हेल्थ / लाइफस्टाइल

श्री मेडिशाईन हाॅस्पिटल के डाॅ सुशील शर्मा डाॅ प्रयंक हिशीकर ने अथराईटिस के बारे में महत्तव पूर्ण जानकारी दी……

रायपुर 11 अक्टोबर 2022 : श्री मेडिशाईन हाॅस्पिटल के डाॅ सुशील शर्मा हड्डी रोग एवं ज्वाईंट रिप्लेसमेंट सर्जन व डाॅ प्रयंक हिशीकर हड्डी रोग एवं आर्थोस्कोपी सर्जन ने अथराईटिस के बारे में महत्तव पूर्ण जानकारी दिये है।
• Arthritis क्या होता है?
गठिया । Arthritis जोड़ों की सूजन व दर्द से जुड़ा रोग है। जिसको गठिया या संधिवात कहा जाता है।Joint pain, arthritis का मुख्य कारण होता है।
• Arthritis दो प्रकार के होते है
उम्र के हिसाब से जोड़ो में घिसाव होना जैसे की hip joint , हांतो के जॉइंट्स जो 50 की उम्र के बाद होने लगते है।जोड में सूजन आना या फिर stiffness लगना जिसे Inflammatory arthritis कहा जाता है।
• Inflammatory arthritis
हमारी जो Immune System (रोगप्रतिकार शक्ति) का काम होता है की हमारे शरीर में जो भी bacteria आ जाए उसके खिलाफ लड़ना। इस immune system के पास एक प्रकार का mechanism होता है जिससे वह अपने शरीर का cell और बहार से आया हुआ cell पहचान सकते है। लेकिन कभी कभी उस mechanism में खराबी आ जाती है उसके वजह से immunity खुद के शरीर के cells को ही बाहर वाला समझ के attack कर देती है। उसी को autoimmune condition कहा जाता है और Inflammatory arthritis उसी का भाग है। Inflammatory arthritis में 100 से ज्यादा अलग अलग प्रकार होते है। ये इस्पे निर्भर करता है की कोन से cell में खराबी है और इसके अलग अलग लक्षण हो सकते है।
• Arthritis Symptoms
घिसाव वाला arthritis वृद्धवस्था में होनेवाला arthritis है। इसमे ज्यादातर चलने वजह से या सीढिया ऊपर निचे करने से घुटनो में दर्द हो सकता है। Inflammatory arthritis में जोड़ो में सूजन रहती है और तकलीफ सुबह ज्यादा रहती है और यह जकड़न आधे घंटे से ज्यादा रहती जो सामान्य नहीं है। अगर आपको यह symptoms है तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
इस बीमारी को treat करने वाले डॉक्टर को Rheumatologist कहते है। अगर arthritis के लक्षण है तो उन्हें आगे evaluate किया जाता है जिसमे कुछ blood test ]&xray किया जाता है जिससे इस बीमारी का निदान किया जाता है और उसपे treatment की जाती है।
• Arthritis Treatment
लोगो में गलतफेमि है की अगर गठिया हो जाए या गठिया की बीमारी चालू हो जाए , तो उसको अच्छी treatment नहीं है। यह बोहोत पुरानी बात है , अभी diagnosis होने के बाद treatment से आप पूरी तरह से ठीक हो सकते हो। इसमें अलग अलग तरीके की के दवाइया आती है जिसमे गठिया के स्तर के हिसाब से ये दवाइया दे जाती है। तीन महीने में एक बार blood test करके गठिया । Aarthritis कितना control में देखा जाता है। Arthritis के treatment में 98 & 99%लोगो को , दवाइयों के कोई side effects नहीं होते और side effects हुए भी तो डॉक्टर्स उन दवाइयों का dose change करके दे देते है। लेकिन अगर Arthritis treatment समय पे न हो तो जो जोड़ में सूजन बानी रहती है, वो जोड़ धीरे धीरे ख़राब होने लगता है।
• Arthritis के लिए घरेलु उपाय
 अगर जोड़ो में दर्द हो तो, Ice packका इस्तमाल करे ।
 जिस जोड़ में सूजन ही उसको आराम देना चाहिए।
 अगर ये करने के बाद भी सूजन कम नहीं हो रही है तो फिर patient को डॉक्टर के सलाह लेनी चाहिए।

