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खबर का असर :- लंबित पेंशन प्रकरण में तीनों कर्मचारियों को जारी हुई 25 लाख से अधिक की राशि…. खबर के बाद आनन-फानन में पहुंचा बिल ट्रेजरी…. शिक्षक नेता विवेक दुबे ने लंबित पेंशन प्रकरण को सामने लाकर किया था मामले का खुलासा

रायपुर 12 नवंबर 2021। न्यूवे न्यूज़ की खबर और सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे की मुहिम ने एक बार फिर असर दिखाया है । 6 महीने से अपने ही लंबित पेंशन और उपादान राशि के लिए भटक रहे कर्मचारी और उनके आश्रितों को सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे का जैसे ही साथ मिला वैसे ही उनके समस्याओं का निपटारा होने लगा।  न्यूवे न्यूज़ ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था कि कैसे 6 माह से अपने ही पेंशन और उपादान राशि के लिए कर्मचारियों और उनके आश्रितों को कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। बावजूद इसके उनका काम नहीं हो रहा है।  इस खबर का अब जोरदार असर हुआ है । पूरा मामला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेण्ड्रा ब्लाक का है, जहां कि रिटायर्ड प्रधान पाठक सलेस्टिना एक्का , रिटायर्ड स्वर्गीय सेम सिंह लोधाम की धर्मपत्नी अमिता लोधाम लगातार कार्यालय के चक्कर लगा रही थी। उसके बाद भी न तो उन्हें उपादान राशि दी जा रही थी और न ही उनके पेंशन का भुगतान किया जा रहा था। ऐसे में उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे से की जिसके बाद विवेक दुबे ने पूरे मामले को जिला शिक्षा अधिकारी मनोज राय और संयुक्त संचालक आर एस चौहान के संज्ञान में लाया।

उच्च अधिकारियों ने भी तत्काल कार्यवाही करते हुए पत्र जारी किया और जिला शिक्षा अधिकारी मनोज राय ने तो यहां तक निर्देश जारी किए थे कि हर हाल में 25 तारीख तक राहत पेंशन राशि और उपादान राशि दे दी जाए। बावजूद इसके कार्यवाही में लेटलतीफी की गई  और कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया। इसके बाद सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसे सभी मामलों को डीपीआई के समक्ष भी रखा और पूरे मामले की लिखित शिकायत करते हुए यह निवेदन किया कि ऐसे मामलों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जाए इधर जिला शिक्षा अधिकारी मनोज राय ने भी मामले को पुनः संज्ञान में लिया जिसके बाद आनन-फानन में उपादान राशि स्वीकृति का आदेश भी जारी किया गया। और ट्रेजरी में बिल भी जमा किया गया ।

न्यूवे न्यूज़ ने इसे लेकर खबर प्रकाशित की थी जिसमें यह बताया गया था कि किस प्रकार उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की जा रही है जिसके बाद 6 नवंबर के डेट वाला आदेश वायरल किया गया, लेकिन जब हमने ट्रेजरी के सर्वर को चेक किया तो यह पता चला कि कल यानी 11 तारीख को ही कार्यालय ने बिल फाइनलाइज किया है यानी खबर छपने के बाद आनन-फानन में कोषालय में बिल लगाया गया है। सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि सच में 6 तारीख को आदेश जारी कर दिया गया था तो कर्मचारी को या किसी भी अन्य अधिकारी और शिक्षक के पास यह आदेश क्यों नहीं था और फिर इतने दिनों तक बिल कोषालय में क्यों नहीं लगाया गया ।

हालांकि खबर के बाद कर्मचारियों को राहत तो मिली क्योंकि अमिता सिंह लोधाम के लिए 8 लाख 61 हजार की राशि और सलेस्टिना एक्का के लिए 8 लाख 87 हजार की राशि जारी हो गई है वही स्वर्गीय प्रधान पाठक इंद्रभान सिंह उदय की धर्मपत्नी सरोज उदय के लिए भी 9 लाख 45 हजार की राशि जारी हुई है । अब देखना होगा कि राहत पेंशन राशि कार्यालय द्वारा कितने शीघ्रता से जारी किया जाता है ।

उच्च अधिकारियों का मिल रहा पूरा सहयोग – विवेक दुबे

इधर इस मसले पर जब हमने पूरे मामले को उठाने वाले सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे से बात की तो उन्होंने कहा कि

” विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि यह अत्यंत संवेदनशील मामला है। ऐसे मामलों में लेटलतीफी स्वीकार नहीं है । इस प्रकार के प्रकरणों का सामने आना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि शासन प्रशासन के द्वारा इसके लिए पूरी व्यवस्था बनाई गई है कि कम से कम राहत पेंशन राशि और उपादान राशि तो जारी हो ही जाए, लेकिन कार्यालय द्वारा उसे भी जारी नहीं किया जाता है । हालांकि अब प्रकरण का काफी हद तक निराकरण हो गया है और पूर्ण निराकरण होने तक यह लड़ाई जारी रहेगी । ऐसे मामलों में सबसे अच्छी बात यह है कि हमें उच्च अधिकारियों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है । इस मामले में भी डीपीआई  कमलप्रीत सर , स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव  राजेश सिंह राणा सर , बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक  आर एस चौहान सर और जिला शिक्षा अधिकारी  मनोज राय सर का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ और वहां से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए जिसके बाद प्रकरण का निराकरण हुआ जिसके लिए उच्च अधिकारियों को बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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