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दस मुस्लिम परिवारों के 70 लोगों ने अपनाया लिया हिंदू धर्म, 11 सौ मुस्लिम परिवारों हिंदू धर्म में वापसी

उत्तर प्रदेश 24 सितम्बर 2023| मुजफ्फरनगर जिले के बघरा में स्थित योग साधना यशवीर आश्रम में महंत स्वामी यशवीर जी महाराज के सानिध्य में, मुजफ्फरनगर जिले के 10 मुस्लिम परिवारों के 70 सदस्यों ने शुद्धि यज्ञ में गायत्री मंत्रों के साथ आहुति देने के बाद हिंदू धर्म को अपनाया. इन परिवारों के सभी 70 सदस्यों के नाम भी बदल दिए गए. अब नाहिद को अरविंद कुमार, नाजिया को कविता तो गुलशन को अक्षय कुमार कहा जाएगा. इसी तरह से परिवार के अन्य सदस्यों के नये नाम रखे गये हैं.

योग साधना यशवीर आश्रम में महंत स्वामी यशवीर जी महाराज के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य मृगेंद्र ब्रह्मचारी ने वेद मंत्रों के साथ विधि-विधान से हवन-पूजन कराकर 10 परिवारों के इन 70 सदस्यों की शुद्धि की। जाकिर का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू ही थे, लेकिन बाद में किसी वजह से उन्होंने 10 वर्ष पूर्व इस्लाम कबूल कर लिया था। अब वह दोबारा हिन्दू धर्म में वापसी कर रहे हैं। वआचार्य मृगेंद्र ब्रह्मचारी महाराज जी ने बताया कि अब तक 1,100 मुस्लिम लोगों ने दोबारा हिन्दू धर्म में वापसी की है। प्रदेश में पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में हिंदुओं का उत्पीड़न कर उन्हें डराकर मुस्लिम बनाया जाता था, लेकिन अब प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ जी की सरकार बनने और माहौल ठीक होने पर पहले धर्म छोड़ गए लोग पुन: हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं। जो धर्म बदल कर चले गए थे अब उनका स्वाभिमान जाग रहा है और वह वापसी कर रहे हैं।

’11 सौ मुस्लिमों ने की हिंदू धर्म में वापसी’
आचार्य मृगेंद्र ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि अब तक 11 सौ मुस्लिम लोगों ने दोबारा हिंदू धर्म में वापसी की है. प्रदेश में पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में हिंदुओं का उत्पीड़न कर उन्हें डराकर मुस्लिम बनाया जाता था, लेकिन अब प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने और माहौल ठीक होने पर पहले धर्म छोड़ गए लोग दोबारा हिंदू धर्म में वापसी कर रहे हैं. जो धर्म बदल कर चले गए थे अब उनका स्वाभिमान जाग रहा है और वह वापसी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के निवासी इन 10 परिवारों के 70 सदस्यों ने बघरा में यशवीर आश्रम में आकर अपने धर्म में पुन: वापसी की है। इन सभी लोगों और बच्चों को गंगाजल से आचमन कराकर जनेऊ धारण कराया। इसके बाद लाल धागे में ओम की माला उनके गले में डाली गई। मुख्यत: वेद मंत्रों और गायत्री मंत्र से हवन कराया गया।

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