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अजब-गजब यूनिवर्सिटी : 55 छात्रों (सरकारी शिक्षकों) के भविष्य के साथ अजीब खिलवाड़… पहले दिया एडमिशन, फिर ले लिया प्रैक्टिकल और फिर फाइनल एग्जाम के 1 दिन पहले कह दिया आपलोग अपात्र हो !

जगदलपुर 4 जून 2022। बस्तर में स्थित शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय से एक ऐसा मामला निकल कर सामने आया है जो आपको हैरत में डाल देगा क्योंकि विश्वविद्यालय ने एक ऐसा खेल खेला है जिसमें 55 छात्र ( सरकारी शिक्षक) बुरी तरह फंस कर रह गए हैं । पूरा मामला महाविद्यालय के स्नातकोत्तर परीक्षा से जुड़ा है जिसमें शासकीय शिक्षक के तौर पर कार्यरत 55 शिक्षकों ने भी एम ए भूगोल के लिए एडमिशन लिया था ।

उनके ऑनलाइन फॉर्म को विश्वविद्यालय ने शुल्क के साथ रखकर एक्सेप्ट भी किया और विश्वविद्यालय से संबंधित शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने उनके आवेदन के हार्ड कॉपी को स्वीकार करते हुए आगे शुल्क लेकर फॉरवर्ड भी किया । इसके बाद विश्वविद्यालय ने उन्हें प्रैक्टिकल के लिए अपना विद्यार्थी मानते हुए रोल नंबर भी आवंटित किया और प्रैक्टिकल परीक्षा भी उन्होंने दी ।

इसके बाद अचानक से विश्वविद्यालय को यह याद आया कि जिन छात्रों ने फॉर्म भरा है उनका स्नातक में भूगोल विषय नहीं है और ऐसे में वह MA भूगोल की परीक्षा नहीं दिला सकते हैं तो उन्हें परीक्षा के ठीक 1 दिन पहले अपात्र घोषित कर दिया गया । इधर इस पूरी घटना के बाद आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान शिक्षकों ने अपनी तरफ से आवाज उठाने की कोशिश की है और इसके लिए उन्होंने सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे से भी संपर्क किया है जिसके बाद उन्होंने भी उच्च शिक्षा विभाग को पूरे मामले से अवगत कराते हुए शिक्षकों के पक्ष में निर्णय लाने के लिए पहल शुरू कर दी है ।

बीच का रास्ता निकाला जाए – विवेक दुबे

इस पूरे मामले में स्पष्ट तौर पर महाविद्यालय और संबंधित कॉलेज की अधिक गलती है जिसकी सजा अब छात्र यानी हमारे शिक्षक साथी भुगत रहे हैं । यदि वह पात्र नहीं थे तो फिर विश्वविद्यालय ने शुल्क के साथ उनका फॉर्म जमा कैसे कर लिया और रोल नंबर जारी करते हुए उन्हें प्रैक्टिकल एग्जाम में बैठने क्यों दिया, अब उन्हें अपात्र करने से छात्र आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं , हमने विश्वविद्यालय से मांग की है कि इनके प्रकरण को संज्ञान में लेकर इनके पक्ष में निराकरण किया जाए ।

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