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सहायक शिक्षिका PSC में सेलेक्ट: दो बार प्री व तीन बार इंटरव्यू में नाकामी के बाद भी नहीं डिगा हौसला, पटवारी की नौकरी तक छोड़ी, ठान रखा था, “जब तक तोड़ूंगी नहीं, तब तक छोड़ूंगी नहीं”

रायपुर 8 सितंबर 2023। निकल आती है तदबीरें…संवर जाती है तकदीरें…इंसा अगर चाहे, तो मंजिल पा ही जाता है… यूं तो ये लाइनें पलारी की रहने वाली पूनम कन्नौजे के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है। लेकिन पूनम का सूत्र वाक्य है….”जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं”। बलौदाबाजार की पूनम ने PSC 2022 में कामयाबी का झंडा बुलंद किया है। वो कहते हैं ना, इंसान अगर सीखना चाहें तो हर चीज से सीख सकता है। पूनम ने फिल्म “मांझी द माउंटेन मैन” में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के उस डॉयलॉग से संघर्ष को साधना सीखा। कामयाबी के पैमाने पर बेशक पूनम की सफलता थोड़ी कमतर रह गयी है, लेकिन जिन संघर्षों का सामना करते हुए पूनम ने कामयाबी की ऊंची छलांग लगायी, वो उनकी समर्पण, साधना, संयम और जुनून का बेहतरीन उदाहरण है। पूनम ने PSC 2022 में 70वीं रैंक हासिल कर नायब तहसीलदार में सेलेक्ट हुई है।

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PSC में उनकी ये कामयाबी सिर्फ इसलिए खास नहीं है, कि उन्होंने ये सफलता सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षिका की 10 से 4 बजे तक की नौकरी करते हुए हासिल की। बल्कि ये कामयाबी इसलिए भी खास है, क्योंकि पूनम ने सिविल सर्विस में जाने के लिए पटवारी की पहली सरकारी नौकरी तक को छोड़ दिया। पूनम कहती है कि उन्हें सिविल सर्विस में ही जाना था, ये मेरा पैशन था, इसलिए मैंने पटवारी की नौकरी रिजाइन कर दी, क्योंकि मैं अगर उसे ज्वाइन कर लेती, तो शायद पढ़ने का ज्यादा वक्त नहीं ढूंढ पाती।

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पूनम का सेलेक्शन 2021 में पटवारी में हुआ था। उन्होंने ट्रेनिंग भी की, लेकिन उन्हें लगा कि वो पटवारी बन गयी, तो अपना सपना पूरा नहीं कर पायेगी, लिहाजा, पटवारी की नौकरी छोड़ पूनम ने सहायक शिक्षक की नौकरी ज्वाइन की। पूनम कहती है कि सहायक शिक्षक में सैलरी कम थी, लेकिन उन्हें इस नौकरी में रहते हुए सपने को सच कर दिखाने का भरपूर वक्त मिला।

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सुबह 5 बजे से उठकर पढ़ाई करती थी

nwnews24.com से बात करते हुए पूनम बताती है कि उनकी जिंदगी में अनुशासन थोड़ा कम है, लेकिन लक्ष्य बहुत साफ है। इसलिए पढ़ाई का कोई रूटिन नहीं रखा था, कि इतने ही घंटे पढ़ना है। कभी 5 घंटे, कभी 7 घंटे, कभी 10 घंटे… ऐसी पढ़ाई करती थी। सुबह 5 बजे से उठकर भी पढ़ती थी, इससे स्कूल जाने से पहले दो -तीन घंटे तक पढ़ने का मौका मिल जाता था। ये पूछे जाने पर स्कूल में कैसे पढ़ती थी, जवाब में वो कहती हैं कि स्कूल में भी जब पीरियड के बीच वक्त मिला तो अपनी पढ़ाई कर लेती थी। घर लौटने के बाद भी दो-तीन घंटे पढ़ लेती थी।

फिल्मे देखी, इंस्टा-व्हाट्सएप चलाया, फंक्शन में भी गयी

पूनम थोड़ी अलग मिजाज की अभ्यर्थी हैं। ये पूछे जाने पर कि कितने महीनों से फिल्में नहीं देखी, दोस्तों संग घूमने नहीं गयी, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया नहीं देखा,….. जवाब में हंसते हुए पूनम कहती है, मैंने सब कुछ किया है। फिल्मे भी देखी है, फैमली फंग्शन में भी गयी हूं, व्हाट्सएप और इंस्टा भी चलाया है। वो कहती है कि उन्हें माइंड फ्रेश करने के लिए कुछ चाहिये होता है, पढ़ाई के 6 दिन के बाद वो सातवें दिन खुद को रिफ्रेश रखने के लिए मूवी भी देखती थी और दोस्तों के साथ भी चली जाती थी।

उतार चढ़ाव से भरा रहा PSC का सफर

पूनम ने nwnews24.com से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार PSC -2016 दिया, पहली बार में ही प्री निकल गया, लेकिन मेंस नहीं क्लियर हुआ। 2017 में प्री भी हुआ, मेंस भी लिखा और इंटरव्यू भी दी, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ। 2018 में भी प्री, मेंस और इंटरव्यू तक पहुंची, 2019 में भी यही रहा, लेकिन फिर 2020 और 2021 में प्री भी क्लियर नहीं हुआ। पूनम कहती है, 2020 कोविड पीरियड था, जबकि 2021 में नौकरी ज्वाइन करने की वजह से टाइम मैनेज नहीं कर पायी, इसलिए दोनों बार चूक गयी। लेकिन इस बार 2022 में प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों में सेलेक्ट हुई और 70वीं रैंक के साथ नायब तहसीलदार बनी।

सभी भाई-बहन सरकारी नौकरी में

पूनम कन्नौजे के पिता स्वास्थ्य विभाग में ड्रेसर के पद पर है। तीन बहनों और एक भाई में पूनम पहले नंबर पर है। पूनम खुद नायाब तहसीलदार बनी है, जबकि दूसरे नंबर की बहन रायपुर में फर्मासिस्ट है, जबकि तीसरी बहन स्वास्थ्य विभाग में ही कम्युनिटी हेल्थ आफिसर और छोटा भाई ब्रांच पोस्ट आफिसर है। ये पूछे जाने पर कि क्या पूनम का सपना पूरा हो गया? जवाब में वो कहती है… बिल्कुल नहीं… जब तक तोड़ेंगे नही….तब तक छोड़ेंगे नहीं… मेरा तो लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर का है और जब तक वो नहीं बन जाती, तब तक छोड़ेंगे नहीं।

पूनम के लिए सहायक शिक्षक से नायब तहसीलदार तक का सफर, सिर्फ व्यापम से आगे बढ़कर PSC की कामयाबी तक का सफर नहीं है, बल्कि ये सफर एक मिसाल है… लक्ष्य के प्रति समर्पण और जुनून। PSC की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों को पूनम कहती है कि लक्ष्य आपने तय कर लिया है, तो फिर डिगो मत, अपनी मेहनत पर भरोसा रखो, अपने क्षमता पर यकीन करो, कामयाबी जरूर मिलेगी…ये तय कर लो कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं…!!

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