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जानवरों की खरीद-बिक्री, पशु मेला व प्रदर्शनी पर लगा बैन….  चेक पोस्टों पर विभागीय कर्मचारियों की लगी ड्यूटी…. जानिये क्या है वजह  

कवर्धा, 18 नवंबर 2022। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कबीरधाम जिले में लम्पी स्किन डिसीज रोग फैलने की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में पशुओं के परिवहन तथा आवागमन, अंतर्राज्यीय सीमा से लगे हुए क्षेत्रों के पशु हाट-बाजारों में पशु क्रय-विक्रय, पशु मेला व प्रदर्शनी, पशु व्यापारियों एवं बिचौलियों से पशु क्रय-विक्रय इत्यादि गतिविधियों को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया है।
कलेक्टर श्री महोबे ने बताया कि राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लम्पी स्किन डिसीज के नियंत्रण, रोकथाम व बचाव, सतत् निगरानी तथा अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर गठित रैपिड रेस्पॉन्स टीमों के द्वारा कबीरधाम जिले के अंतर्गत क्षेत्रों का निरंतर भ्रमण कर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण का कार्य करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि कबीरधाम जिले के अंतर्गत संवेदनशील 08 चेक पोस्टों पर विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर निरंतर पशु परिवहन पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। आज दिनांक तक कबीरधाम जिले में किसी भी विकासखण्ड से लम्पी स्किन डिसीज का कोई भी प्रकरण नहीं पाया गया है।

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एस.के. मिश्रा ने बताया कि राज्य शासन से जारी गाईड लाईन्स के अनुसार जिले के अंतर्राज्यीय सीमा से लगे 31 ग्राम पंचायतों के 49 ग्रामों में लक्षित 18 हजार 645 गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में टीकाकरण का कार्य किया जा चुका है। नए निर्देशानुसार अंतर्राज्यीय सीमा तथा बेमेतरा जिले के बार्डर से 10 किलोमीटर की परिधि में स्थित कबीरधाम जिले के समस्त ग्रामों में रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। वर्तमान में जिले में 22 हजार 60 की संख्या में लम्पी स्किन डिसीज के विरूद्ध टीकाकरण संपादित किया जा चुका है तथा भविष्य में टीकाकरण के लिए टीकाद्रव्य की पर्याप्त मात्रा उपलब्धता है। उन्होंने समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशु पालकों से अपील करते हुए कहा है कि, उपरोक्त लक्षण यदि किसी भी पशु में परिलक्षित हों तो, तत्काल निकटतम पशु चिकित्सा संस्थाओं को सूचित कर उपचार एवं टीकाकरण में सहयोग प्रदान करें। लक्षण दिखने पर रोगी पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग करना, संक्रमित क्षेत्रों से पशु क्रय-विक्रय पर रोक, मच्छरों, मक्खियों तथा किलनियों का नियंत्रण, जैव सुरक्षा उपाय तथा टीकाकरण के माध्यम से रोग से बचाव संभव है।  

“लम्पी स्किन डिसीज” विषाणु जनित संक्रामक रोग का यह है लक्षण

“लम्पी स्किन डिसीज” गौ-वंशीय तथा भैंस-वंशीय पशुओं में होने वाला एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है, जो मच्छरों, मक्खियों तथा किलनियों के काटने से फैलता है। इस रोग में बुखार के साथ संक्रमित पशुओं के पूरे शरीर पर छोटी-छोटी गुठलियाँ बन जाती है, जो बाद में घाव में बदल जाती है। इस रोग में गोल-गोल दाने त्वचा के अतिरिक्त मुंह, ग्रसनी, श्वसन तंत्र इत्यादि में भी पाये जा सकते हैं। रोग से ग्रसित पशुओं में बढ़े हुए लसिका गं्रथि, पैरों तथा पेट के निचले हिस्से में पानी वाला सूजन, दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात, बाँझपन जैसे लक्षण तथा कभी-कभी पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है।

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