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महादेव सट्टा ऐप पर बड़ी कार्रवाई, सरकार ने 22 ऑनलाइन सट्टेबाजी एप अप्लीकेशन को किया बैन..

5 नवंबर 2023|ED के निर्देश पर आईटी मंत्रालय ने महादेव ऐप समेत 22 गैर कानूनी बेटिंग एप्लीकेशन को ब्लॉक करने का आदेश दिया है. MEITY ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर महादेव बुक ऑनलाइन सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉक का आदेश जारी किया है. राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार के पास वेबसाइट को बंद करने के लिए सुझाव देने का अआईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत पूरा अधिकार था, लेकिन फिर भी पहला अनुरोध ED की तरफ से ही प्राप्त हुआ.

22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने महादेव बुक और रेड्डी अन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है. यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई, जिस जांच में पाया गया कि ऐप का गैरकानूनी संचालन हो रहा है.

हिरासत में हैं महादेव बुक के मालिक

इस मामले में महादेव बुक के मालिक वर्तमान में हिरासत में हैं, उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो PMLA, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय है.

वैध सट्टेबाजी पर भारत में सरकार क्या कर रही है?
बता दें कि अवैध सट्टेबाजी के मामले में जिस महादेव एप की चर्चा हो रही है इसके मेन प्रमोटर छत्तीसगढ़ के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं। महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लगभग एक साल से इस मामले की जांच ईडी कर रही है। अगस्त 2022 से ही महादेव एप मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार असीम दास ने पूछताछ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पैसा दिए जाने की बात कही है।

किस तरीके से काम करते हैं सटोरिए
ईडी ने अवैध सट्टेबाजी के तरीकों पर बताया कि पैसे जुटाने, यूजर आईडी बनाने, ग्राहकों को यूजर आईडी क्रेडेंशियल्स देने और पैसे बांटने जैसे कई काम ब्रांच मालिक करते हैं। इन ब्रांच मालिकों को पैनल कहा जाता है। ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल यूजर को अंधेरे में रखकर होता है। इसका मतलब यह कि यूजर को केवल शुरुआत में ही चंद पैसों का फायदा होता था। बाद में उनके पैसे वापस नहीं मिलता था। ईडी ने महादेव एप का उदाहरण देकर बताया कि फायदे का 80 फीसदी सट्टेबाजी के सूत्रधार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल खुद रखते थे। सामान्य तौर पर एक पैनल में मालिक और चार कर्मी होते थे। एक व्यक्ति एक से ज्यादा पैनल का मालिक हो सकता है।

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