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शिक्षा विभाग ब्रेकिंग : निलंबित हुए BEO व प्राचार्य को शिक्षा विभाग से मिली बड़ी राहत… निलंबन अवधि को कार्य अवधि माना ..सिर्फ एक इंक्रीमेंट की लगी पेनाल्टी

रायपुर 4 नवंबर 2022। शिक्षा विभाग ने दो निलंबित हुए अधिकारी को शिक्षा विभाग ने राहत दे दी है। एक बीईऔ और प्राचार्य को राहत देते हुए सिर्फ एक वेतन वृद्धि की पेनाल्टी दी गयी है, जबकि उनका निलंबन अवधि को कार्यदिवस के रूप में स्वीकार कर लिया गया है।

प्राचार्य आर के मनहर के निलंबन अवधि को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। ओपन स्कूल की 10वीं-12वीं परीक्षा के दौरान गंभीर आरोपों से घिरने के बात मिनीमाता शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कसडोल के तत्कालीन प्राचार्य आरके मनहत को 22 फरवरी 2019 को सस्पेंड कर दिया गया था। करीब छह महीने बाद उनका सस्पेंशन 19 सितंबर 2019 को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया था।

वहीं उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किये गये थे। एक परीक्षार्थी ने अपने परिणाम से असंतुष्टि जताते हुए परीक्षा पत्र मांगी थी, जिसमें कहा है गया कि परीक्षा केंद्र में दी गयी उत्तर पुस्तिका और छाया प्रति में मिली उत्तर पुस्तिका में अंतर थी। साथ ही अनुशासनहीनता के भी गंभीर आरोप लगे थे। मामले की जांच के लिए कसडोल के बीईओ को जांचकर्ता बनाया गया था। जांच में अधिकारी ने एक इंक्रीमेंट को रोकने की अनुशंसा की थी।

उस रिपोर्ट के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राचार्य आरके मनहर को एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिया है। वहीं उनके निलंबन काल को कार्य दिवस मानने का निर्देश दिया है।

वहीं एक अन्य आदेश शिक्षा विभाग के पूर्व BEO के भी सस्पेंशन पीरियड को ड्यूटी अवधि मानने का आदेश शिक्षा विभाग ने दिया है। दरअसल छुरिया के तत्कालीन बीईओ लालजी दि्वेवदी पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे थे। लालजी द्ववेदी पर दो मृतक सरकारी कर्मचारी के नाम पर वेतन निकालने और एक शिक्षक का गलत डीए निर्धारण करने का आरोप लगा था। इस मामले में 10 अगस्त 2020 को उन्हें निलंबित किया गया था। बाद में करीब दो मीहने बाद 6 अक्टूबर 2020 को उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया। विभाग ने 7 जनवरी को उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था।

आरोप था कि कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी 3 महीने तक वेतन की निकासी गी गयी। वहीं एक शिक्षक तुकाराम चंद्रवंशी के डीए के एरियर्स में गड़बड़ी कर 3 लाख 51 हजार की अनियमितता की गयी। इस मामले में बीईओ के एक इंक्रीमेंट रोकने की अनुशंसा की गयी थी। अब सरकार ने उनके एक वेतन वृद्धि पर रोक का निर्देश दिया है, वहीं निलंबन अवधि को कर्त्वयअवधि माना है।

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