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CG VIDEO मनमानी – बालको की मनमानी लोगों के जीवन में घोल रहा जहर, ठेका कंपनी की आड़ में कहीं भी फेंका जा रहा राखड़, लोगों ने किया चक्काजाम, तो पुलिस-प्रशासन…..

कोरबा 16 दिसंबर 2021- राजनीतिक पहुंच और इंडस्ट्री के पैसों में कितना दम होता है, इसकी बानगी अगर देखनी है तो कोरबा चले आईये……जीं हां अपनी दबंगई और मनमानी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला बालको-वेदांता प्रबंधन अब लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से भी बाज नही आ रहा है। आलम ये है कि पॉवर प्लांट से निकलने वाले राख के लिए बालको प्रबंधन के पास जमीन नही है, लिहाजा राख से पट चुके ऐश डाईक से राखड़ खाली करवाकर पूरे जिले में सरकारी और फारेस्ट के साथ ही निजी जमीनों पर कहीं भी दबंगई पूर्वक खुले में राखड़ डंप कराया जा रहा है।

बालको प्रबंधन की मनमानी से अब आम लोगों के जीवन में जहर घुलने लगा है। आलम ये है कि रसूखदार और राजनीतिक पहुँच वाली ठेका कंपनी की आड़ में प्रबंधन जिले में कही भी राख फेंकने में लगी हुई है, लेकिन जवाबदार विभाग ना तो बालको प्रबंधन पर नकेल कस रहा है और ना ही ठेका कंपनी पर कार्रवाई करने की जहमत उठा रहा है, जिससे परेशान होकर आज बीजेपी के बैनर तले स्थानीय लोगों ने चक्काजाम कर बालकों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। ऐसा नही है कि इस बात का विरोध पहले नही किया गया। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर बकायदा बालको की इस मनमानी और ठेका कंपनी की दबंगई के खिलाफ सड़क पर धरना तक दे चुके है, लेकिन बालको प्रबंधन की इस मनमानी पर आज तलक ना पर्यावरण विभाग ने कोई सख्त कार्रवाई की और ना ही ओव्हर लोड चलने वाले राख की गाड़ियों पर परिवहन और पुलिस विभाग ने कार्रवाई की जहमत उठाने की कोशिश की ।

इसी का नतीजा है कि बालको प्रबंधन के हौसल बुलंद है, और ठेका कंपनी की आड़ में अब खुलेआम सरकारी जमीनों को बिना किसी वैधानिक अनुमति के राखड़ से पाटा जा रहा है। जिससे वहां आसपास रहने वाले लोगों के जीवन पर अब सीधा असर पड़ने लगा है। बालकों की इस मनमानी से तंग आकर आज स्थानीय लोगों ने पार्षद अजय गोड़ के नेतृत्व मे बालकों-रिश्दी मार्ग पर चक्काजाम किया गया। पार्षद अजय गोढ़ ने आरोप लगाया कि बालकों प्रबंधन लगातार मनमानी करते हुए डिंगापरु के आसपास स्थित सरकारी और वन विभाग द्वारा प्लांटेशन किये हुए जमीन पर राखड़ फेंका जा रहा है, जिसका बुरा प्रभाव अब स्थानीय लोगों पर पड़ने लगा है। लेकिन जवाबदार विभाग हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुए है।

ऐसे में उनके पास चक्काजाम के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही बचा था। वहीं दूसरी तरफ बालको प्रबंधन और ठेका कंपनी की दबंगई के खिलाफ किये गये इस चक्काजाम को देखते हुए मौके पर बड़ी सख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था, काफी समझाईश के बाद भी घंटो ये चक्काजाम चलता रहा। पार्षद अजय गोण ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रशासन बालकों और राखड़ परिवहन करने वाली ठेका कंपनी की मनमानी पर रोक लगाने कभी भी सामने नही आये, लेकिन जब जनता ने अपनी समस्या को लेकर चक्काजाम किया गया, तो उन्हे रोकने पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जरूर मुस्तैद है।

गौरतलब है कि बालको प्रबंधन की मनमानी का खामियाजा आज क्षेत्र के लोग भुगत रहे है, फिर चाहे अवैध तरीके से पेड़ कटाई का मामला हो, या फिर खुले में कही भी राखड़ फेंककर आम लोगों के जीवन में जहर घोलने का…….बालको की दबंगई बद्दस्तूर जारी है। ऐसे में एक बार फिर बालकों की इस मनमानी पर संबंधित विभागों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रहा है ? अब ये देखने वाली बात होगी कि समय रहते जिला प्रशासन बालकों की इस मनमानी पर रोक लगा पाता भी है या नही……ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

बालको समझौते के लिए बना रहा है दबाव-पार्षद

बालको के खिलाफ चक्काजाम करने वाले पार्षद अजय गोण ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा कई बार बालको की इस मनमानी के खिलाफ जनदर्शन सहित अलग-अलग विभागों में शिकायत किया गया। लेकिन बालको प्रबंधन अपने अवैधानिक तरीके से राख फेंकने के काम को बंद करने के बजाये उल्टे उन्ही पर समझौता करने का दबाव बना रहा है। अजय गोण ने आरोप लगाया है कि पिछले 3 साल में बालको ने राजनीतिक पहुंच और प्रशासन के संरक्षण में शहर के अधिकांश हिस्से की खाली जमीनों को राख से पाट दिया है, लेकिन इस ओर आज तलक कभी भी जवाबदार विभाग ने न तो राखड़ परिवहन करने वाली ठेका कंपनी पर कार्रवाई की गई और ना ही बालको प्रंबंधन के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया गया।

CSR के नाम पर बालको प्रबंधन लोगों की आंख मेें झोंक रहा धूल…..

बालको प्रबंधन अपनी मनमानी पर पर्दा डालने के लिए समय-समय पर सीएसआर के माध्यम से गांव में कार्य कराने का हवाला देता रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। सीएसआर के माध्यम से मुटठी भर गांव के लोगों को उपकृत कर आज बालकों प्रबंधन उन्ही क्षेत्र की जनता के जीवन के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ कर रहा है। ठेका कंपनी की आड़ में जगह जगह पर राखड़ डंप करारक सीधे तौर पर आम लोगों के स्वास्थ और जीवन से खिलवाड़ करने से भी अब बालकों प्रबंधन बाज नही आ रहा है।

राखड़ के मसले पर बात करने में बालको प्रबंधन का फूल रहा हाथ-पांव

इस पूरे मसले पर NW न्यूज़ ने बालको प्रबंधन की संवाद प्रमुख मानसी चौहान से जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्होने मोबाईल रिसीव न कर कुछ देर बार बात करने का मैसेज फारवर्ड कर दिया। वही बालको कंपनी संवाद कर्मी दीपक विश्वकर्मा से जब इस संबंध में जानकारी चाही गई, तो उन्होने गोलमोल जवाब देते हुए मोबाईल पर कुछ नही कह पाने की मजबूरी बताते हुए इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ दिया गया।

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