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CG VIDEO: गृह विभाग की बैठक पर बोले CM भूपेश……”शाम में कोई भी अधिकारी अपने आफिस में बैठकर नहीं रहेगा”…..चिटफण्ड के मामले कार्रवाई में तेज़ी नहीं, आदिवासियों के प्रकरणों में भी ……झीरम आयोग को लेकर कही ये बड़ी बात…..

रायपुर 10 नवंबर 2021। “चिटफण्ड मामले की लगातार मॉनिटरिंग के बाबजूद, कार्रवाई में तेज़ी नहीं आ रही है….उसी तरह मैंने कहा था कि कोई भी पुलिस अधिकारी शाम में आफिस में नहीं बैठेगा, बल्कि फील्ड में रहेगा,मैंने कल पुलिसिंग में काम में तेज़ी के निर्देश दिए हैं”...दुर्ग रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मुद्दों पर चर्चा की कल देर से गृह विभाग की बैठक में नाराजगी के संदर्भ में पूछे गए सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि

“छत्तीसगढ़ चिटफंड से प्रभावित लोगों के पैसे वापस करने वाला देश का पहला राज्य है। इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग के बावजूद कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है। उसी तरह आईजी एसपी कॉन्फ्रेंस में भी जिन बातों की समीक्षा की गई थी, उन बातों को लेकर कल भी मैंने निर्देश दिया है। आदिवासियों के जो प्रकरण है उसको वापस करना है, मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन उसमें भी तेजी की और आवश्यकता है। पिछली बार हुक्का बारों बंद करने के लिए जो निर्देश दिए गए थे। मैंने कहा था कि शाम में कोई भी पुलिस अधिकारी ऑफिस में नहीं बैठेगा बल्कि फील्ड में नजर आएगा। तो मैंने कल इसी को लेकर निर्देश अधिकारियों को दिया है, बेहतर पुलिसिंग के लिए मैंने टिप्स दिए हैं और कसावट लाने की बात कही है।”

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज प्रदेश में काफी व्यस्त कार्यक्रम है। कुछ देर बाद भिलाई में प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल का व्याख्यान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अच्छी परिचर्चा नेहरू पर होगी, जिसमें पीएल पुनिया सहित हमारे साथी शामिल होंगे।

आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के अध्यक्षता में आज पहली बार दुर्ग जिले में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इसके अलावे मुख्यमंत्री दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह के शोक कार्यक्रम में भी जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने झीरम जांच के मामले पर आयोग बनाने पर कहा कि आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था लेकिन रिपोर्ट अब भी अधूरी है। निश्चित तौर पर उस पर विचार करके जल्द निर्णय लिया जाएगा। बहुत जल्दी इस मामले पर फैसला हो जाएगा।

वहीं राफेल में रिश्वत मामले को लेकर उन्होंने कहा कि लगातार राहुल गांधी इस मामले को उठाते रहे हैं प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था यह अंतरराष्ट्रीय मामला बन चुका है लेकिन क्या कारण है कि भारत सरकार चुप्पी साधी है जो ना खाऊंगा ना खाने दूंगा का नारा लगाते थे मेहनत का पैसा दलाली में जा रहा है खरीदी में गड़बड़ी देखी जा रही है प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। गड़बड़ी नहीं है तो जेपीसी गठन करने में क्यों हिचक रहे हैं?

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