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Chandra grahan : साल का पहला चंद्रग्रहण कल, इतने बजे से दिखेगा… देश में इन जगह पर देखा जा सकता है…

रायपुर 5 मई 2023 शुक्रवार को यानि कल बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। ये चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) भारत में भी दिखाई देगा और यही कारण है कि इसका सूतक काल भी माना जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है, इसलिए सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। भारत में यह उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई देगा।


भारत के अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, महासागर, हिंद महासागर, नॉर्थ पोल पर दृश्य होगा। विज्ञान में चंद्र ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है। जिसके अनुसार, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न करती है। चंद्र ग्रहण का असर इंसान के शरीर पर भी होता है, ऐसे में कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है।


भारत में क्या दिखेगा चंद्र ग्रहण?
खगोल विज्ञानियों के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने का मामला है तो ज्यादातर खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। लेकिन टाइम एंड डेट डॉट काम के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।


कब से शुरू होगा चंद्र ग्रहण?
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 मई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो आधी रात को यानी 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। ग्रहण का उच्चतम काल रात 10 बजकर 52 मिनट पर होगा।
यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा


साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो तब ये तीनों एक सीधी लाइन में कुछ देर के लिए आ जाते हैं। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की परछाई सीधी चंद्रमा पर न पड़े तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।


भारत में सूतक काल मान्य हो कि नहीं?
धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।
न जगहों पर दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.

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