बिग ब्रेकिंग

CRPF : ….5 मिनट के आखिरी VIDEO कॉल में पत्नी को राजमणि ने पूछा….”तोहरो के कुछु चाही का”………6 दिन बाद जाने वाले थे छुट्टी पर, लेकिन उससे पहले ही पहुंच गयी मौत की खबर …….पूरा गांव मना रहा था छठ, लेकिन तभी…..

भोजपुर 8 नवंबर 2021। ….मां खातिर ए गो बैग लियल बानी…तोहरो के कुछु चाही का…..वीडियो काल पर राजमाणि की यही आखिरी बात हुई थी पत्नी रिंकी के साथ….ड्यूटी के बाद राजमाणि ने जब घर पर वीडियो कॉल लगाया, तो मोबाइल का चार्ज डाउन था…5 मिनट की बातचीत के बाद ही मोबाइल स्विच आफ हो गया…..और फिर ऑन हुआ तो सुबह-सुबह मौत की मातमी खबर की आवाज आयी।  सुकमा में साथी जवान की गोली का शिकार हुए बिहार के राजमणि यादव की छुट्टी मंजूर हो गयी थी…छह दिन बाद 14 को उऩके घर आने का इंतजार चल रहा था…. लेकिन पत्नी और बच्चों को क्या मालूम था कि ये इंतजार उनका सदा के लिए इंतजार ही रह जायेगा।

पत्नी रिंकी हर 5-10 मिनट में रो-रोकर बेहोश हो रही है….बोलती है…

इ कैसे हो गईल हो…रतवे तो कहिलन ह कि 14 को आइम हम…तोहरा के का चाही….हम तो बोलनिन की….कुछो ना चाही…बस तु आ जा…..हमरा के कुछ ना चाही…बस तु आजा हो…हम कैसे जिंदा रहम अब….

भोजपुर के बिहियां प्रखंड अंतर्गत समरदाह गांव के रहने वाले थे राजमणि यादव। रविवार की देर शाम फोन पर बात करते-करते कटा, तो पत्नी को कोई अचरज नहीं हुआ, क्योंकि अक्सर फोन में बैटरी कम रहने या नेटवर्क की वजह से अचानक से ही कॉल कट जाता था….लिहाजा रात में फोन दोबारा नहीं आया तो भी पत्नी रिंकी ने दोबारा ट्राय नहीं किया और सो गयी, लेकिन सुबह 7 बजे फोन की घनघनाहट के साथ परिवार के लोगों की नींद टूटी तो मौत की मनहूस खबर से घर में कोहराम मच गया। 2011 में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही राजमणि छत्तीसगढ़ में पोस्टेड थे। वो पहले दिवाली में ही घर जाना चाहते थे, लेकिन छुट्टी नहीं मिली….आखिरकार 14 नवंबर से 10 दिन की छुट्टी मंजूर हुई थी।

शादी के पांच साल बाद राजमणि की नौकरी लगी थी। दो बड़ी बेटी और एक बेटे के पिता राजमणि यादव के लिए दोनों बेटियां जान थी। जब भी छुट्टी पर जाते बेटियों के लिए कुछ ना कुछ जरूर लेकर जाते। बेटियों के साथ दीवाली के दिन और फिर उसके एक दिन बाद भी खूब सारी बात राजमणि ने की थी। बेटियों को कहा था मन लगाकर पढ़ना…तुम दोनों को डाक्टर मैडम बनना है। बेपनाह प्यार करने वाले पिता के इस तरह से चले जाने के बाद सलोनी और प्रिया का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनों बस रोते-रोते यही कहती रही कि … पापा हमसे बिना बात किये ही चले गये।

घर पर छठ पूजा के बीच आयी मनहूस खबर के बाद मातम पसरा है। गांव के अधिकांश घरों में छठ पूजा होता है, लेकिन जवान राजमणि की मौत के बाद पूरे गांव में पूजा की रंगीनियों के बजाय मातमी खामोशी है।

Back to top button