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शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति घोटाला: EOW का जल्द कसने वाला है अफसरों पर शिकंजा, पुरानी फाइलें खोलने की तैयारी, मांगे गये दस्तावेज

बिलासपुर 2 मई 2024। शिक्षा विभाग में हुए अनुकंपा नियुक्ति घोटाले मामले में EOW का शिकंजा कसने वाला है। EOW ने इस मामले में अब DEO से दस्तावेज तलब किये हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में EOW बड़ा एक्शन ले सकता है। दरअसल कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में बड़ा गोलमाल हुआ था। हालांकि खुलासे के बाद कईयों पर FIR हुई, कईयों को बर्खास्त किया गया। लेकिन अब इस मामले में EOW की इंट्री से बड़े अफसरों का भी नपना भी तय है। शिक्षा विभाग में हुए अनुकंपा नियुक्ति घोटाले की जांच राज्य सरकार की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने शुरू कर दी है।

कोरोना काल में अनुकंपा नियुक्ति में हुआ था खेला

दरअसल कोरोना काल में बड़ी संख्या में शिक्षक भी दिवंगत हुए थे। शासकीय नियम के तहत उन दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी थी। लेकिन बड़ी संख्या में काल कालवित हुए शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने में बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार किया गया। नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए, अनुकंपा नियुक्ति दे दी। जब मामले में गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़े हुए तो जांच शुरू हुई, जिसके बाद विभागीय जांच में पाया गया कि प्रभारी डीईओ दासरथी और लिपिक विकास तिवारी ने सांठगांठ कर अपात्र लोगों को नौकरी दे दी है। जांच के बाद 12 में से 11 नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया, सिर्फ एक की नियुक्ति में गड़बड़ी नहीं मिली।

पहले सस्पेंशन, फिर कर दिया गया बहाल

इस गंभीर मामले में दासरथी को निलंबित किया गया, जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया। इस समय वह विभाग में अपने सहायक संचालक के मूल पद पर काम कर रहे हैं। नियुक्ति में गड़बड़ी करने की पुष्टि होने के बावजूद उक्त दोनों व अवैध रूप से नियुक्ति पाने वालों के विरुद्ध किसी तरह की पुलिस जांच की अनुशंसा नहीं की गई। इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई। ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच की और शासन से अपराध दर्ज करने की मांग की है। इसी क्रम में जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ईओडब्ल्यू ने नियुक्ति की प्रक्रिया और विभागीय जांच से संबंधित सभी दस्तावेजों की मांग की है।इसी तरह से क्लर्क तिवारी ने भी अपने आपको बहाल करा लिया।

नियुक्ति नियमों को कर दिया दरकिनार

अनुकंपा नियुक्ति के लिए को शासन की नीति का पालन करना जरूरी थी। लेकिन नियमों को दरकिनार कर दिया गया। मसलन अनुकंपा नियुक्ति में प्रावधान किया गया था कि संबंधित आवेदक के परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पी. दासरथी ने ऐसे 12 कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर कर दी, जो मृतक कर्मचारी के नजदीकी संबंधी नहीं थे या उसके परिवार का कोई अन्य सदस्य सरकारी नौकरी में पहले से ही था। अनुकंपा नियुक्ति में गड़बड़ी करने के उद्देश्य से ही अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तेजी से निपटारा किया गया, ताकि भ्रष्टाचार किया जा सके।

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