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2000 की नोटबंदी पर राजनीति गरमायी.. मरकाम बोले- मोदी सरकार की असफलता का प्रमाण, रमन बोले- बड़े नोटों को बंद करना प्रचलित प्रक्रिया, साव ने भी..

रायपुर 19मई2023। RBI ने 2000 के नोट को बंद करने का फैसला लिया है। 2016 के नोटबंदी के बाद जारी 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान किया है। हालांकि बाजार में मौजूद 2000 नोट फिलहाल चलन में रहेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को सलाह दी है कि वो अब 2000 रुपये के नए नोट ग्राहकों को जारी करना बंद कर दें। ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है. 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोटों को बैंक में जमा कराया जा सकता है। इधर इस मामले में कांग्रेस काफी आक्रामक है। वहीं बीजेपी इसे कालाधन वापसी की दिशा में एक उठाया गया कदम बताया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा किनोटबंदी की असफलता के बाद एक बार फिर 2000 रु के नोट को बंद करने का निर्णय आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनेगा । आरबीआई के द्वारा 2000 रु  के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय घातक और आत्मघाती कदम है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री रहे डॉ रमन सिंह ने कहा है कि आरबीआई की एक सामान्य प्रक्रिया है। बड़े नोटों को बंद करना एक प्रचलित प्रक्रिया है देश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बेहतर डिसीजन है वैसे भी 2000 के 89% नोट आरबीआई में जमा है बाकी नोट भी जमा हो जाएंगे।

नोट बंदी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का बयान सामने आया है। अरूण साव ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार घोटाले और भ्रष्टाचार में लिप्त है। मोहन मरकाम को बताना चाहिए कि उनकी सरकार किस प्रकार से घोटाले और भ्रष्टाचार हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को जीरो टॉलरेंस करके भ्रष्टाचार पर पूरी तरह नियंत्रण लगाया है। राज्य सरकार घोटाले दर घोटाले कर रही है। कोयला,चावल,शराब,गौठान, गोबर,जमीन का घोटाला सरकार कर रही है। मोहन मरकाम को अपने सरकार के घोटाले के बारे में भी कहना चाहिए। नोटबंदी से निश्चित रूप से काला धन और अवैध रूप से नोट रखने वालों पर असर पड़ेगा।

मोहन मरकाम ने बताया- जनता का परेशान करने वाला कदम

पहले ही देश नोटबंदी के जख्मों से अभी तक उभरा नहीं है जिस दौरान नोटबंदी किया गया और 2000 के नोटों को चलन में लाया गया तभी कहा गया था 2000 के नोट से भ्रष्टाचार बढ़ेंगे और नोटबंदी का दुष्परिणाम आज देश भुगत रहा है। आज आरबीआई ने एक बार और 2000 रु के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय करके देश की जनता को बैंकों के लाइन में लगाने की तैयारी कर ली है

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार असल मायने में भ्रष्टाचार को रोकने से ज्यादा भ्रष्टाचार को शह देने में काम कर रही है 2000 रु का नोट पहले बाजार से गायब हुआ और पूंजीपतियों के तिजोरी में जमा हो गई  और मोदी सरकार में बढ़े  भ्रष्टाचार में 2000रु के नोट का महत्वपूर्ण योगदान है। मरकाम ने कहा कि आज 2000रु के नोट को बंद करने का निर्णय मोदी के मित्रों को लाभान्वित करने की योजना है मोदी के मित्र अब जमा किए हुए 2000 रु के नोटों को आम जनता के माध्यम से बैंकों में जमा करवाएंगे और एक बार और अपने काला धन को सफेद करेंगे और नोटबंदी के समय जो स्थितियां थी आज फिर वही स्थितियां उत्पन्न होगी।

दिहाड़ी मजदूर छोटे व्यापारी खोमचा वाले 2000 रु के नोट से परेशान होंगे और उस को बदलने के लिए बैंकों के लाइन में खड़े रहेंगे इस भीषण गर्मी में इस प्रकार का निर्णय गरीब जनता के ऊपर अत्याचार है आरबीआई को बताना चाहिए कि आखिर उन्होंने 2000 रु के नोट को बंद करने का निर्णय क्यों लिया है ?और 2000 के नोट के स्थान पर अब क्या 2000 ₹1000रु और 500रु से छोटी नोट जारी करेगी?या 2000 रु की नोट के स्थान पर 10000 रु की नोट जारी करेगी यह स्पष्ट करना चाहिए?

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