World Arthritis Day: अर्थराइटिस से खराब हुए घुटनों के प्रत्यारोपण में कम्प्युटर नेविगेशन सर्जरी है सटीकता का नया मापदंड
डाॅ सुशील शर्मा ने बताया कि हमारे देश में घुटनों का दर्द तथा घुटनों की अर्थराइटिस एक बहुत ही आम तथा गंभीर समस्या बन गई है। इसका सबसे मुख्य कारण आस्टियोआर्थराइटिस है, जिसमें उम्र बढऩे की वजह से घुटनों का कार्टिलेज घिस जाता है, जिससे घुटनों में दर्द तथा गंभीर अवस्था में घुटनों में टेढ़ापन आ जाता है। घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी इन मरीजों में आश्चर्यजनक परिणाम देती है। इससे मरीज के घुटने का दर्द तथा टेढ़ापन खत्म हो जाता है और मरीज अपनी दिनचर्या बिना किसी दर्द या तकलीफ के आसानी से पूरी करने लगता है। इन्हीं खूबियों के कारण आज लाखों मरीज घुटने की रिप्लेसमेंट (प्रत्यारोपण) सर्जरी कराकर उसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं। अब कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक ने घुटनों की प्रत्यारोपण सर्जरी ने सटीकता का एक नया आयाम प्रदान किया है।

 मिलता है शीघ्र आराम
कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक से किये गए घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी में उच्च तथा उत्तम सटीकता के कारण रोगी परंपरागत सर्जरी की तुलना में अधिक तेजी से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है तथा इसमें कृत्रिमता का अहसास बहुत कम होता है। इस सर्जरी के बाद काफी हद तक घुटने की प्राकृतिकता लौट आती है।

 आन स्क्रीन सर्जरी
पूर्ण सक्रिय कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक जो कि विश्व के आधुनिकतम कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक के अंतर्गत मरीज के घुटनों का थ्री-डी बना कर उस मरीज से संबंधित विशिष्ट योजन बनाई जाती है जिसका अंजाम सर्जन की देखरेख में रोबोट से किया जाता है। कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक की सहायता से घुटना प्रत्यारोपण करते समय जोड़ की हर दिशा व हर कोण की तस्वीर तथा जोड़ की हर जानकारी स्क्रीन पर चलती रहती है, जो कि परंपरागत सर्जरी में संभव नहीं है।

 पुरानी स्थिति में लाने का प्रयास
कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक की सहायता से जोड़ की हड्डियों को तराशा जाता है और मरीज की प्राकृतिक शारीरिक बनावट के अनुसार नए जोड़ को सही स्थान तथा सही तरीके से लगाया जाता है। परिणामस्वरुप जोड़ के स्वस्थ भागों को कोई क्षति नहीं पहुंचती है। सर्जरी के बाद जोड़ के समय पूर्व खराब होने की, ढीलापन आने से अपनी जगह छोडऩे की संभावना कम हो जाती है तथा सर्जरी के बाद रोगी को जोड़ में कृत्रिमता का अहसास भी नहीं होता है।

 बचाव होता है अनावश्यक क्षति से
इस कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक से घुटनों की परंपरागत सर्जरी की तुलना में मरीज को अधिकाधिक गतिशीलता प्राप्त होती है और सर्जरी के बाद घुटने अधिक से अधिक प्राकृतिक होते हैं। सर्जन केवल क्षतिग्रस्त हिस्से पर ही काम करते हैं जिसके कारण हड्डियों तथा मांसपेशियों को कम हानि होती है, रक्तस्राव भी कम होता है। कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक में उच्च शुद्धता के कारण रोगी परंपरागत सर्जरी की तुलना में अधिक तेजी से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है तथा अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल जाती है। सही एलाइनमेंट के कारण परंपरागत घुटने की सर्जरी की तुलना में ज्वाइंट इंप्लांट की उम्र भी बढ़ जाती है। कम्प्युटर नेविगेशन तकनीक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी आधुनिक तकनीक तथा सर्जन की कुशलता की जुगलबंदी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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