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जल्लीकट्टू के दौरान दो पुलिस कर्मियों सहित 45 लोग घायल , 9 लोगों को अस्पताल में कराया गया भर्ती…

तमिलनाडु 15 जनवरी2024|तमिलनाडु के अवनियापुरम में जल्लीकट्टू के दौरान दो पुलिस कर्मियों सहित 45 लोग घायल हो गए हैं। 9 लोगों को की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में रेफर किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु में फसल कटाई का त्योहार पोंगल मनाया जा रहा है। वहीं मदुरै जिले के अवनियापुरम में सोमवार को सांडों को काबू करने का खेल जल्लीकट्टू शुरू हुआ। इसमें 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इससे पहले तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई में 29 लोग घायल हो गए थे।

अवनियापुरम में चल रहे जल्लीकट्टू में लगभग 1000 सांडों और 600 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को अवनियापुरम जल्लीकट्टू उत्सव में एक कार दी जाएगी। इस बार केवल पास वाले बैल मालिकों, काबू पाने वालों को ही अवनियापुरम जल्लीकट्टू में प्रवेश की अनुमति दी गई है।

अवनियापुरम के बाद 16 जनवरी को पलामेडु और 17 जनवरी को अलंगनल्लूर में जल्लीकट्‌टू का खेल होगा।

क्या है जल्लीकट्‌टू का खेल
‘जल्लीकट्टू’ तमिल शब्द है। यह ‘कालीकट्टू’ से बना है। ‘काली’ का मतलब कॉइन (Coin) यानी सिक्का और ‘कट्टू’ का मतलब बांधना होता है। पहले बैलों के सींग पर सिक्कों की पोटली बांध दी जाती थी और जीतने वाले को इनाम में वहीं पोटली मिलती थी। इसमें एक एंट्री गेट से बैलों को छोड़ा जाता है। जो शख्स 15 मीटर के दायरे में बैल को पकड़ लेता है, वह विजेता हो जाता है।

शुभ महीने के पहले दिन जब पोंगल मनाया जाता है तो जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाता है। अवनियापुरम में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे के बीच बैल-आलिंगन खेल के आठ राउंड खेले जाते हैं। प्रत्येक दौर के लिए, कम से कम 70 बैलों को वाडिवासल (बैल सुरंग) से छोड़ा जाता है। बैल बेतरतीब ढंग से जमीन पर हमला करते हैं और अपना रास्ता ढूंढने की कोशिश करते हैं।

खेल के नियम
वश में करने वालों को बैल के सींग पकड़ने और उसके पैरों से चिपकने की अनुमति नहीं है। एक वश में करने वाले को विजेता माना जाएगा यदि वह बैल को 100 मीटर पार करने तक या उसके तीन चक्कर पूरे करने तक पकड़कर रख सकता है। सुरंग से निकलने के बाद बैल को पकड़ने के लिए केवल एक ही व्यक्ति को अनुमति दी जाती है

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