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झलकियां : कका है तो देवे करी …..कार्यक्रम स्थल पर शिक्षिकाएं करती रही कुर्सियों का जुगाड़…. शिक्षिकाएं मीडियाकर्मियों पर झल्लाती रही … पढ़िेये कार्यक्रम के मुख्य दिलचस्प झलकियां…

रायपुर 29 मार्च 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुरानी पेंशन बहाली पर ऐतिहासिक स्वाग्त किया गया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान करीब 2 घंटे का वक्त कार्यक्रम स्थल पर गुजरा। इस दौरान कई दिलचस्प वाकये हुए। मुख्यमंत्री ने भी खूब चुटकियां ली तो मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया भी काफी दिलचस्प थी। देखिये मुख्य झलकियां 

  • मुख्यमंत्री कार्यक्रम में 20 मिनट देरी से पहुंचे, लेकिन तय वक्त से करीब 1 घंटे ज्यादा वक्त तक कार्यक्रम में रहे।
  • मुख्यमंत्री का पहले तय कार्यक्रम 2 बजे था, लेकिन वो करीब ढ़ाई बजे पहुंचे और फिर शाम 4.30 बजे तक कार्यक्रम में रहे।
  • मुख्यमंत्री का आते ही गेट पर महिला शिक्षिकाओं ने तिलक लगाकर स्वागत किया।
  • कार्यक्रम स्थल पूरा भरा था। पैवेलियन की सारी कुर्सियां भरी थी, वहीं सामने लगी कुर्सियों में भी जगह नहीं थी। कई शिक्षिकाएं तो कुर्सी का ही जुगाड़ करने में जुटी रही।
  • कार्यक्रम स्थल में जब कई शिक्षक व शिक्षिकाओं को ना तो पैवेलियन में जगह मिली और ना कुर्सी मिली तो वो जमीन पर ही बैठ गये।
  • महिला शिक्षिकाएं मीडियाकर्मियों और सामने आकर सेल्फी लेते शिक्षकों को गरियाती रही।
  • महिलाओं के बैठने की जगह से ठीक सामने ही मंच लगा था, जिस पर मीडियाकर्मियों ने कब्जा कर लिया, शिक्षिकाएं ठीक से नहीं देख पा रही थी। गुस्साते हुए आयी एक शिक्षिका तों यहां तक बोल गयी, हम आपलोगों को देखने आये हैं क्या.. यहां से हटिये।
  • कार्यक्रम के दौरान कई शिक्षक शिक्षिकाएं सिर्फ सेल्फी लेने में ही मशगुल थी, उन्हें भाषण और घोषणाओं से कोई मतलब नहीं था।
  • CM भूपेश के मंच पर चढ़ते ही चारों तरफ से तालियां गूंजने लगी। मुख्यमंत्री ने भी मंच के हर तरफ घूम-घूमकर मौजूद लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
  • मुख्यमंत्री जैसे ही कुर्सी पर बैठे- शिक्षकों ने एक ऐसा नारा लगाया कि सुनकर उनकी भी हंसी छूट गयी। शिक्षकों ने नारा लगाया है… कका है तो देवे करी…..
  • ये नारा सुनते ही मुख्यमंत्री ने पहले बगल में बैठे केदार जैन और विरेंद्र दुबे की तरफ देखा और फिर चंद्रदेव राय की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे ।
  • कार्यक्रम के दौरान कका है तो देवे करी वाला अनेकों बार गूंजा, मुख्यमंत्री जब-जब ये सुनते वो मुस्कुराकर कभी हाथ हिलाते तो कभी भीड़ को निहारते।
  • कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री केदार जैन और विरेंद्र दुबे से शिक्षकों के मुद्दे पर बातचीत करते रहे। हंसते-मुस्कुराते जिस तरह से बातें हो रही थी, उससे यही लग रहा था मुख्यमंत्री आयोजन से बेहद खुश हैं।
  • केदार जैन ने कार्यक्रम में शिक्षकों की तरफ से मांग पत्र पढ़ा। मांग पत्र के दौरान उन्होंने OPS की खुशी का जिक्र करते हुए कहा कि जब पुरानी पेंशन की घोषणा हुई तो उनकी पत्नी भी खुशी से नाच उठी।
  • केदार जैन ने कहा कि- मुख्यमंत्रीजी मेरी पत्नी शिक्षिका नहीं है, लेकिन उसे लगा होगा कि अगर ये नहीं भी रहेंगे तो जिंदगी चल जायेगी। सुनते ही मुख्यमंत्री ठहाका मारकर हंसने लगे। बाद में मुख्यमंत्री ने इसका अपने भाषण में भी जिक्र किया।
