कृषि

अच्छी पैदावार और खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए अपनाये ये तरीका 

अच्छी पैदावार और खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए अपनाये ये तरीका 

अच्छी पैदावार और खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए अपनाये ये तरीका खेती में अच्छी और उपजाऊ मिट्टी का होना किसानों की बेसिक जरूरत है। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी की जरुरतों को पूरा करने के लिए खेती में जल्दी और अधिक उत्पादन पर जोर दिया जाता है। ऐसे में कृषि में किसान रासायनिक खाद का इतना उपयोग करते है कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता काफी प्रभावित हो जाती है।

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अच्छी पैदावार और खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए अपनाये ये तरीका

अधिक रासायनिक खाद्य के उपयोग की वजह से बड़े स्तर पर खेत लगातार बंजर होते जा रहे हैं।लगभग सारे किसान खेतों की घटती उर्वरता से परेशान हो चुके और मृदा की उर्वरता बढ़ाने को लेकर चिंता में है। मिट्टी की गुणवत्ता में लगातार हो रही कमी को लेकर किसान अलग अलग तरह के उपाय करने में लगे रहते हैं ताकि उनके खेतों में लगातार अच्छी पैदावार हो।

आधुनिक खेती में लगातार रसायनों और कीटनाशकों के प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता को कम किया जा रहा है। ज्यादा उत्पादन के लिए मिट्टी में अंधाधुंध रसायनिक खाद डाले जा रहे है। इस होड़ में बहुत सारे किसान अपने खेत की मिट्टी को अनुपजाऊ कर रहे हैं। और मिट्टी की गुणवत्ता का क्षरण हो रहा है।

खेत से लंबे समय तक अच्छी पैदावार और अच्छी ऊपज कहते है तो मिट्टी की देखभाल और मिट्टी के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल जरुरी है। मिट्टी में केंचुए एवं कई सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं जिन्हें कीटनाशक और रसायनों की वजह से नुकसान पहुंचता है और एक समय के बाद मिट्टी से ये सभी सूक्ष्म जीव खत्म होते हैं और खेत से पैदावार कम हो जाती है और एक समय के बाद खेत बंजर हो जाते हैं।

मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी करने के लिए किसानों को कुछ उपाय करने चाहिए। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधर हो। मिट्टी किसान की पहचान है, मिट्टी के महत्व को देखते हुए ही सरकार भी लगातार मिट्टी के प्रति किसानों को जागरूक करती है और मृदा के लिए स्वास्थ्य कार्ड की सुविधा भी दी गयी है।

सही देखभाल 

उर्वरकों को सही समय, सही विधि से और सही साधनों के माध्यम से उपयोग किया जाना काफी अच्छा होता है। मैनुअली या मशीन के माध्यम से खेतों में प्रभावी तरीके से उर्वरक डाल सकते है ,ट्रैक्टर के माध्यम से बिजाई करने वाली मशीनों से भी खाद डाले। इससे खेतों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।

पराली एवं फसल अवशेषों को जलाया जाना मिट्टी की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित करता है। इसलिए फसल अवशेष को जलाने की जगह उसे मिट्टी में दबाये ताकि फसल अवशेष सड़ कर खाद बने और खेत की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी के साथ साथ अच्छी पैदावार हो सके ।

मृदा जांच 

मिट्टी की जांच करवा के ही मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा का सही अंदाजा लगाया जाता है, मिट्टी में पोषक तत्वों के मामले में कितना सुधार किया जा सकेगा। और साथ ही इसके अलावा मिट्टी की जांच के बाद ही पता लगाया जा सकेगा की  उर्वरकों का कितना उपयोग किया जाना चाहिए । इसके लिए नजदीकी कृषि सलाहकार या फसल विशेषज्ञ से संपर्क करें और मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार उनसे सही सुझाव लें और मिटटी की जांच कराये।

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