साथ ही आपको आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता है. घर में धन – धान्य की भी कोई कमी नहीं होती है. आज हम आपको बताने जा रहे है कि बरगद के पेड़ की पूजा में इस्तेमाल होने सामग्री, पूजा विधि और पूजा के बारे में विस्तार:-

पूजा सामग्री

इस पेड़ की पूजा करने के दौरान आपको रोली, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीप, कपूर, मिठाई कुछ दक्षिणा इत्यादि की जरुरत पड़ती है.

पूजा की विधि

– पूजा शुरू करने से पहले बरगद के पेड़ को जल से स्नान कराएं.
– अब पेड़ के तने को कलावा से बांधें और एक साफ़ – सुधरा कपड़ा से ढकें.
– इसके बाद बरकद के पेड़ को रोली, चंदन और अक्षत का तिलक लगाएं.
– धूप, दीप और कपूर जलाएं और इसी के साथ भोग भी लगाएं.
– वट वृक्ष की 7 या 11 बार परिक्रमा करते हुए पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत लपेटते रहें.
– अब पेड़ की आरती करें
– वट सावित्री व्रत की कथा वट वृक्ष के नीचे ही बैठकर सुने।
– इसके बाद आपको दक्षिणा अर्पित करना होगा।

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इन मंत्रों का जाप करें
ॐ नमो वट वृक्षाय त्रिदेवाय सम्मोहिताय.
ॐ पतिव्रताय सावित्र्यै पतिव्रताय अरुंधती.
जटाधराय ब्रह्मरूपाय नमः..

सावन के महीने में कर लें इस पेड़ की पूजा, भोलेनाथ की कृपा से बनी रहेगी तिजोरी!

सावन सोमवार के विशेष नियम

1) ऐसी मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. ऐसे में आप भगवान शिव के अभिषेक के लिए जिस दूध का इस्तेमाल कर रहे है, उस दूध का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो इस दूध को किसी गरीब व्यक्ति को दान कर सकते हैं.

2) सावन के पूरे महीने व्यक्ति को केवल सात्विक खाना का ही सेवन करना चाहिए। प्याज, मांस मदिरा आदि का सेवन गलती से भी ना करें.

3) ऐसा कहा जाता है कि सोमवार के दिन बेल के पत्तों को तोड़कर नहीं चढ़ाना चाहिए.
4) गंगाजल कभी भी प्लास्टिक के डिब्बे से ना चढ़ाये, हमेशा पीतल के बर्तन का इस्तेमाल करें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Nwnews24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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