  • पंचायत सचिव की तरफ से तुलसी साहू ने जब मांग पत्र पढ़ना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि गोबर को चंदन बनाने वाला कोई मुख्यमंत्री है तो वो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। ये सुनते ही मुख्यमंत्री भी खिलखिला कर हंस दिये।
  • तुलसी साहू ने कहा कि उनका नियमितिकरण में बहुत ज्यादा वित्तीय भार नहीं आयेगा। 6 करोड़ मंथली वित्तीय भार से उनका शासकीयकरण हो जायेगा, अगर उनका शासकीयकरण हो गया तो गोबर खरीदी से उससे कहीं ज्यादा कमाकर वो शासन को दे सकते हैं। सुनते ही पूरे कार्यक्रम में तालियां गूंज गयी।
  • कार्यक्रम के दौरान “भूपेश नहीं ये आंधी है, छत्तीसगढ़ का गांधी है” …”भूपेश है तो भरोसा है”…कका है तो देवे करी जैसे नारे गूंजते रहे।
  • चंद्रदेव राय ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि वो आज भी खुद को विधायक नहीं शिक्षक ही मानते हैं। कई लोग तो उन्हें गुरूजी ही कहते हैं। चाहकर भी मैं शिक्षकों की मांगों से खुद को अलग नहीं कर सकता।
  • मुख्यमंत्री के संबोधन की बारी जैसे ही आयी देर तक तालियां गूंजने लगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरूआत की, बांयी ओर के पैवेलियन से जोरदार आवाज आयी… “कका जिंदगी भर राज करबे”….सुनते ही मुख्यमंत्री हंस पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक बहुत दूरदर्शी होता है, उन्हें पता है पुराने वाले (बीजेपी सरकार) आ गये तो पुरानी पेंशन बंद कर देंगे। मुख्यमंत्री के इन बातों को जब कई लोग नहीं समझे तो मुख्यमंत्री ने बताया पुराने वाले मतलब …..सुनते ही जोर-जोर से तालियां बजने लगी।
  • संबोधन के दौरान सीएम ने सभी वक्ताओं की बातों का जिक्र किया, उससे ये साफ था कि मुख्यमंत्री ने सभी की बातों को बड़ा ही ध्यान से सुना।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि, केदार बोले पुरानी पेंशन से उनकी पत्नी खुशी से नाच उठी, कोई अगर महिला संबोधन देती तो वो कहती कि उनके पति भी नाच उठे। सुनते ही महिलाओं ने नीचे से आवाज लगाया… हां नाचने लगे थे…
  • मुख्यमंत्री ने संबोधन के दौरान दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का जिक्र किया तो उनकी आवाज में वेदना साफ दिख रही थी।
  • पंचायत सचिव की तरफ से मांगपत्र में पुरानी पेंशन की मांग की गयी थी, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये पेॆंशन तो सब को मिलेगा, आपलोगों अलग से क्यों मांग रहे। तब मंच पर मौजूद लोगों ने कहा कि उनका शासकीयकरण नहीं हुआ है, इसलिए उन्हे ओपीएस नहीं मिलेगा। तब मुख्यमंत्री सीएस की अध्यक्षता में कमेटी बनाने की बात कही।
  • मुख्यमंत्री कार्यक्रम में नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी का जिक्र किया। मुख्यमंत्री जब वाटर रिचार्ज की बात कह रहे थे, तो उन्होंने कहा कि पहले शौचालय का काम 1 लोटा में हो जाता था, अब एक बाल्टी लगता है। सुनते ही सभी लोग ठहका मारने लगे।
  • कार्यक्रम की खासियत ये रही कि इंडोर स्टेडियम में कई लोग घुस नहीं सके। 2 बजे तक इंडोर स्टेडियम भर चुका था। मुख्यमंत्री करीब ढ़ाई बजे पहुंचे, उस दौरान भी लोगों का आना जारी था, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। करीब 500-1000 की संख्या में लोग बाहर ही इंडोर स्टेडियम के खड़े रहे।
  • जो अंदर नहीं जा सके, वो पुलिस वाले से ही पूछ रहे थे, मुख्यमंत्री का कुछ बोलिस… कुछ घोषणा हुईस का ….
  • कई लोग अंदर नेताओं को फोन कर अंदर घुसाने का जुगाड़ बैठा रहे थे, लेकिन अंदर नेटवर्क की दिक्कत से कॉ

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