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“अथ श्री प्रमोशन कथा”: प्रमोशन हो गया इतना पेचिदा की एक ही पार्टी के दो विधायकों के निकले अलग-अलग सुर…दोनों ने लिखा कलेक्टर को पत्र- एक ने कहा- प्रमोशन रोके, दूसरे ने लिखा, प्रमोशन रखें जारी..

राजनांदगांव 13 अक्टूबर 2022। राजनांदगांव में सहायक शिक्षकों के प्रमोशन पर ग्रहण लग गया है। खास बात ये है कि शिक्षक संगठन की शिकवा शिकायत के बाद अब इस मामले में राजनीतिक खींचतान भी दिख रही है। एक मामले में दो विधायकों के अलग-अलग पत्र सामने आये हैं। जिसमें एक विधायक ने इस मामले में रोक लगाने को कहा है, तो दूसरे ने मामले में प्रमोशन के निर्देश को यथावत बनाने को कहा है।

पूरा मामला उस वक्त से शुरू हुआ, जब प्रमोशन के आदेश के दूसरे दिन ही खैरागढ़ विकासखंड में प्रमोशन पर रोक लगा दी गयी। कलेक्टर के निर्देश के बाद पदोन्नत हुए सहायक शिक्षकों के कार्यभार और कार्यमुक्त करने पर रोक लगा दी गरुवार। गुरुवार की शाम BEO कार्यालय की तरफ से जैसे ही इस संदर्भ में सभी प्रधान पाठकों को निर्देश जारी हुआ, सवाल इस बात को लेकर उठने लगे कि आखिरकार प्रमोशन के बाद रोक क्यों ?… बारे में जब राजनांदगांव में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली गयी तो पता चला कि शिक्षक पदोन्नति में नियमों का पालन नहीं किये जाने की शिकायत मिली थी, जिसकी वजह से प्रमोशन को रोका गया है।

इब इस मामले में दो विधायकों के एक ही मुद्दे पर अलग-अलग पत्र सामने आये हैं। कांग्रेस के डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू ने का है कि 24 साल बाद सहायक शिक्षकों की पदोन्नति हुई है। कुछ शिक्षकों ने इस मामले में जांच की मांग की है, लेकिन डोंगरगांव के अधिकांश पदोन्नत शिक्षक ने ज्वाइनिंग कर ली है, ऐसे में प्रमोशन स्थगित करना उचित नहीं है।

वहीं इस मामले में कांग्रेस की ही खुज्जी विधानसभा से विधायक छन्नी साहू ने मामले में विस्तृत जांच की मांकी है। खुज्जी विधानसभा के तहत छुरिया और अंबागढ़ चौकी में सहायक शिक्षकों के प्रमोशन में गंभीर शिकायतें आयी है। शासन के नियमों की अनदेखी कर प्रमोशन किया गाय है। ऐसे में प्रकरणों की जांच कराये बगैर पदोन्नत शिक्षक को कार्यमुक्त और कार्यभार ना करायें।

शिक्षक संगठनों से शुरू हुई शिकायत विधायकों तक पहुंची

जानकारी के मुताबिक अंतिम सीनियरिटी के बगैर ही प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी की गयी थी, जिसे लेकर अलग-अलग शिक्षक संगठनों ने शिकायत की थी। कलेक्टर और डीईओ से हुई शिकायत के बाद खैरागढ़ से प्रमोशन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि नये सिरे से अब पदोन्नति सूची बनायी जायेगी, हालांकि इसे लेकर अभी कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।

छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस और नवीन शिक्षक संघ की तरफ से प्रमोशन लिस्ट को लेकर अलग-अलग बिंदुओं पर आपत्ति जतायी गयी थी। जिन-जिन बिंदुओं पर आपत्ति लगायी गयी उनमें तबादला नीति का पालन नहीं करना, प्रधान पाठक प्रमोशन के बाद पोस्टिंग में मनमानी, विकलांग और महिलाओं को रियायत नहीं दिये जाने जैसी शिकायतें थी।

इस मामले में NW न्यूज 24 के छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेश जैन से बात की, तो उन्होंने बताया कि प्रमोशन में नीति नियमों का पालन नहीं किया गया था। अंतिम सीनियिरिटी लिस्ट के बगैर प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी गयी। कई शिक्षकों को प्रमोशन के बाद उसी स्कूल में प्रधान पाठक बनाने के बजाय दूसरी जगह तबादला कर दिया गया, जबकि दूसरे जगह से लाकर उस स्कूल में पोस्टिंग दी गयी। इसके अलावे महिला और विकलांगों के प्रमोशन के बाद पोस्टिंग दूर दराज क्षेत्र में कर दिया गया। इसकी शिकायत हमने कलेक्टर और डीईओ से की थी।

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